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आप मन से हार गए तो उनकी राह आसान हो जाएगी जो भारत को “हिंदू पाकिस्तान” बना देना चाहते हैं

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मनोजकुमार तिवारी 

राष्ट्रीय राजनीति में श्रीमान मोदी जी, चाणक्य अमित शाह जी की “अपराजेय” जोड़ी के छा जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी – दिल्ली, मप्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र, गोवा (पिछला चुनाव), आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु का चुनाव हार चुकी है. किसी दूसरी पार्टी के नेता ने मोदी, शाह का इस्तीफा मांगा? यहां तक कि बीजेपी के ही किसी नेता की हिम्मत नहीं जो इस्तीफ़ा मांग ले. मॉर्निंग वॉक के बाद कहां जाएगा, पता नहीं.वो तमाम लोग जो देश में लोकतंत्र और कांग्रेस के भविष्य को लेकर चिंतित हैं, उन्हें एक बार वस्तु स्थिति देख लेना चाहिए. 
यही है विवेक का अपहरण. हम वही सोचने लगते हैं, कहने लगते हैं जो सत्ता धारी दल कहवाना चाहता है.क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया के सातवें सबसे बड़े और आबादी के हिसाब से दूसरे सबसे बड़े देश भारत में 29 राज्य हैं. इस देश में विधानसभा की कुल 4139 सीटें हैं.हाल ही में उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड में मिली “प्रचंड” जीत को मिलाने के बाद भी बीजेपी के पास कुल 1443 सीटें हैं. इसमें से करीब 65 फीसद केवल हिंदी हार्टलैंड और कर्नाटक से आती हैं.  कांग्रेस जिसे समाप्त बताया जा रहा है उसके पास पूरे देश में 753 विधायक हैं. ये सब अलग-अलग राज्यों में हैं. कम से कम 12 ऐसे राज्य हैं जहां कांग्रेस की मजबूत उपस्थिति है. इसके बाद नंबर आता है टीएमसी का. ममता बैनर्जी के पास 236 विधायक (केवल पश्चिम बंगाल). आम आदमी के पास 156 विधायक (दिल्ली और पंजाब). समाजवादी पार्टी के पास कुल 111 विधायक हैं. 
दरअसल बीजेपी एक कार्पोरेट कंपनी की तरह काम करती है।  70 सालों का विपक्ष, अकूत पैसा, आरएसएस का विशाल संगठन, मीडिया, अहर्निश प्रचार और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के बाद भी भगवा पार्टी इतना ही हासिल कर पाई है अब तक. ध्यान रहे यह उत्कर्ष का चरम बिन्दु है. आगे का रास्ता नीचे की तरफ ही जाएगा.कुछ तथ्य और हैं जिन्हें आपको जानना चाहिए. टीवी मीडिया की 24×7 की दलाली, व्हाट्सएप और तमाम सोशल मीडिया द्वारा प्रचारित मिथ का जाला तथ्यों की रोशनी में साफ हो सकता है – 
29 राज्यों में बीजेपी के पास सिर्फ 6 राज्य हैं. जी, हां भारत के सिर्फ 6 राज्यों में बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है. उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड, मणिपुर के नतीजे अभी आए हैं उनके बारे में आपको पता ही है. बिहार और मध्यप्रदेश के बारे में भी जानते हैं. छोटे राज्य जैसे सिक्किम, मिजोरम में बीजेपी की 0 सीट. तामिलनाडु बड़ा राज्य है यहां भी बीजेपी की 0 सीट. दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटे हैं. बीजेपी के पास केवल 8 सीटे हैं. याद रहे दिल्ली का चुनाव एंटी-सीएएस, एनआरसी के बैकग्राउंड में हुआ था. बाद में दंगा हुआ. आंध्रप्रदेश विधानसभा में 175 सीटे हैं. बीजेपी के पास केवल 4. केरल में 140 विधानसभा सीटें हैं. बीजेपी के पास केवल एक. पश्चिम बंगाल में 294 सीटे हैं. बीजेपी के पास 74. तेलंगाना विधानसभा में 119 सीटे हैं. बीजेपी के पास केवल 5. ओडीशा में 147 सीटें हैं. बीजेपी के पास केवल 10 सीटें हैं.इसीलिए कहता हूं कि अपने विवेक का अपहरण मत होने दीजिए. 
यह मिथ आपका मोराल तोड़ने के लिए तैयार किया जा रहा है. अगर आप मन से हार गए तो उनकी राह जो भारत को “हिंदू पाकिस्तान” बना देना चाहते हैं – बहुत आसान हो जाएगी.
मनोजकुमार तिवारी 

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