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बड़ा मुश्किल वक़्त है, बड़ी मुश्किल से कटेगा 

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हफीज़ किदवई

बड़ा मुश्किल वक़्त है, बड़ी मुश्किल से कटेगा । सब्र,मोहब्बत और इंसानियत पर भरोसा बनाए रखिये । उस औरत जैसे लाखों लोग मुँह में खून लगाए टहल रहे हैं । जो आपको निगल जाना चाहते हैं । वह चाहते हैं कि आपका उनके पूरे समुदाय पर से भरोसा उठ जाए । आप इस मिट्टी से चिढ़ने लगें और इसे अपना न समझें । आपके लिए गली,मोहल्ले, स्कूल,अस्पताल,ऑफिस,सब पराए हो जाएं ।

तो बस यहीं ठहर जाइयेगा । उन्हें याद कीजियेगा,जिन्होंने आपका साथ दिया । जो आपके साथ बिना फर्क खड़े हुए । अगर आपके पास ऐसा एक भी इंसान हैं, जो दूसरे धर्म का होने के बावजूद आपके किये खड़ा रहता है, आपको अपना समझता है, तो उस इंसान की लाज रखियेगा । उन लोगों को कामयाब मत होने दीजिए, जो चाहते हैं कि हम उनसे अलग थलग हो जाएं ।

यह माटी, यह मुल्क,यहां की हर चीज़ हमारी है । यहां के लोग बड़े मोहब्बती हैं, क्योंकि यहां के लोग हम हैं । हमें अपने आप पर से भरोसा नही उठना चाहिए । उस औरत या उसके जैसे लाखो लोग भी नफरत की आग में हवा दें ।।हम शोला नही बनेंगे,हम उनकी आग को ठंडा कर देंगे,एक दिन नफरत को हरा देंगे,बस विचलित मत होइए ।

हुकूमतें जब गैरज़िम्मेदार हों,तो अवाम तक़लीफ़ झेलती है । हुक़ूमत जब ख़ुद नफ़रत को हवा दे,तब अवाम तक़लीफ़ के साथ एक दूसरे को मारती है ।।यही वक़्त होता है, जब हमें बड़ी समझ से बढ़ना होता है । कीड़े से लड़ने के लिए पूरे हरे भरे दरख़्त को नही काटना चाहिए या उससे मुँह नही फेरना चाहिए । बल्कि कोशिश कीजिये कि यह कीड़े अपने अंजाम को पहुँचे,ताकि दरख़्त खिलखिलाकर समाज को हवा और छांव दे ।

उस हैवान का एक मुसलमान बच्चे को हिन्दू बच्चों से चाटे मरवाना । बुरा है, बहुत बुरा । बस इससे सीखिए की आपके बच्चे ऐसे न बने । आपके दिमाग मे उस हैवान जैसी हैवानियत घर न ले । आपके दिमाग़ में बिना जाने,किसी को उसके धर्म के कारण,बुरा मानने की आदत न पड़ने पाए । बुराई से सबसे पहले सबक लिया जाता है कि यह हममें न आने पाए ।

आप सम्भलिये । हालात को समझिए । उसको कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा,भले हुक़ूमत माला पहनाकर उसे छुड़ा लाए मगर मेरे दोस्त,उसके जैसे न बन जाना । पूरा समुदाय,पूरा देश और सारे लोग कभी ग़लत नही होते । गंदे लोगों की भीड़ से अपना भरोसा मत तोड़ना,बड़ी मुश्किल से यह देश एक होकर खड़ा किया गया है ।।हमने बंटवारे का दर्द पाट लिया था,यह भी पाट लेंगे,बस भरोसा रखो और खुद में इंसानियत और मोहब्बत को जगह दो उसे और बढ़ाओ,न कि हटाओ ।

जिस चीज़ की कमी होती है, उसे आप पूरा करो । मोहब्बत और इंसानियत को बढ़ा दो । नफरत हार जाएगी । दुनिया को तरतीब देने वाली हर किताब ने कहा है कि मोहब्बत और इंसानियत ही हमें बढ़ाएगी । नफरत और बुराई हारेगी । इसके खिलाफ रहो, इस विश्वास के साथ कि हम इसे खत्म कर देंगे…

यशपाल नेगी जी की वाल से साभार

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