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आंखों की रोशनी बढ़ाना है तो फॉलो करें हमारे आयुर्वेदिक टिप्स 

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       डॉ. श्रेया पाण्डेय 

गैजेट्स के बढ़ते इस्तेमाल से आंखों की रोशनी पर गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। दिनभर में 10 से 12 घंटे स्क्रीन के सामने बिताने से आंखों के रेटिना पर उसका असर दिखने लगता है। इससे आंखों की रोशनी में कमी के अलावा आई ड्राईनेस और डार्क सर्कल्स का सामना करना पड़ता है।

      आंखों की रोशनी बढ़ाने एवं अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए चश्मे, दवा और सर्जरी की मदद ली जाती है। मगर इन सबसे भी पहले यह जरूरी है कि आप एक ऐसे रुटीन को फॉलो करें जिनमें आंखों पर दबाव कम पड़े और उन्हें रिलैक्स होने के लिए पर्याप्त समय मिले। 

    अगर आप नेचुरल तरीके से आंखों की रोशनी बढ़ाना चाहते हैं, तो इसमें आयुर्वेद आपकी मदद कर सकता है। यहां हम उन परंपरागत उपायों के बारे में बता रहे हैं जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं।

     शरीर के अन्य अंगों के समान आंखों की सेहत को भी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की मदद से नियमित बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे आंखों की रोशनी का बढ़ाने के अलावा रेटिना को बूस्ट करने और नर्वस को स्टिमुलेट करने में मदद मिलती है। 

    इसके लिए आंवला, मोरिंगा, शंखपुष्पी और अश्वगंधा का सेवन करें। इसके अलावा यष्टीमधु और शोभंजन का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा घी से की जाने वाली नेत्र तर्पण विधि भी आंखों के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है।

*1. आंवला का रस :*

आंवला को गूज़बैरी भी कहा जाता है। इसके सेवन से शरीर को एंटीऑक्सीडेंटस और विटामिन ए व सी की प्राप्ति होती है।

     इससे रेटिना में सुधार आने लगता है उम्र के साथ बढ़ने वाले मेक्यूलर डीजनरेशन का खतरा कम होने लगता है। आंवले का सेवन करने से आंखों को ल्यूब्रिकेट करने के अलावा एलर्जन के प्रभाव से भी मुक्त किया जा सकता है।

     नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार आंवला पाउडर का सेवन करने से आंखों में बढ़ने वाले धुंधलेपन के अलावा जलन और रूखेपन को दूर किया जा सकता है। वे लोग जिन्हें आंखों में संक्रमण की शिकायत रहती है, ये उनके लिए भी फायदेमंद है।

      आंवले के रस को पानी में मिलाकर पीने से शरीर को फायदा मिलता है। इसके अलावा बाज़ार में उपलब्ध आंवले के पाउडर को पानी में मिलाकर पी सकते हैं। इसके अलावा आंवले को उबालकर खाना भी फायदेमंद साबित होता है।

*2. त्र‍िफला पाउडर :*

आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर त्र‍िफला चूर्ण बेहद कारगर उपाय है। डाइजेशन को बूस्ट करने के अलावा आंखों से जुड़ी समस्याओं के लिए फायदेमंद साबित होता है। इससे आंखों में होने वाले इंफेक्‍शन, सूजन और कम रोशनी की समस्या को सुलझाया जा सकता है। 

     त्रिफला के चूर्ण में फ़्लेवोनोइड्स और विटामिन सी की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे आंखों की क्लीनिंग को मेंटेन रखने में मदद मिलती है।

      नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार त्रिफला के सेवन से आंखों के लेंस में ग्लूटाथियोन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है। त्रिफला की मदद से एंटीऑक्सीडेंट एंज़ाइम्स के कार्य में सुधार आता है।

      इसके चलते डिसम्यूटेज, कैटालेज, ग्लूटाथियोन.एस.ट्रांसफरेज़ और ग्लूटाथियोन पेरोक्सीडेज गतिविधियों में मदद मिलती है। चूहों पर हुई रिसर्च में पाया गया कि त्रिफला का सेवन कर रहे 100 में से केवल 20 फीसदी चूहों में ने मोतियाबिंद पाया गया। 

         एक मग पानी लेकर उसमें 1 चम्म्च त्रिफला का चूर्ण मिलाकर उबालें। उसे कुछ देर तक उबलने दें और फिर उसे ठंडा होने के लिए रख दें। अब उस पानी से आंखों को धोएं। इसके बाद पलकों को कुछ देर झपकाएं। इससे आंखों की रोशनी को नियमित बनाए रखने में मदद मिलती है।

*3. घी :*

घी में विटामिन और मिनरल प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। इसे आंखों में डालने से नेचुरल लुब्रिकेशन होता है। इससे आंखों का रूखापन कम होने लगता है और आई साइट में सुधार होता है। आयुर्वेद में इस पद्धति को नेत्र तर्पण कहा जाता है। आंखों में घी डालने के बाद नाक के अंदर घी की कुछ बूंदे टपकाने से भी फायदा मिलता है। घी गाय का हो और शुद्ध हो.

आंखों को धोने के बाद शुद्ध की कुछ बूंदों को आंखों में डालें। इसके अलावा आंखों के आसपास आटे की दीवार बना लें और फिर धीरे धीरे घी को आंखों के आस पास टपकाएं। इससे आंखों का फायदा मिलता है। घी का इस्तेमाल करने से पहल ख्याल रखें कि वो पुराना न हो और किसी संक्रमण से ग्रस्त न हो।

*4. शंख पुष्पी :*

शंखपुष्पी का सेवन करने से तनाव, सिरदर्द और एंग्ज़ाइटी से राहत मिल जाती है। इसके अलावा आंखों के स्वास्थ्य को भी फायदा पहुंचाती है। शंखपुष्पी को खाने से कार्ब्स, प्रोटीन, अमीनो एसिड, मिरिस्टिक एसिड, फ्लेवोनोइड्स और स्टेरॉयड फाइटोस्टेरॉल की प्राप्ति होती है।

      इसे जूस के रूप में या कैप्सूल के तौर पर खा सकते है। इससे स्क्रीन टाइम बढ़ने से आंखों में बढ़ने वाला स्ट्रेन कम होने लगता है। इसके अलावा शंखपुष्पी को पाउडर के रूप में पानी में मिलाकर पीने से भी फायदा मिलता है।

*5. अश्वगंधा :*

जर्नल ऑफ आयुर्वेदिक एंड हर्बल मेडिसिन के अनुसार आंखों की रोशनी को बढ़ाने में अश्वगंधा बेहद फायदेमंद साबित होती है। इसमें मौजूद एंटी इंफ्लामेटरी गुण नर्वस को स्टीम्यूलेट करने में मदद करता है। इसके सेवन से आंखों की थकान को दूर किया जा सकता है।

      अश्वगंधा में शहद को मिलाकर खाने से धुंधलापन कम होने लगता है। इसके अलावा अश्वगंधा में मुलेठी और आंवले का पाउडर मिलाकर खाने से फायदा मिलता है। इससे आंखों का धुधंलापन कम होकर रोशनी बढ़ने लगती है।

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