Site icon अग्नि आलोक

महंगाई :1 साल में 37% तक महंगीं हुईं दालें:चावल के दाम भी 9% बढ़े

Share

देश के ज्यादातर राज्यों में इस बार बारिश 15 से 25% तक कम हुई है। इसके असर से फसलों की पैदावार घटने की आशंका है, इसलिए खाने-पीने की चीजों के दाम तेजी से बढ़े हैं। सबसे ज्यादा असर दालों पर दिखा है। तुअर की दाल 37% तक महंगी हो गई है।

बेशक पिछले एक हफ्ते से कुछ राज्यों में अच्छी बारिश हो रही है, लेकिन इससे भी हालात में खास सुधार नहीं होता दिख रहा। बैंक ऑफ बड़ौदा की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इसलिए महंगाई की दर 5.5% से नीचे बनाए रखने में RBI को मुश्किल आएगी। भले ही इस सीजन में अनाजों का उत्पादन बढ़ने का अनुमान पेश किया गया है, लेकिन मौसम की मार से उत्पादन प्रभावित होगा। सोयाबीन के अलावा सभी तरह के खाद्यान्नों के दाम तेजी से बढ़ सकते हैं।

चावल का स्टॉक 5 साल में सबसे कम
केंद्र सरकार के सेंट्रल पूल में 31 अगस्त को चावल का स्टॉक 2.43 करोड़ मीट्रिक टन था। यह अगस्त 2018 के बाद सबसे कम है। अगस्त 2022 में स्टॉक 2.8 करोड़, अगस्त 2021 में 2.91 करोड़, अगस्त 2020 में 2.53 करोड़ और अगस्त 2019 में 2.75 करोड़ मीट्रिक टन था।

दाम स्थिर रखने के लिए चावल, दाल और चीनी के निर्यात पर रोक
केंद्र सरकार ने दाम स्थिर रखने के लिए चावल, दाल और चीनी के निर्यात पर रोक लगाई है। दालों की डिमांड पूरी करने के लिए आयात को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है। सरकार ने खरीफ सीजन में 16 करोड़ मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान लगाया है। हालांकि, यह तभी संभव है जब फसल को नुकसान न हो, लेकिन कम बारिश से नुकसान हो रहा है।

Exit mobile version