~ अदिति शर्मा (बोधगया)
हम अपने पार्टनर के साथ जीवन के हजारों सपने बुनते हैं। उन सपनों में हम कोई भी काम अलग होकर करने की नहीं सोचते हैं। घर बनाने से लेकर बैंक-बैलेंस तक सभी जॉइंट रूप से संपन्न करना चाहते हैं। भारत में ऐसी स्त्रियों की संख्या लाखों में होंगी, जो वर्किंग होने के बावजूद अपना बैंक अकाउंट तक खुद मैनेज नहीं करती हैं।
अकाउंट का सारा काम उनके पार्टनर करते हैं। विशेषज्ञ बताती हैं कि ऐसा करना सही नहीं होता है। फाईनेंशियल इंडिपेंडेंस के साथ-साथ हेल्दी रिलेशनशिप के लिए भी कुछ बातों के बारे में जानना, उनके लिए सीमायें तय करना बहुत जरूरी है।
*क्या हैं वित्तीय सीमायें*?
फाइनेंशियल बाउंड्री वे हैं, जो आप अपनी भावनाओं की रक्षा करने और अपने वित्त की सुरक्षा के लिए अप्लाई करती हैं। फाइनेंशियल बाउंड्री या वित्तीय सीमाएं आपको स्पष्ट अपेक्षा निर्धारित करने देती है कि आप अपने पैसे का हिसाब-किताब, लेन-देन किस तरह करती हैं।
इसके माध्यम से अपने पैसे और रिश्तों को कैसे संभालती हैं।
शादी करने से पहले आप दोनों शादी कैसे करेंगे, इस बारे में कई चर्चाएं की होंगी। इसमें डेस्टिनेशन वेडिंग या किसी कैजुअल इवेंट या फिर दोनों परिवार विवाह पर कितना खर्च करेंगे जैसे विषय पर भी चर्चा हुई होगी। लेकिन शादी के बाद कपल वित्त के बारे में बात करने से क्यों झिझकने लगते हैं?
इससे पहले कि अपने रिश्ते को अगले स्तर पर ले जाया जाए, फाइनेंस के बारे में स्पष्ट बातचीत करना जरूरी है। यह एक मार्मिक विषय हो सकता है, लेकिन जब पैसे की बात आती है तो एक ही पृष्ठ पर रहना आवश्यक है।
*1. फाइनेंस जॉइंट या अलग :*
तय करें कि एक कपल के रूप में आप अपने फाइनेंस को कैसे संभालना चाहती हैं। क्या आप अपनी आय और व्यय को एक खाते में जोड़ देंगी, या उन्हें अलग रखेंगी?
यदि आप फाइनेंस को कंबाइन कर रही हैं, तो आप यह कैसे तय करेंगी कि पैसे कैसे खर्च करें और कैसे बचाएं? इस पर सोच विचार करने के बाद ही निर्णय लें।
*2. मनी माइंडसेट और कम्युनिकेशन :*
पार्टनर के साथ अपने रिश्ते के साथ-साथ पैसे और मनी माइंडसेट के बारे में बात करें। आप कितना खर्च करने वाली हैं या कुछ बचत भी करने वाली हैं? क्या आप पर कोई कर्ज भी है?
यह भी जांच लें कि आप पार्टनर के साथ पैसों के बारे में बात करने में सहज हैं या नहीं? यदि सहज हैं, तो आपका रिलेशनशिप हेल्दी है।
*3. वित्तीय लक्ष्य :*
भविष्य के लिए अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों पर भी चर्चा करें। क्या आप घर खरीदना चाहती हैं? क्या रिटायर होने के बाद के समय के लिए लिए बचत करना चाह रही हैं? वर्ल्ड टूर करना चाहती हैं?
इसके लिए कितना पैसे देना चाह रही हैं? अपनी फाइनेंशियल प्रायोरिटी के अनुरूप होना जरूरी है।
*4. फाइनेंशियल डिपेंडेंट :*
क्या आप में से किसी पर माता-पिता या भाई-बहन फाइनेंशियल डिपेंडेंट भी हैं? यदि हां, तो आप इन वित्तीय दायित्वों को कैसे संभालेंगी या आपका पार्टनर संभालेगा? इस विषय पर चर्चा करना जरूरी है।
*5. अलग बचत खाते :*
अपने लिए अलग-अलग बचत खाते रखना एक बढ़िया विचार है। भले ही आप अपने पैसे जमा कर रही हों। यह आपमें से प्रत्येक को कुछ वित्तीय स्वायत्तता प्रदान कर सकता है। यह पर्सनल लक्ष्यों के लिए बचत करने में मदद भी कर सकता है।
पैसे के बारे में बात करना आपके लिए असहज स्थिति हो सकती है। यदि आप पार्टनर के साथ हेल्दी रिलेशनशिप चाहती हैं, तो यह बातचीत जरूरी है। अपने फाइनेंस के बारे में खुलकर और ईमानदार रहकर बताएं।
इससे भविष्य के लिए एक मजबूत नींव तैयार हो सकती है। आज ही पार्टनर के साथ फाइनेंस के बारे में बातचीत शुरू करें। (चेतना विकास मिशन).