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वीमेन हेल्थ :  बॉडी में बैलेंस मसल मास की इपोर्टेन्सी 

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        डॉ. श्रेया पाण्डेय 

  मजबूत मांसपेशियां यानि की मसल मास व्यक्ति की शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। यह शरीर की ताकत, हड्डियों के निर्माण के साथ ही आपके बॉडी बैलेंस और पोस्चर निर्धारित करता है। 

     विशेष रूप से हेल्दी मसल मास महिलाओं की सेहत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। महिलाओं की शारीरिक शक्ति यानि की स्ट्रेंथ पुरुषों की तुलना में कम होती है, जिसके निर्माण के लिए हेल्दी मसल मास बनाए रखना जरुरी है।

*क्या होता है मसल मास?*

मसल मास यानि की मांसपेशी द्रव्यमान शरीर में सॉफ्ट मसल टिश्यू की मात्रा को संदर्भित करता है, जिसमें स्मूद और स्केलेटन की मांसपेशियां भी शामिल हैं।

      इसके अलावा शरीर के अन्य मुख्य कॉम्पोनेन्ट में फैट, हड्डी और पानी शामिल हैं। मांसपेशियां मुख्य रूप से मोबिलिटी, पोस्चर बनाए रखने और शारीरिक कार्यों का समर्थन करने में मदद करती हैं।

    महिलाओं के लिए मांसपेशी द्रव्यमान उम्र के अनुसार इस प्रकार भिन्न होती हैं :

18-35 वर्ष: 31-33%

36-55 वर्ष: 29-31%

56-75 वर्ष: 27-30%

76-85 वर्ष: < 26%

     सामान्य तौर पर, पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक मांसपेशी द्रव्यमान होता है। निचले शरीर की तुलना में ऊपरी शरीर में जेंडर डिफरेंस अधिक होता है।

*क्यों जरुरी है महिलाओं में  संतुलित मसल मास?*

    मांसपेशियों का निर्माण महिलाओं के लिए कई शारीरिक, मेटाबोलिक और मनोवैज्ञानिक लाभ प्रदान करता है, जो समग्र स्वास्थ्य, फिटनेस और कल्याण में योगदान देते हैं।

1. मेटाबॉलिज्म बेहतर.

      अधिक मांसपेशियों से रस्टिंग मेटाबॉलिज्म रेट बूस्ट हो जाता है, जो आराम करने के समय अधिक कैलोरी बर्न करने में मदद करता है। इस प्रकार एक संतुलित शारीरिक वजन बनाए रखने में मदद मिलती है।

2. शरीर में मजबूती के लिए आवश्यक.

मसल मास बढ़ने से शरीर की ताकत बढ़ जाती है। इस प्रकार दैनिक गतिविधियों और व्यायाम में समग्र शारीरिक परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। महिलाओं का बॉडी स्ट्रेंथ पुरुषों की तुलना में कम होता है, ऐसे में एक संतुलित बॉडी मास शारीरिक ताकत को बनाए रखने में आपकी मदद कर सकता है।

3. हड्डियाें की सेहत के लिए जरूरी.

वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज मांसपेशियों के निर्माण में मदद करते हैं। मांसपेशियों का संतुलित निर्माण हड्डियों को मजबूत बनाता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम हो जाता है। मसल मास हड्डियों को सपोर्ट देता है, जिससे की यह अधिक प्रभावित नहीं होती।

4. संतुलित रहते हैं हॉर्मोन्स.

मांसपेशियों का द्रव्यमान हार्मोन के स्तर को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है, जिससे इंसुलिन और एस्ट्रोजन के नियमन में सहायता मिलती है। इसलिए मांसपेशियों के निर्माण पर ध्यान देना जरुरी है।

5. ब्लड शुगर मैनेजमेंट.

मसल मास बढ़ने से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और टाइप 2 डायबॉयटीज के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।

6. बेहतर मुद्रा और स्थिरता.

मजबूत मांसपेशियां हड्डियों का सपोर्ट करती है इस प्रकार एक बेहतर मुद्रा और संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। मसल मास होने से चोट लगने और गिरने का जोखिम कम होता है, क्युकी बॉडी अधिक बैलेंस रहता है।

7. हेल्दी एजिंग को सपोर्टर.

उम्र बढ़ने के साथ-साथ स्वतंत्रता और गतिशीलता को बनाए रखने के लिए मांसपेशियों का द्रव्यमान बनाए रखना महत्वपूर्ण है। आमतौर पर बुढ़ापे में हड्डियां बेहद कमजोर हो जाती हैं, जिसकी वजह से लो मसल मास आपकी बॉडी को सपोर्ट नहीं करते और आप बुढ़ापे को एन्जॉय नहीं कर पाती।

8. बेहतर रिकवरी.

अधिक मांसपेशियों का द्रव्यमान (muscle mass) चोट और कसरत के दर्द से तेजी से ठीक होने में सहायता कर सकता है। यदि आपको कसी वजह से भी दर्द का अनुभव होता है, तो एक हेल्दी मसल मास रिकवरी को आसान बना देता है।

9. संतुलित रहता है मानसिक स्वास्थ्य.

एक्सपर्ट के अनुसार प्रतिरोध प्रशिक्षण और मांसपेशियों में वृद्धि से मूड में सुधार हो सकता है और चिंता और अवसाद के लक्षण कम हो सकते हैं।

10. कम हो जाता है बीमारियों का जोखिम.

मजबूत मांसपेशियां हृदय रोग सहित विभिन्न पुरानी स्थितियों के जोखिम को कम कर देती हैं। इसलिए महिलाओं को मसल मास पर ध्यान देना चाहिए।

*महिलाओं में हेल्दी मांसपेशियों के निर्माण के लिए कुछ प्रभावी टिप्स :* 

    1. डाइट पर दें ध्यान : 

मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए एक संतुलित आहार बेहद महत्वपूर्ण होता है। प्रोटीन एक आवश्यक मैक्रोन्यूट्रिएंट है, जो मांसपेशियों को बनाए रखने में मदद करता है। मांसपेशियों की ऊर्जा और केयर के लिए काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट भी महत्वपूर्ण हैं। इसलिए डाइट पर उचित ध्यान दें, ताकि मांसपेशियां मजबूत रहें।

2. नियमित व्यायाम :

 मांसपेशियों के निर्माण, मजबूती और देखभाल के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग महत्वपूर्ण है। आप रोजाना एक्सरसाइज करें, इसके साथ ही वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज करें। हालांकि, इसकी शुरुआत हमेशा ट्रेनर की निगरानी में करना चाहिए।

3. पर्याप्त नींद : 

नींद में मांसपेशियां और टिश्यू खुदको हील करते है। इसलिए 7 से 8 घंटे की उचित नींद लें, इससे आपकी मांसपेशियों को हील होने और ग्रो होने में मदद मिलेगी।

4. पर्याप्त कैलोरी का सेवन : 

लीन मसल्स के निर्माण के लिए अधिकांश महिलाओं को प्रतिदिन अतिरिक्त 300 कैलोरी की आवश्यकता होती है। सुनिश्चित करें की आप पर्याप प्रोटीन ले रही हैं।

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