डॉ. नेहा, दिल्ली
क्रोनिक हेयर फॉल यानि की लंबे समय से बाल झड़ रहे हैं, तो ऐसे में आपको सावधान होने की आवश्यकता है।
महिलाएं इसे रेगुलर हेयर फॉल समझती हैं और हेयर केयर प्रोडक्ट्स पर लगातार खर्च करती रहती हैं। पर आपको मालूम होना चाहिए की हेयर फॉल की समस्या शरीर की अंदरूनी समस्यायों की वजह से भी ट्रिगर हो सकती है, जिसे ट्रीट करने के लिए हेयर केयर प्रोडक्ट्स नहीं बल्कि डॉक्टर की जरुरत हो सकती है।
किसी भी शारीरिक समस्या का पता लगाने के लिए खून जांच को प्राथमिकता पर रखा जाता है। ब्लड टेस्ट के माध्यम से कई ऐसे फैक्टर सामने आ सकते हैं, जो असल में क्रोनिक हेयर फॉल का कारण हों।
फिर आवश्यक ट्रीटमेंट और देखभाल के साथ आप परेशानी और हेयर फॉल दोनों कंट्रोल कर सकती हैं।
ये हैं क्रोनिक हेयर फॉल के कारण :
1.एनीमिया
2.लिवर डिसऑर्डर
3.गैस्ट्रिक प्रॉब्लम
4.हाइपरएसिडिटी
5.विटामिन डी की कमी
6.कैल्शियम की कमी
7.थायरॉइड हार्मोन का असंतुलन
8.अनियमित पीरियड्स- PCOD
9.डीजनरेटिव डिसऑर्डर
10.क्रोनिक एंग्जायटी और स्ट्रेस
11.इन्सोम्निया
12.डैंड्रफ और स्कैल्प सोरायसिस
13.ऑटो-इम्यून डिजीज
इन बीमारियों की स्थिति में, लोगों में बाल झड़ना आम समस्या है। अगर आप इनमें से किसी भी बीमारी से पीड़ित हैं, तो हेयर ऑयल हेयर फॉल को ठीक नहीं कर सकता।
बालों को झड़ने से रोकने के लिए, आपको इसका कारण पता होना चाहिए और इसका इलाज आयुर्वेदिक ऋतु चर्या, दिन चर्या, रसायन चिकित्सा, योग और अन्य आयुर्वेदिक चिकित्सा से किया जा सकता है.
क्रोनिक हेयर फॉल की स्थिति में ये टेस्ट जरुरी होते हैं :
*1. हार्मोनल टेस्ट :*
ये तो आप सभी जानती होंगी की असंतुलित हॉर्मोन्स बाल झड़ने का कारण होते हैं। लंबे समय से हो रहे हेयर फॉल की स्थिति में कई ऐसे हॉर्मोन्स हैं, जिनके स्तर की जांच जरुरी हो जाती है। प्रोलैक्टिन, टेस्टोस्टेरोन, डीएचईए, ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन और फॉलिक्युलर स्टिम्युलेटिंग हार्मोन।
*2. थायरॉइड टेस्ट :*
थायरॉइड के मरीजों में हेयर फॉल की समस्या बेहद आम है। यदि आपको थायरॉइड नहीं है, और आपके बाल लंबे समय से झड़ रहे हैं, तो थायरॉइड की जांच महत्वपूर्ण हो जाती है। टी3, टी4 और टीएसएच कुछ महत्वपूर्ण टेस्ट है जिसे आप करवा सकती हैं। आपको इन हार्मोन के स्तर की जांच करनी चाहिए।
*3. सीरम आयरन, सीरम फेरिटिन टेस्ट :*
ये टेस्ट आपको सीरम आयरन और सीरम फेरिटिन जैसे कॉम्पोनेन्ट के लेवल का पता लगाने में मदद करेगी। इनके स्तर में आई असामान्यताएं हेयर फॉल का कारण बन सकती हैं।
*4. सीबीसी टेस्ट :*
यह टेस्ट आम तौर पर आपको आपके शरीर में मौजूद पूरे ब्लड काउंट का रिजल्ट देता है। यह हीमोग्लोबिन सहित अन्य ब्लड सेल्स के काउंट बताता है। शरीर में खून की कमी होने से स्कैल्प तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचता जिसकी वजह से हेयर फॉल की समस्या आपको परेशान कर सकती है। इसलिए इसकी जांच करें और आवश्यकता अनुसार उचित कदम उठायें।
*5. हेयर लॉस के लिए वीडीएल टेस्ट :*
सिफलिस से प्रभावित होने से क्रोनिक हेयर फॉल की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसलिए निदान के मामले में वीडीएल टेस्ट महत्वपूर्ण हो सकता है।
*6. हेयर पुल :*
यह एक शारीरिक परीक्षण है जो डॉक्टर द्वारा किया जाता है। इस दौरान डॉक्टर द्वारा थोड़े से बाल खींचे जाते हैं, बाल खींचने पर तीन से अधिक बाल झड़ते हैं, तो यह माना जाता है कि आपको क्रोनिक हेयर फॉल की समस्या है।
*7. स्कैल्प बायोप्सी हेयरलॉस टेस्ट :*
इस परीक्षण में, आपके सिर से स्कैल्प के एक छोटे से हिस्से को हटाकर माइक्रोस्कोप से जांच की जाती है। इससे आपके बालों के झड़ने का कारण जानने में मदद मिलती है।
*उपचारात्मक पहलू :*
हेयर फॉल के असल कारण पता करने के बाद ही इन्हें झड़ने से रोका जा सकता है। सही खानपान के अलावा बालों की हाइजीन भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
इसलिए अपने बालों को नियमित रूप से क्लीन करें, किसी अच्छे तेल से हल्की मालिश करें और अपने बालों को हीटिंग टूल्स, केमिकल युक्त हेयर मास्क और अन्य प्रोडक्ट्स से बचाकर रखें।
खानपान का विशेष ध्यान रखना भी जरूरी है। एक्सरसाइज और ब्लड सर्कुलेशन बूस्टिंग एक्टिविटी भी बालों को मजबूत बनाए रखने के लिए जरूरी हैं।
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