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भोजन के बाद फूलता है पेट तो सौंफ़ से करें दोस्ती 

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      डॉ. नीलम ज्योति 

सौंफ़ एक प्रकार का जड़ी- बूटी है, जिसे खाने में स्वाद और फ्लेवर जोड़ने के लिए मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। वहीं आयुर्वेद इसकी चिकित्सीय गुणों के लिए इसे शारीरिक समस्याओं के इलाज के तौर पर इस्तेमाल करता है। 

     सौंफ के पौधे में पीले फूल और पंखदार पत्ते होते हैं। इसे आम तौर पर समुद्र तट के पास और नदी के किनारे पर सूखी मिट्टी पर उपजाया जाता है। आप सभी ने इसे कभी न कभी जरूर खाया होगा, खासकर सभी होटल और रेस्तरां में खाने के बाद माउथ फ्रेशनर के रूप में सौंफ को सर्व किया जाता है।

     पर क्या आपको मालूम है, खाने के बाद सौंफ केवल मुखवास के तौर पर ही काम नहीं करती, बल्कि यह आपके पाचन क्रिया के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है। 

*खाना खाने के बाद सौंफ का सेवन :*

      दुनिया के कई हिस्सों में खासकर भारत में खाने के बाद सौंफ खाने का प्रचलन है। यह बेहद पुराने समय से चलता आ रहा है। पर क्या अपने ये जानने की कोशिश की है, आखिर खाने के बाद सौंफ क्यों सर्व किया जाता है। 

*1. पाचन क्रिया को इंप्रूव करे :*

खाने के बाद सौंफ खाने से पाचन क्रिया एक्टिवेट हो जाती है और खाद्य पदार्थों को पचाना आसान हो जाता है। साथ ही साथ ये गैस भी रिलीज करती है। सौंफ में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी पाई जाती है, इस प्रकार यह इन्फ्लेमेशन को कम कर देती है और गैस का कारण बनने वाले बैक्टीरिया के ग्रोथ को भी कम करती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन की माने तो सौंफ इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लक्षणों पर भी नियंत्रण पाने में मददगार होती है।

*2. खाने के बाद नहीं होती ब्लोटिंग :*

    बहुत से ऐसे लोग हैं, जिन्हें ब्लोटिंग की शिकायत रहती है। खासकर जब वे खाना खाते हैं, तो उनका पेट अधिक फूल जाता है। इस स्थिति में खाने के बाद सौंफ खाने से डाइजेस्टिव ट्रैक्ट की मांसपेशियों को आराम पहुंचता है और वे रिलैक्स रहती हैं। साथ ही साथ पाचन क्रिया के अधिक सक्रिय होने की वजह से खाद्य पदार्थ आसानी से पचते हैं। ऐसे में ब्लोटिंग और अन्य प्रकार की पाचन संबंधी समस्याओं का खतरा बेहद कम हो जाता है।

*3. आंतों के अच्छे बैक्टीरिया को सपोर्ट करे :*

सौंफ में फ्री बायोटिक फाइबर पाए जाते हैं, जो आंत में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया का भोजन बनते हैं और उनके ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं। इससे गट फ्लोरा और गट माइक्रोबायोम स्वस्थ रहता है। साथ ही साथ पाचन संबंधी समस्याएं भी आपको परेशान नहीं करती।

*4. नियंत्रित रखता है ब्लड शुगर लेवल :*

खाने के फौरन बाद ब्लड शुगर स्पाइक होना बेहद नॉर्मल होता है। इस स्थिति में खाने के फौरन बाद सौंफ लें, इसमें मौजूद फाइबर की गुणवत्ता ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रहने में मदद करती है।

*5. लंबे समय तक संतुष्ट रखती है :*

   यदि आप खाने के बाद भी संतुष्टि महसूस नहीं करती हैं, और आपको बार-बार खाने की लालसा होती है, तो अपने हर मिल के बाद एक या आधा चम्मच सौंफ खाएं। यह भूख को कम कर देती हैं और आपको लंबे समय तक संतुष्ट रखती हैं। जिससे कि आपको बार-बार खाने की क्रेविंग्स नहीं होती। वहीं आप सीमित मात्रा में कैलोरी लेती हैं।

*6. सांसों को तरोताजा रखे :*

अक्सर खाने के बाद मुंह के अंदर या मसूड़े के बीच खाना फस जाता है जिससे कि मुंह से गंध आती है। इसके अलावा कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जिनकी स्मेल मुंह में लंबे समय तक बनी रहती है, जैसे कि प्याज। इसे अवॉइड करने के लिए खाने के बाद सौंफ लें, यह आपके बदबू को कम करता है, साथ ही साथ आपके मुंह को पूरी तरह से तरोताजा रखता है।

     *कैसे लेना है सौंफ?*

खाने के बाद एक चम्मच सादा सौंफ लें, और इसे चबाकर खाएं। शुगर कोटेड सौंफ न लें, क्योंकि इन पर रिफाइंड शुगर होते हैं। हर मिल के बाद एक चम्मच सौंफ लेना जरूरी नहीं, आप चाहें तो अपने अनुसार इसकी मात्रा को एडजस्ट कर सकते हैं।

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