-(स्व.) डॉ मंगल मेहता
नया मरक्यूरी राड- समाजवाद
नया चौक- नारा इंकलाब जिंदाबाद
संबंध जुड़ा है
बिजली घर से, जो बना पांच वरसी
योजना में। कई बने, बढ़े। कई तरह से
इस तरह उजाले बढ़ गए हैं!
मरक्यूरी देर से जलती है
इसी से ‘समझ’ से जुड़ी है
जल्दी जली जो जल्दी बुझी
जवाहरलालजी कह गए हैं।
उजालों के जालें तन गए हैं।
क्या पूछा- नरेंद्र देव थे कोई
होंगे, लंबा है रास्ता
और पहले ढ़िबरी जलती थी
एम. एन. राय, डांगे, रणदीवे
कहीं चौराहे पर चलते थे गैस वे
राहुल सांकृत्यायन
क्या इंगरेजी लगाई है ‘सुद्ध हिंदी’
तो बोलो
संपूर्णानंद,पट्टम थानु पिल्ले
घूमता था आदमी लिए सीढी और
तेल वाले पीपे!
जयपरकाशजी?
इंप्रूवमेंट ने बहुत उखाड़ दिये जी,
किसी गोदाम में हो तो देख डालो जी,
अशोक मेहता?
बहुत-बहुत फ्यूज हुए बार-बार कहता
लोहिया?
शरारतियों ने तोड़े, और
विश्वास करें कुछ कीट पतंग से टूटे
गांधी?
एक बुड्ढा फिरता रिरियाता
कुछ कहता तो था
अब नहीं है
लूट ले गए लोग
लाठी, झोली, चप्पल, चश्मा
लाठी चप्पल से दबदबा है बराबरी का
झोली से चंदा- बराबरी का
चश्मे से सुधरी नजर- बराबरी की
झोली, चश्मा ‘करण’ के कवच
छीनने को छल की दौड़ मची है!
उजाले उछाले गए हैं।
उजाले में
शाख पै नहीं रहे उल्लू
उन्होंने सुभाव बदल दिये हैं
चलाते हैं धंधा
जो एजेंट नहीं,भौंकते हैं
जो भौंकता,काटता नहीं-सब जानते हैं
वे भी कमीशन का टुकड़ा मांगते हैं
पहरुए का चोला पहने हैं ठग
आंख मुंदे बुगले,चेला परसादी पाते हैं।
ठीक खोपड़े पर जगमगाई मरक्यूरी
चेहरे पहचाने नहीं जाते
रोशनी में मजा पाये, बन गए सरकार वाले
सरकार बेचारी अलग ही सरक गई है!
असली नकली,फसली फरजी की पहचान न रही
रोशनी में छायाएं नाचती गाती है- वंदे मातरम
चेहरे चौघिंया गये-जो थके हारे हैं,
चेहरे घबरा गए-जो रोशनी में लूट-पिटे
चेहरे पिघले पिघले हैं- मेहनत में जो जलते रहे
चेहरे चेहरे नहीं लगते, घिसे जूते के तले लगते है।
कि मार्क्स, लेनिन ने जमीन पर रह नींव साधी।
आकाशी फूलों से नहीं हवा बांधी।
आग थी आग।उन दिलों में
जो काज से उजली, उजली मचली
तोतो ने ही तस्वीरी आग रटी
समाजवाद! समाजवादी!
इधर रोशनी उधर रोशनी
रोशनी में चेहरे पर चेहरा, चेहरे पर चेहरा चढ़ाये
उतावले हैं अपनी ही नकाब उतरी जाने को
न उतरी नकाब, उसे घाटे से गश खा गये हैं!
घर बनाए अफसर
नेता बन गए नई रोशनी वाले
नीति प्रणेता बने
खाऊ करमचारी,
राजनेता सौदा उजाले में
उजले उजले बनाने लगे हैं
साले, उजाले में और और उजाले हो गए हैं!