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आपको बीमार कर सकती है इंटरमिटेंट फास्टिंग

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          ~ नीलम ज्योति 

आमतौर पर डाइटिंग में आप कौन से खाद्य पदार्थ खा सकते हैं या नहीं खा सकते हैं, यह निर्धारित किया जाता है। परंतु इंटरमिटेंड फास्टिंग आपके खाने का समय निर्धारित करता है। इस दौरान आपको आपके द्वारा निर्धारित समय पर खाना होता है। 

        इंटरमिटेंड फास्टिंग में आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होता है, क्युकी इस दौरान दो मील के बीच लंबा गैप होता है, जिसके कारण शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कुछ अन्य बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

पहले जानिए इंटरमिटेंड फास्टिंग में क्या करना है :

  *1. हाइड्रेशन मेंटेन करें :*

इंटरमिटेंड फास्टिंग के दौरान हाइड्रेटेड रहने के लिए, खूब सारा पानी पिएं, इसके अलावा हर्बल टी और अन्य नॉन-कैलोरी ड्रिंक्स लेना जरुरी है। इस दौरान जब आप भूखी रहती हैं, तो आपके शरीर को एनर्जी मेंटेन करने के लिए पपर्याप्त मात्रा में पाने की आवश्यकता होती है।

*2. धीमी शुरुआत करें :*

जैसे-जैसे आपका शरीर नए पैटर्न के लिए अभ्यस्त होता जाता है, फास्टिंग की टाइमिंग को कम करना शुरू करें और धीरे-धीरे उन्हें बढ़ाते जाएं। एकदम से 16 घंटों की फास्टिंग आपकी बॉडी के लिए उचित नहीं है। शरीर को इसे अपनाने का मौका दें।

*3. पोषक तत्वों से भरपूर भोजन लें :*

   यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपको आवश्यक विटामिन और मिनरल मिल रहे हैं, भोजन के समय के दौरान संपूर्ण, पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने पर ध्यान दें। आप जितना अधिक पौष्टिक और संतुलित भोजन करती हैं, शरीर उतना स्वस्थ रहता है, साथ ही फास्टिंग का परिणाम भी सकारात्मक होता है।

*4. अपने शरीर पर ध्यान दें :*

उपवास या भोजन करते समय अपने शरीर के सेंसेशन पर ध्यान दें। यदि आप कमज़ोर या बीमार महसूस कर रही हैं, तो अपनी रणनीति में बदलाव करें। सभी एक्सरसाइज या फास्टिंग टेक्निक्स हर किसी पर एक सामान्य काम नहीं करती, इसलिए फ़र्क़ समझना बहुत जरुरी है।

*5.  एक्सरसाइज करें :*

सुनिश्चित करें कि आप इंटरमिटेंड फास्टिंग के साथ नियमित एक्सरसाइज कर रही हैं। लेकिन सही समय चुनें, उदाहरण के लिए, उपवास के दौरान कम तीव्रता वाले वर्कआउट करें या साथ ही खाने का समय निर्धारित करें।

अब जानें इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान क्या नहीं करना है :

*1. भोजन करते समय ज़्यादा न खाएं :*

   इंटरमिटेंड फास्टिंग में भोजन करते समय ज़्यादा खाने की इच्छा हो सकती है, जिसपर आपको नियंत्रण पाने की आवश्यकता है। यदि आप इस दौरान अपने क्रेविंग्स को पूरा करने के लिए अधिक मात्रा में भोजन करती हैं, तो यह उपवास के लाभ को कम कर देगा। इसलिए इसे अनदेखा न करें।

*2. भूख के संकेत को नजरअंदाज न करें :*

अगर आपको लगता है कि आपको तेज भूख लग रही है, या कमज़ोरी महसूस हो रहा है, तो अपना उपवास जारी रखने के बजाय उसे तोड़ दें और अपने उपवास के शेड्यूल में बदलाव करें। जबरदस्ती उपवास जारी रखना खतरनाक हो सकता है।

*3. पोषक तत्वों को न करें नज़रअंदाज :*

डाइटिंग में लोग अक्सर महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को नज़रअंदाज करना शुरू कर देते हैं। संतुलित आहार बनाए रखने के लिए, यह सुनिश्चित करें कि आपकी डाइट में फाइबर, प्रोटीन और हेल्दी फैट की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध हो।

*4. बीमार हैं तो फास्टिंग न करें :*

अगर आपको कोई ऐसी मेडिकल स्थिति है, जो उपवास करने से बिगड़ सकती है, या अगर आप गर्भवती हैं, तो आपको इंटरमिटेंड फास्टिंग से बचना चाहिए।

*5. ट्रेंड की बजाए अपने शरीर की सुनें  :*

  कठोर या फ़ेडो फास्टिंग के तरीके अपनाने के बजाय, ऐसी उपवास रणनीति अपनाएं जो आपकी ज़रूरतों और जीवनशैली के अनुकूल हो।

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