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व्यापारीकरण पर गहन चिंतन करना अनिवार्य 

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शशिकांत गुप्ते

वर्तमान राजनैतिक,सामाजिक, चिकित्सा आर्थिक,शैक्षणिक,
और धार्मिक क्षेत्र में पनप रहे
व्यापारीकरण पर गहन चिंतन करना अनिवार्य हो गया है।
इसका मुख्य कारण हरएक क्षेत्र में भौतिकवादी मानसिकता का हावी होना।
उपर्युक्त सभी मुद्दों पर गहन विचार करने के पूर्व हमे साध्य और साधन को समझना जरूरी है?
जबतक साधन को ही साध्य समझेंगे तबतक यथास्थितिवाद की मानसिकता से स्वयं को जकड़ कर ही रखेंगे।
राजनैतिक क्षेत्र में सिर्फ सत्ता प्राप्त करने को ही उपलब्धि समझा जा रहा है।
वास्तव में सत्ता एक साधन है,साध्य नहीं।
बार बार चुनाव में सफलत प्राप्त करना उपलब्धि नहीं है,सवाल तो यह है कि साध्य क्या प्राप्त किया?
क्या बार बार चुनाव जीतने का मानसिक दम्भ पालने वालों के पास नैतिक जवाब है? जो वादे किए थे वे सिर्फ विज्ञापनों ही क्यों दर्शाएं जातें हैं। क्या मंहगाई के प्रश्न पर कोई जनप्रतिनिधि ये कहे फलाँ वस्तु मै नहीं खाती हूँ। क्या यह ईमानदार उत्तर है?
राजनीति से जुड़े ऐसे अनेक व्यवहारिक मुद्दे हैं?
हरएक क्षेत्र सिर्फ साधन संपन्न हो रहा है। धर्मीक क्षेत्र में प्रतिस्पर्द्धा चल रही है। कौन पहले नंबर पर है? क्या यह प्रतिस्पर्धा भौतिकवाद को परिलक्षित नहीं करती है? क्या धर्म का भौतिकवाद से समन्वय उचित है?
चिकित्सा क्षेत्र की स्थिति सर्वविदित है।
हमारे राजनेता,पूंजीपति,और साधन संपन्न लोग प्रायः विदेश में जाकर स्वयं का और अपने परिजनों का इलाज करवातें हैं इतना कहना ही पर्याप्त है?
लोकतंत्र में चिकित्सा और शिक्षा आमजन की देय शक्ति में मतलब आमजन के लिए Affordable होना चाहिए।
आर्थिक स्थिति तो स्वयं दयनीय हो गई है। जीडीपी का घटना और रुपये का अवमूल्यन प्रत्यक्ष दिखाई दे रहा है?
जनप्रतिनिधियों, धर्मीक क्षेत्र के लोगों,और धनकुबेरों का विलासितापूर्ण जीवनशैली,
कुपोषण,भुखमरी,बेरोजगारों
और किसानों की आर्थिक तंगी
को मुँह चिढ़ाती नज़र आती है।
शिक्षा विद्यर्थियों को सिर्फ पढलिखा बना रही है।
अहम सवाल है, विद्यार्थियों को शिक्षित कब बनाएंगी?
अंत में प्रख्यात व्यंग्यकार स्व.शरद जोशीजी का यह व्यंग्य प्रसंगिक है।
शरद जोशीजी ने लिखा है,
“किसी नगरीय बस स्टॉप पर खड़े किसी व्यक्ति से पूछो 5 नंबर बस कहाँ जाती है,तो वह व्यक्ति
प्रतिप्रश्न करेगा? आपको कहाँ जाना है? मतलब वह लक्ष पूछता है जो कभी उसका होता ही नहीं है।”

शशिकांत गुप्ते इंदौर

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