Site icon अग्नि आलोक

इंतिहा हो गई

Share

पहल का अर्थ होता है युक्ति आंग्ल भाषा में इसे initiative कहते हैं। तात्पर्य जो युक्ति में बलवान वह पहलवान होता है।
पुरुष और स्त्री समानता का प्रत्यक्ष प्रमाण देते हुए,देश की युवतियों भी पहलवान बनी,और विदेशों में जाकर अपने प्रतिद्वंदी को कुश्ती के दाव पेंच से चित करके पुरस्कार प्राप्त किया। देश का गौरव बढ़ाया।
इन युवतियों के अस्मिता पर जब हमला हुआ तब इन युवतियों ने निर्भीक होकर अपनी आप बीती को सार्वजनिक किया और सत्ता का चित्त अपनी समस्याओं के ओर खींचने के लिए सत्ता से खुलकर शिकायत की।
दुर्भाग्य से बेटी बचाओ और पढ़ाओ के स्लोगन को अपने मुखारबिंद से कर्कश स्वर में उच्चारने वालों के कर्ण बधीर हो गए?
सन 1974 में प्रदर्शित फिल्म रोटी कपड़ा और मकान के इस गीत का स्मरण हुआ।
इस गीत पैरोडी इस तरह प्रस्तुत की जा सकती है।
इस गीत को लिखा है गीतकार संतोष आनंदजी ने
मै ना सुनूंगा इन युवतियों को,
इन युवतियों की समस्याओं को
मै ना सुनूंगा
देश के समक्ष आमजन की कितनी समस्याएं हो।
मै ना बोलूंगा
मै तो भूलूंगा
किए गए वादों को
रस्मों और कसमों को
मै तो भूलूंगा
समय के इतिहास को बदलना है
सिर्फ शहरों और कस्बों के नाम बदलना है
अन्याय अत्याचार पर कभी ना बोलूंगा।
मन की बात ही करते रहूंगा।
इतिहास सब नोट करता है।

कभी भी किसी को अंहकार के मद में इतना चूर नहीं होना चाहिए।
इस मुद्दे पर प्रसिद्ध शायर वसीम बरेलवी का यह शेर मौजू है।
आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है
भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है

अहंकार का नतीजा तो इन पंक्तियों में स्पष्ट प्रकट होता है।
अहंकार में तीनों गए बल, बुद्धि और वंश,
ना मानो तो देख लो कौरव, रावण और कंस

अंत में अपनी समस्याओं के लिए गुहार लगाती युवतियों और अंत पीड़ितों की ओर से नसीहत देता हुआ शायर प्रसिद्ध शायर मुनव्वर राणाजी का यह शेर प्रस्तुत है।
एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है
तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना

शशिकांत गुप्ते इंदौर

Exit mobile version