हेलो मिस्टर जिन्ना, कैसे हैं आप ?
अच्छा भला अपनी क़ब्र में चैन से सोया था, पर तुम लोग चैन से सोने भी नहीं देते !
2019 से सो ही तो रहे हैं आप। अब उत्तरप्रदेश का चुनाव सर पर है। आप जानते हैं यह चुनाव आपके बिना लड़ा जाना संभव ही नहीं है !
यह तो मैं जानता हूँ, पर चुनाव तुम्हारे यहाँ होते हैं, ख़लल मेरे अमन और चैन में पड़ता है। मुर्दों को मुद्दों में बदल देने का कुछ शातिर राजनैतिक दलों का खेल तुम्हारा पसंदीदा चुनावी खेल है !
यह अद्भुत खेल है मिस्टर जिन्ना ! तमाम सवाल दरकिनार हो जाते हैं, हर तरह की जवाबदेही से बचने की सुविधा केवल आप से उपलब्ध हो जाती है !
पर मुर्दे को ज़िंदा करना और चुनाव निपट जाने के बाद फिर से मार देना कितना तकलीफ़देह है, जानते हो ?
आपकी तकलीफ़ समझ सकता हूँ, पर मरने के बाद भी किसी के काम आना तो फ़ख़्र की बात है !
अरे कैसा फ़ख़्र, चुनाव के बाद फिर से ऐसा दफ़नाओगे कि 2024 से पहले कोई नाम भी नहीं लेगा !
तकलीफ़ आपको कितनी भी होती हो, यह सोच कर आप इठला भी तो जाते होंगे कि आपको मरे सात दशक से ज़्यादा हो गए, पर आप आज भी ज़िंदा हैं और हिन्दुस्तान में तो आप लगातार रह-रहकर ज़िंदा होते ही रहेंगे !
क़ब्र से निकल कर मिस्टर जिन्ना बदन की मिट्टी झाड़ रहे थे। तभी मैंने देखा उनके चेहरे पर मुस्कान तैर रही थी !
हरभगवान चावला,सिरसा,हरियाणा,संपर्क-93545 45440
संकलन-निर्मल कुमार शर्मा, गाजियाबाद, उप्र,संपर्क-9910629632