~ सोनी तिवारी, वाराणसी
उन महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है जो अचानक से सेक्स में दिलचस्पी खोना शुरू कर देती हैं। सेक्सुअल इंटिमेसी का रिश्ते में अपना एक खास महत्व होता है। रिश्ते में यदि सेक्स को लेकर उतार चढ़ाव आने लगे तो रिश्ते पर इसका बेहद नकारात्मक असर पड़ता है।
यदि आप सेक्स में रुचि खो रही हैं, तो इसे हल्के में न लें। यह केवल आपके पर्सनल रिश्ते के लिए नहीं बल्कि आपकी सेहत के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। सेक्स में दिलचस्पी खोना स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकता है। इसलिए समय रहते इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।
इस बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने मनस्विद, ध्यान प्रशिक्षक, डिवाइन आर्गेज्म क्रिएटर डॉ. विकास मानव से बात की। मानवश्री ने महिलाओं के सेक्स में रुचि खोने के कुछ कारणो पर प्रकाश डाला और बताया कि महिलाओं को क्यों इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
ये हैं महिलाओं के सेक्सुअल इंटरेस्ट में कमी आने पर नजर आने वाले लक्षण :
~ऑर्गेज्म तक पहुंचने में मुश्किल होना
~वेजाइनल ड्राइनेस
~इंटरकोर्स के दौरान दर्द
~अनकंफरटेबल महसूस करना
~सेक्स करने की डिजायर उत्पन्न न होना
~फोरप्ले जैसी गतिविधियों में भाग लेने के बाद भी उत्तेजित न होना
~एनल और ओरल सेक्स के लिए मजबूर किए जाने से उपजी खिन्नता
इन स्थितियों में महिलाओं को यौन इच्छा में कमी महसूस होती है :
1. पार्टनर की अक्षमता :
यह सबसे प्रमुख और सबसे बड़ा कारण है. स्त्री में पुरुष की अपेक्षा 08 गुना अधिक यौनऊर्जा होती है. यह यौनऊर्जा 05% भी जाग्रत नही हो पाती. उसकी 95% आग दमित ही रह जाती है. पुरुष को आनंद डिस्चार्ज होने पर ही मिलता है, इस अनुभव के बावजूद वह यह नहीं नहीं देखता की स्त्री को आनंद कैसे मिलेगा, अगर वह डिस्चार्ज नहीं होगी. ज़ब अक्षम मर्द के सेक्स में स्त्री को आनंद नही आता तो उसे घिन आती है ऐसे पुरुष से. वह देखती है की महज़ अपनी हवसपूर्ति के लिए उसे यूज किया जा रहा है.
भीतर की आग कभी बलवती होती है तो वह हैण्डप्रैक्टिस वेगैरह कर लेती है. अब सभी स्त्रियां बदचलन नही बन सकती. सभी स्त्रियां पशु यूज नही कर सकती. सभी स्त्रियां सेक्सटॉय भी यूज नही कर सकती. उन्हें ऐसे उपायों के खतरे पता होते हैं. बदनामी और तमाम रोगों की शिकार बनाने वाले रास्ते समझशील स्त्री नही चुनती. ऐसे में सेक्स से सन्यास लेने के अलावा कोई रास्ता उसे नज़र नही आता.
ज्यादातर पुरुष 05 से 10 मिनट में ही डिस्चार्ज हो जाते है, जबकि स्त्री को गरम होकर रेडी होने में ही कम से कम 30 मिनट का समय लगता है. इस स्टेज पर वह आ सके तो उसके पिघनले- निचुड़ने में सिर्फ़ 15 मिनट लगते है. वह आर्गेज्म को उपलब्ध हो जाती है.
जिस स्त्री को यह सुख मिलता है, तब वह बिना इस स्वाद के रह ही नही पाती. उसे बार बार सेक्स चाहिए होता है. ऐसे में स्त्री अपने पार्टनर को इतना लेती रहती है की वह कही और मुंह मारने की सोच भी नहीं सकता.
बहुत कम पुरुष स्त्री को नेचुरली प्लेजर दे पाते हैं. हैंडप्रैक्टिस करने, कई को यूज करने, नशा करने के कारण उनका पेनिस नाकाम हो जाता हैं. सेक्स पॉवर की दवाएं लेकर वे कुछ बार चमत्कार दिखाते हैं, लेकिन ये दवाएं उनकी बचीखुची क्षमता भी खा जाती हैं.
पेनिस की नसे पूरी तरह डेमेज हो जाती हैं. वे स्पर्म को संभाल नही पाती. अब दवाएं भी काम नही करती. वे योनि में पेनिस डालते ही या पहले ही डिस्चार्ज होने लगते हैं.
इस महारोग का इलाज अब संभव है. पेनिस को सक्षम बनाया जा सकता है. अब तो स्त्री को पुरुष और पुरुष को स्त्री तक बना दिया जाता है. पुरुष को मर्द होने का दम्भ छोड़कर इलाज कराना चाहिए. स्त्री-हित में हम यह इलाज निःशुल्क करते हैं.
*2. शारीरिक समस्याएं :*
सर्जरी: ब्रेस्ट, जेनिटल ट्रैक से संबंधित किसी प्रकार की भी सर्जरी आपके सेक्सुअल फंक्शन को प्रभावित कर सकती है।
इस स्थिति में महिलाओं को सेक्सुअल डिजायर में कमी महसूस होती है और वे रिकवरी के बाद भी सेक्स में रुचि नहीं ले पाती हैं.
मेडिसिंस :
कुछ मेडिसिंस जैसे की एंटी डिप्रेसेंट और थायराइड मेडिसिंस सेक्सुअल डिजायर में कमी का कारण बनती हैं। इनके ओवरडोज से महिलाएं यौन गतिविधियों में रुचि नहीं ले पाती।
कार्डियोवैस्कुलर डिजीज :
हाई ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी बीमारियां सेक्सुअल परफॉर्मेंस को प्रभावित करती हैं। इस स्थिति में इंटिमेट एरिया तक पर्याप्त ब्लड फ्लो नहीं पहुंच पाता, जिसकी वजह से उत्तेजित होने और आर्गनिज्म प्राप्त करने में मुश्किल आती है।
यह वेजाइनल ड्राइनेस का कारण बनता है, जिसकी वजह से महिलाएं सेक्सुअल गतिविधियों में धीरे-धीरे रुचि खोना शुरू कर देती हैं।
हाई ब्लड शुगर लेवल :
डायबिटीज ब्लड वेसल्स और नर्वस को डैमेज कर देती हैं। शरीर में बढ़ते ब्लड शुगर लेवल की वजह से महिलाओं को ऑर्गेज़म तक पहुंचने में भी परेशानी होती है और इस स्थिति में वेजाइनल ड्राइनेस की समस्या बेहद आम है।
*3. हार्मोनल बदलाव :*
मेनोपॉज :
मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर तेजी से गिरता है, जिसकी वजह से महिलाएं अक्सर सेक्स में रुचि खोने लगती हैं।
एस्ट्रोजन के गिरने से वजाइनल टिशु ड्राई हो जाते हैं और इस दौरान सेक्स बेहद पेनफुल और अनकंफरटेबल होता है। यह भी एक कारण है जब महिलाओं को यौन गतिविधियों में भाग लेने का मन नहीं करता।
प्रेगनेंसी और ब्रेस्टफीडिंग :
प्रेगनेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं के शरीर में कई सारे हार्मोनल बदलाव आते हैं, जिसकी वजह से महिलाएं सेक्शुअली एक्टिव नहीं रह पाती।
बहुत सी महिला इसे मैनेज कर लेती हैं, पर कुछ महिलाएं सेक्स में रुचि खोना शुरू कर देती हैं। यदि इससे आपके रिश्ते पर प्रभाव पड़ रहा है, तो आपको डॉक्टर से मिलकर अपने हार्मोनल इंबैलेंस के बारे में बात करना चाहिए।
*4. साइकोलॉजिकल कारण :*
आपकी मानसिक स्थितियां सेक्सुअल डिजायर को प्रभावित कर सकती हैं, वहीं कई ऐसे साइकोलॉजिकल कारण भी हैं जो महिलाओं में लिबिडो की कमी का कारण बन सकते हैं।
इसकी वजह से उनके रिश्ते तथा शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है, जैसे की :
~मानसिक स्थितियां जैसे कि एंजायटी और डिप्रैशन
~गंभीर मानसिक स्थितियां जैसे की डिमेंशिया और मेमोरी लॉस
~ओवरथिंकिंग की बीमारी
~नेगेटिव सेक्शुअल एक्सपीरियंस
*5. रिलेशनशिप संबंधी समस्याएं :*
रिलेशनशिप संबंधी समस्याएं अक्सर सेक्सुअल इंटिमेसी की कमी का एक सबसे बड़ा कारण है।
जब दो लोगों के बीच में रिश्ता सही नहीं होता तो अक्सर महिलाएं या फिर पुरुष भी सेक्सुअल डिजायर में कमी महसूस करना शुरू कर देते हैं।
पार्टनर का अब्यूसिब व्यवहार, इमोशनली अनअवेलेबल पार्टनर, रिश्ते में हर रोज लड़ाई होना या सेक्सुअल नीड्स और प्रेफरेंस के बारे में पार्टनर के साथ कम्युनिकेशन गैप और ट्रस्ट इश्यूज भी सेक्सुअल डिजायर में कमी का कारण बनते हैं।
यदि ऐसा हो रहा हो आपको अपने पार्टनर से खुलकर बात करने की कोशिश करनी चाहिए और रिश्ते में सुधार करने की कोशिश करनी चाहिए। नहीं तो आगे बढ़ कर मूव ऑन करें।