~ आरती शर्मा
अपने आप को युवा बनाये रखने के लिए हम कई तरह की कोशिशें करते रहते हैं। ध्यान-योग से लेकर स्किन और हेयर हेल्थ का ख्याल तक। हम कठिन से कठिन एक्सरसाइज भी कर लेना चाहते हैं। इसके लिए हम शरीर पर दवाब भी बनाते हैं।
इस दौरान हम कई गलतियां कर बैठते हैं, जो हमें फायदा की बजाय नुकसान पहुंचा देता है। हमें अर्ली एजिंग और बीमारी की तरफ धकेल देता है। यहां हम जानेंगे कि हमें अर्ली एजिंग और बीमारी से बचे रहने के लिए ऐसी कौन सी 8 चीजें नहीं करनी चाहिए।
*क्यों होती है एजिंग?*
ऑक्सिडेटिव डैमेज एजिंग का सबसे बड़ा कारक है। मेटाबोलिज्म का धीमा होना भी उम्र बढ़ने का कारण बनता है। माइटोकॉन्ड्रिया द्वारा ग्रहण किए गए लगभग 2-3% ऑक्सीजन एटम रीएक्टिव ऑक्सीजन स्पेसीज में अपर्याप्त रूप से कम हो जाते हैं।
एजिंग से बचे रहने के लिए इन 8 आदतों को छोड़ देना चाहिए :
*1. बहुत अधिक चलना :*
कैलोरी जलाने के लिए हम अपने दिमाग पर बहुत अधिक दबाव डालते हैं। यदि शांत मन के साथ प्रकृति के बीच टहलने जाएं, तो आपके दिमाग पर दवाब नहीं पड़ता है।
जब आप कैलोरी जलाने के लिए खुद पर दबाव डालते हैं, तो कभी-भी वेट लॉस नहीं हो पाता है। इसलिए दवाब देकर चलना सही नहीं है। चलना सबसे अच्छी दवा है, लेकिन जब हर सांस आपके कदमों के साथ तालमेल बिठाते है, तो यह आपको ऊर्जा से भरपूर कर देती है।
*2. देर रात सोना :*
देर रात सोने से एजिंग को बढ़ावा मिल सकता है। अगर आप रात 10 बजे के बाद सो रहे हैं, तो आप अपने हार्मोन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कोई भी बाहरी ताकत इसे ठीक नहीं कर सकती। यह एक बहुत खतरनाक स्थिति पैदा कर सकता है।
दिल के साथ-साथ दिमाग और पूरे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। जो देर से सोते हैं और जो कम से कम छह- सात घंटे की नींद नहीं ले पाते हैं, उनमें हृदय रोग होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
*3. देर से जागना :*
देर से सोने पर व्यक्ति देर से जागता भी है। इसके कारण सोने के समय और शरीर की सर्कैडियन लय के बीच गलत तालमेल हो सकती है।
सर्कैडियन लय शरीर के 24-घंटे के पैटर्न हैं, जो शरीर में विभिन्न प्रक्रियाओं के समय को नियंत्रित करते हैं। इसमें हार्मोन प्रोड्क्शन भी प्रभावित होता है और शरीर को कई समस्याएं भी होने लगती हैं। हमारी उम्र भी कम हो सकती है।
*4. अधिक सेक्स :*
योगी या ध्यानिष्ठ इंसान कितना भी सेक्स करे, फ़र्क नहीं पड़ता. यौगिक संभोग और अधिक ऊर्जा देता है. स्त्री की व्यूटी, सेक्सुअलिटी भी बढ़ती है. लेकिन ऐसे इंसान हैं ही कितने. इसलिए इन्हे अपवाद मान लें.
बहुत अधिक सेक्स से दर्द, सूखापन, जलन और रेड रैशेज की समस्या हो सकती है। यूरीन ब्लेडर और योनि का संक्रमण भी हो सकता है। हृदय रोग का जोखिम बढ़ सकता है। ये सभी समस्याएं उम्र को घटा भी सकती हैं।
*5. यूरीन और स्टूल रोकना :*
बार-बार पेशाब रोकने से पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है। इन मांसपेशियों में से एक मूत्रमार्ग दबानेवाला यंत्र है, जो मूत्र को बाहर निकलने से रोकने के लिए यूरीन पाथ को बंद रखता है।
इस मांसपेशी के क्षतिग्रस्त होने से यूरीन पर कंट्रोल नहीं रह सकता है। पॉटी रोकने से आंत में समस्या हो सकती है।
आंत भारी तो मात भारी. शौच के प्रेसर को रोकना और भी खतरनाक होता है. पेट का रोग बढ़ता है. पेटरोग तमाम रोगों की जड़ बनता है.
*6. गलत तरीके से आसन और एक्सरसाइज करना :*
जानकारी के अभाव में हम गलत तरीके से योग-आसन और एक्सरसाइज कर लेते हैं। यह फायदा पहुंचाने की बजाय उलटे नुक्सान पहुंचा सकता है।
इससे कई गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए इंस्ट्रकटर से अच्छी तरह सीखने के बाद ही किसी भी क्रिया को करें।
*7. सही ढंग से प्राणायाम नहीं करना :*
यदि सही ढंग से प्राणायाम नहीं किया जाता है और शरीर पर दवाब डाला जाता है, तो यह कई समस्याओं का कारण बन सकता है। सांस लेने में समस्या, चक्कर आना, कमजोर पाचन, अनियमित विचार, नींद में गड़बड़ी हो सकती है।
प्राणायाम में सांस लेना शामिल है और सांस बिना दवाब के लेना और छोड़ना चाहिए।
*8. तनाव/टेंशन लेना :*
तनाव के कारण न सिर्फ मेंटल हेल्थ, बल्कि फिजिकल और सेक्सुअल हेल्थ के पहलू भी प्रभावित हो जाते हैं। (चेतना विकास मिशन).