© शंभू राय
शान है तिरंगा हमारे देश की,
यह हमारे देश का अभिमान है।
गर्व होता है इस तिरंगे पर मुझे,
यही हमारी आन, यही हमारी पहचान है।
जन्म हुआ मेरा इस पावन धरती पर,
मुझे इसका अभिमान है।
सोने की चिड़िया कहलाती थी,
अनेकों विदेशी ताकत यहाँ आए।
ख्याति सुनकर इस देश की,
अपने लोभ को पूरा करने के लिए..!
उन्होंने भारत माँ को गुलाम बनाया।
जकड़ी गई भारत माँ..!
परतंत्रता की जंजीर में..!
भारत की धरती पर जब,
कत्ल हुआ स्वाधीनता का..!
वीरों ने बुलंद किया अपनी आवाज.!
सोने की चिड़िया कहलाने वाली देश को हमारे,
अंग्रेजों ने लूटा, खसोटा, कंगाल किया..!!
फूट डालो और राज करो,
यह हुकूमत की साजिश थी…!
यूं ही नहीं मिली है यह आजादी हमें,
कीमत चुकाई है अनेकों अमर वीरों ने..!
अनेकों संघर्षों और बलिदानों के बाद,
स्वतंत्रता की सुबह हमने देखा..!
आज स्वतंत्रता दिवस का शुभ अवसर है,
आजादी के अमृत उत्सव के अवसर पर,
आओ हम शान से तिरंगा फहराए..!
व्यर्थ न जाए कुर्बानी उनकी..!
जो इस देश की शान के लिए,
वीरगति को प्राप्त हो गए..!
श्रद्धा सुमन अर्पित करें उनकी याद में,
आओं संकल्प ले आज फिर से,
चलने का उनके आदर्शों पर..!
गौरव बढ़ाएं हिंदुस्तान का जग में,
पूछे जब कोई हमसे हमारी पहचान,
गर्व से जुबा पर हमारे..!
हिंदुस्तान का नाम आए..!
© शंभू राय
सिलीगुड़ी, प०बंगाल