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भारत दुनिया का सबसे प्रदूषित देश, प्रदूषित शहरों में बेगुसराय पहले और दूसरे स्थान पर गोवाहटी

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अनुभव शाक्य

IQAir की छठवीं वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट में दिल्ली को एक बार फिर दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बताया गया है। दिल्ली को चौथी चार बार यह दर्जा मिला है। रिपोर्ट के अनुसार, शहरों में बिहार का बेगुसराय दुनिया में सबसे अधिक प्रदूषित है। दूसरे स्थान पर गुवाहाटी है और तीसरे स्थान पर दिल्ली है। भारत को तीसरा सबसे प्रदूषित देश बताया गया है। प्रदूषित देशों की लिस्ट में पहले पायदान पर बांग्लादेश और दूसरे पर पाकिस्तान हैं।

टॉप-10 प्रदूषित शहरों में से 9 भारत के

टॉप 10 प्रदूषित शहरों में नौ भारत के हैं। पाकिस्तान का लाहौर पांचवें पायदान पर है। यह रिपोर्ट 2023 के प्रदूषण स्तर के आधार पर जारी की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत प्रदूषण से काफी अधिक प्रभावित है। यहां PM2.5 का स्तर WHO के मानकों से 10 गुना से भी अधिक है। देश में PM2.5 का स्तर पिछले साल की तुलना में बढ़कर 54.4 एमजीसीएम हो गया है। प्रदूषण के बढ़ने से यहां रहने वाले करीब 136 करोड़ लोगों के स्वास्थ्य पर खतरा बढ़ गया है।

गाड़ियों की बढ़ती संख्या की बड़ी भूमिका

दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर काफी अधिक बढ़ गया है। नवंबर में इसमें 10% इजाफा हुआ और यह 255 एमजीसीएम तक पहुंच गया। वहीं दुनिया के टॉप 15 प्रदूषित शहरों में 12 अकेले भारत से हैं। ग्रीनपीस इंडिया के प्रोग्राम मैनेजर अविनाश चंचल के अनुसार प्रदूषण भारत के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। घनी आबादी वाले देश में यह स्वास्थ्य जोखिम को बढ़ा रहा है। गाड़ियों की बढ़ती संख्या इसमें बड़ी भूमिका निभा रही है। गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ पीएम 2.5 में 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी निभा रहा है।

स्टडी की खास बातें

सबसे प्रदूषित शहर

शहर2023202220212020201920182017
बेगुसराय118.919.724.9
गुवाहाटी105.45153.262.1
दिल्ली102.192.696.484.198.6113.5108.2
मुल्लांपुर100.4185.5
लाहौर99.597.486.579.289.5114.9133.2
नई दिल्ली92.789.1
सीवान90.658.5
सहरसा89.476.6
गोशायंगाओं89.3
कटिहार88.872.1

टॉप-10 प्रदूषित शहर

देशPM2.5 का स्तर (µg/m³)
बांग्लादेश79.9
पाकिस्तान73.7
इंडिया54.4
तजेकिस्तान49
बुर्किनो फासो46.6
इराक43.8
यूएई43
नेपाल42.4
इजिप्ट42.4
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो40.8

क्या सिर्फ मेट्रो शहरों के लिए है चिंता?

दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों में भारत का नाम बार-बार शुमार हो रहा है। हालिया रिपोर्ट को गौर से देखने की जरूरत है। समझने की जरूरत है कि बेगुसराय या उत्तर भारत के दूसरे कई छोटे शहर आखिर क्यों दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर हो गए हैं? यह मंथन करने की जरूरत है कि प्रदूषण कम करने की दिशा में किए जाने वाले कामकाज का सारा चिंतन दिल्ली और मेट्रो शहरों तक ही तो केंद्रित नहीं हो गया है? देश में पेड़ों को काटे जाने से लगातार भूमि की उर्वरा शक्ति खत्म हो रही है। ईंधन के तौर पर लकड़ी और उपलों को जलाए जाने और ऊर्जा के लिए कोयले के इस्तेमाल में जरूरी कमी न होने से हालात बेकाबू हैं। सरकारों के साथ सामाजिक संगठनों और आम लोगों को भी चेतना होगा, क्योंकि यह प्रदूषण हमारी उम्र कम रहा है। सेहत को पहले ही इससे गंभीर खतरे पैदा हो चुके हैं।

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