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राजधानी दिल्ली घूमने का प्लान है तो इन 5 जगहों पर जरूर जाएं

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भारत की राजधानी दिल्ली एक ऐसा शहर है, जो अपने समृद्ध इतिहास और विविध संस्कृति के लिए जाना जाता है. राजधानी दिल्ली एक राजनीतिक केंद्र भी है. दिल वालों की दिल्ली खान-पान और ऐतिहासिक स्थल के लिए दुनियाभर में मशहूर है.

यमुना नदी के किनारे बसे दिल्ली में पर्यटकों का हुजूम हर दिन देखने को मिलता है. यहां की खूबसूरती का लुफ्त उठाने के लिए देश से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी कई लोग आते हैं. ऐसे में दिल्ली में अपने परिवार या दोस्तों के साथ ट्रीप प्लान करना बेहतरीन विकल्प है.

आइए जानते हैं दिल्ली की 5 फेमस जगहों के बारे में

लाल किला

मुगल बादशाहों की राजधानी दिल्ली में लाल किले का निर्माण साल 1638 से 1648 के बीच मुगल सम्राट शाहजहां ने करवाया था. यहां संग्राहलय और पारंपरिक हस्तशिल्प से जुड़ी कई चीजें देखने को मिलती है. लाल दीवारों के कारण शाम के समय इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं. यहां आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ यादगार पल बिता सकते हैं

इंडिया गेट

भारत के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक दिल्ली के कर्तव्यपथ पर स्थित इंडिया गेट, जिसका निर्माण साल 1931 से 1933 के बीच हुआ था. इसकी ऊंचाई लगभग 42 मीटर है. यह दिल्ली की सबसे फेमस जगह है, जहां पर विदेशी भी आना नहीं चुकते हैं. सुबह से लेकर शाम तक बड़ी संख्या में लोगों का यहां जमावड़ा देखने को मिलता है. अपनी फैमिली और बच्चों के साथ यहां विजिट करने का प्लान बेहतरीन साबित हो सकता है.

अक्षरधाम मंदिर

दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. इसे स्वामीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर हिंदू धर्म और इसकी प्राचीन संस्कृति के लिए दुनियाभर में मशहूर है. इसका उद्घाटन 6 नवंबर 2005 में हुआ था. बाद में 8 नवंबर 2005 से इसके पट आम लोगों के लिए खोल दिए गए थे. यहां कल्चरल प्रोग्राम्स से लेकर बोट राइड, लाइट शो और थियेटर का आनंद से सकते हैं.

कुतुब मीनार

दिल्ली के महरौली इलाके में बना कुतुब मीनार दुनिया की सबसे उंची मीनार है. साल 1192 में दिल्ली के पहले मुगल शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसका निर्माण करवायां था. यह मीनार लगभग 73 मीटर ऊंची है, जिसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्मारकों की सूची में भी शामिल किया गया है. इसके दीदार के लिए देश से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी पर्यटक आते हैं.

लोटस टेंपल

इस टेंपल को कमल के फूल की तरह बनाया गया है, जिसमें संगमरमर की 27 पंखुड़ियों का इस्तेमाल किया गया था. इसका निर्माण साल 1986 में हुआ था. इस टेंपल को ‘बहाई मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां पर किसी भी भगवान की मुर्ति नहीं है. इसकी तुलना ऑस्ट्रेलियाई में सिडनी स्थित ओपेरा हाउस से भी की गई है. यहां की हरियाली और शांत वातावरण लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता है. आप अपने परिवार के साथ यहां सुकून के पल बिता सकते हैं.

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