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ईवीएम पर चुनाव आयोग और सुको में बढ़ती तकरार 

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-सुसंस्कृति परिहार 

आमचुनाव नज़दीक हैं पहला मतदान 19अप्रेल को होने जा रहा है किंतु सरकार तंत्र द्वारा निर्मित चुनाव आयोग सुको के आदेश के बावजूद न्यायालय के आदेश की अवज्ञा कर रहा है। विदित हो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में ईवीएम में 100%वीवीपैट लगाने आयोग को कहा गया था जिसकी सूचना 16अप्रेल को देना है।

विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि सरकारोन्मुखी चुनाव आयोग इसकी तैयारी नहीं कर रहा है बल्कि वह इसे लेकर अगले चुनाव तक टालना चाहता है। जिसमें कई दलीलें पेश करने की संभावना है।मसलन अब बहुत देर हो गई या इससे चुनाव परिणाम विलंब में मिल पाएंगे वगैरह।

देखना यह ज़रूरी होगा इस पर सुको क्या फैसला लेता है क्योंकि ईवीएम के ख़िलाफ़ बढ़ते जनाक्रोश को देखते हुए ही यह बीच का रास्ता निकाला गया था जिससे मामला ठंडा पड़ा था यदि इस आदेश का उल्लंघन  चुनाव आयोग करता है तो फिर एक बड़ा जन आंदोलन चुनाव रोकने हो सकता है अपितु समय रहते सुको चुनाव आयोग को आदेश परिपालन हेतु बाध्य करे।

चुनाव आयोग चुनाव परिणामों के विलंब से परिणाम आने की चिंता ना करे उसका प्रावधान संविधान में मौजूद है। चुनाव आयोग को सरकार के शिकंजे से निकलना होगा और जनतंत्र की रक्षा और लोकतांत्रिक चुनावी व्यवस्था को निष्पक्ष रहकर चुनाव सम्पन्न कराना चाहिए।जनता यदि बागी हो गई तो सारी व्यवस्थाएं पंगु हो जाएंगी। देश में अराजकता फैल जाएगी। न्यायालय के आदेश का परिपालन हर हाल में चुनाव आयोग करें। यह जनता की मांग है।देश में जनता का जनता के लिए जनता द्वारा शासन प्रणाली लागू है।इसकी अवहेलना बहुत भारी पड़ सकती है

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