– मंजुल भारद्वाज
है ना गज़ब
पहले जिन्होंने कंधों पर बिठाया
सत्ता में उंगली पकड़कर
चलना सिखाया
उन्हीं को सबसे पहले
मार्गदर्शक मंडल में बिठाया !
जिन्होंने वोट दिया
उन्हीं पर चोट किया
मेहनत के पैसे को
कालाधन बताया
लाइन में लगा
पुलिस के डंडों से पिटवाया
अब एक एक दाने को मोहताज हैं
5 किलों मुफ़्त अनाज़ के बदले
अपना वोट बेचते हैं!
राष्ट्र सुरक्षित हाथों में है का
जुमला चलाया
चीन को अंदर बुलाया
झूला झुलाया
पुलवामा कराया
एक एक सांस को तरसाया
47 लाख देशवासियों को मरवाया
घर घर श्मशान,कब्रिस्तान बनाया !
देश नहीं बिकने दूंगा
बोल कर
देश को बेच डाला
रेल से भेल तक
खज़ाना खाली कर
कर्ज़ में देश डुबाया !
बेटी बचाओ का ढोल पीटा
बेटियों को सरेआम पिटवाया
छाती और चेहरों को
वर्दीधारी बूटों से रौंद कर
बलात्कारियों को संसद में बिठाया
सरेआम मणिपुर में बेटियों की
तार तार अस्मिता का वीडियो
दुनिया में वायरल हुआ
पर बेगैरत चुनाव का डंका पीटता रहा
बलात्कारियों पर मौन रहा !
अब बारी संविधान की है
लोकतंत्र की है
हिंदुओं की है
गर्व से कहो
हम हिंदू हैं कहने वालों को
खत्म कर देगा
मंदिर उद्घाटन के बाद
देश में वर्णवाद का राज होगा
मनुस्मृति का आदेश होगा
कोई हिंदू नहीं होगा
होंगे चार वर्ण
ब्राह्मण ,क्षत्रिय
वैश्य और शूद्र!
है ना गज़ब
ऐसा वंश विनाशक
देश विनाशक
इंसानियत को बर्बाद करने वाला
विकारी सदियों में जन्मता है !
: मौत !
मौत से ना कोई बच पाया
मौत से ना कोई बचा पाया !
झूठ,पाखंड,प्रपंच का नाम है आस्था
सरेआम लुटने और लूटने का नाम है आस्था!
जग से मुक्ति दिलाने के नाम पर
वसूली का धंधा है आस्था!
लोभ,लालच,माया चक्र को खत्म नहीं
इनमें उलझाये रखने का नाम है आस्था!
झुंड की मूर्खता का प्रमाण है आस्था
आत्म चैतन्य के परे अंधकार है आस्था !
भावनाओं के आहत होने के नाम पर
किसी की भी हत्या करने का नाम है आस्था!
मौत,श्मशान,कब्रिस्तान यही सत्य है
बाक़ी सब झूठ है,झूठ है,झूठ है!