*राजेश ज्वेल*
वंदे भारत ट्रेन के शुभारंभ के साथ जहां उसकी खासियतों की चर्चा हो रही है , वहीं यात्रा महंगी होने का दु:खड़ा भी रोया जा रहा है… यह बात सही है कि बीते तीन दिनों में औसतन 25 फीसदी सीटें ही बुक हुई और बाकी ट्रेन खाली चल रही है… हालांकि मोदी जी ने इस ट्रेन का शुभारंभ किया है तो कुछ सोच-समझकर ही किया होगा .. जिसमें प्रदेश और देशहित तो अवश्य शामिल रहा होगा..जो अभी पप्पुओ को समझ नहीं आ रहा है … भविष्य में जब ये मास्टर स्ट्रोक साबित होगी तब बत्ती जलेगी.. लिहाजा प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ सोशल मीडिया वीरों से भी अनुरोध है कि वे वंदे भारत यात्रा को महंगा कतई न बताएं… बल्कि मेरे इस फार्मूले पर अमल करवाए.. इंदौर से भोपाल नेतानगरी का बड़ी संख्या में आवागमन होता है… अभी तबादलों से प्रतिबंध भी हट गया…सारे भियाओं और उनके पट्ठे तबादला उद्योग की मलाई या खुरचन सुतने इंदौर-भोपाल एक करेंगे और फिर ये चुनावी साल भी है जिसके चलते इंदौर से भोपाल बार बार आकाओं को धोक देने जाना पड़ेगा, भीड़ के रुप में कार्यकताओं का रेला भी साथ रहेगा , उसके अलावा तमाम राजनीतिक आयोजन -प्रयोजन , बैठकों के चलते भी इंदौर -भोपाल के बीच आवाजाही रहेंगी.. ऐसे में सारे भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं , संगठनों और तमाम पट्ठों से सादर अनुरोध है कि वे अपनी लग्जरी गाडिय़ां स्टेशन पर खड़ी करें और इंदौर से भोपाल का सफर इस वंदे भारत से करें… भोपाल से इंदौर भी आए दिन मंत्रियों सहित अफसरों का आना-जाना लगा रहता है, वे सब भी सरकारी गाडिय़ों के काफिलों को छोड़ वंदे भारत में बैठें और इस ट्रेन को ऐतिहासिक सफल साबित करें… सामान्य प्रशासन विभाग एक सर्कुलर जारी कर सकता है कि सारे सरकारी अधिकारी, कर्मचारी और उनका परिवार वंदे भारत से ही यात्रा करेगा , तभी टीए- डीए मंजूर होगा.. उसी तरह अपने वीडी भाई सारे भाजपाइयों को निर्देश दे कि इंदौर – भोपाल की यात्रा अगर वंदे भारत से नहीं कि तो टिकिट छोड़ो, मुहल्ले के नेता भी नहीं रह पाओगे… अपनी तो भगवा मितरों को यहीं सलाह है कि वे वंदे भारत की अधिक से अधिक यात्रा करें और परिवार को भी करवाएं… यह ट्रेन किसी सूरत में बंद नहीं होना चाहिए… वरना सोशल मीडिया पर इसके जो फायदे भक्त बिरादरी द्वारा जोर-शोर से बताए जा रहे हैं वे सब फर्जी साबित हो जाएंगे… जय भारत..वंदे भारत…!