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कलयुगी बहू ने इस तरह की अपने ससुर की हत्या… लिखी गई क्राइम की दर्दनाक स्क्रिप्ट

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राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में एक कलयुगी बहू ने अपने ससुर की हत्या करने के लिए एक ऐसी रणनीति बनाई कि कोई उस पर शक भी न करे और आसानी से वह वारदात को अंजाम भी दे पाए। बॉलीवुड स्टाइल में वारदात को अंजाम देने की हसरत तो उसकी पूरी नहीं हो पाई, मगर उसके खतरनाक इरादों का खुलासा होने के बाद मर्डर की नई तकनीक पुलिस को समझने को मिल गई। जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं का खुलासा करने में काफी मदद मिलेगी। दरअसल श्रीगंगानगर जिले के लालगढ़ जाटान थाना इलाके में एक पति ने अपनी पत्नी के खिलाफ अपने पिता को धीमा जहर देकर मारने का प्रयास करने का मुकदमा दर्ज कराया है। जानकारी के अनुसार, बहू अपने ससुर को नशीली दवाइयां देकर मारने के जुगाड़ में लगी थी, इस साजिश में श्रीगंगानगर के एक निजी अस्पताल का कंपाउंडर भी शामिल है। धीमा जहर देकर मारने की यह पहली घटना नहीं है। देश में पहले भी इस तरह की कुछ वारदात सामने आई हैं। जिसने लोगों के होश उड़ा दिए हैं।



तानाशाह सद्दाम हुसैन से प्रेरित होकर ससुराल वालों को खिलाया ये जहर

दिल्ली में 37 वर्षीय रियल एस्टेट कारोबारी वरुण अरोड़ा ने अपने ससुराल वालों से दुश्मनी निकालने के लिए फिश करी में थैलियम मिला दिया था। घटना 21 मार्च, 2021 की है। इस वारदात में कारोबारी की सास और साली की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस घटना का खुलासा करते हुए बताया कि युवक ने इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन और उनकी खुफिया एजेंसियों से प्रेरित होकर इस घटना को अंजाम दिया। सद्दाम हुसैन अपने राजनीतिक विरोधियों को मारने के लिए थैलियम का इस्तेमाल किया करता था।

40 दिन तक मौत से जूझती रही दिव्या

आरोपी ने ससुराल वालों के खाने में थैलियम जहर मिलाकर दे दिया जिसके बाद उसकी साली तथा सास की तो तुरंत ही मौत हो गई लेकिन पत्नी मौत से संघर्ष करती रही और आखिरकार 40 दिनों बाद दम तोड़ दिया। आरोपी की पत्नी दिव्या राजधानी के सर गंगाराम अस्पताल में पिछले 40 दिनों से भर्ती रही, लेकिन डॉक्टरों की दिव्या को बचाने की तमाम कोशिशें नाकाम हो गईं और उसने दम तोड़ दिया।

लैपटॉप ने खोला राज
पुलिस ने वारदात के बाद आरोपी वरुण अरोड़ा के घर छापेमारी कर उसका लैपटॉप बरामद किया। लैपटॉप खंगालने पर पुलिस को ब्राउजिंग हिस्ट्री में थैलियम से संबंधित कई वेब पेज खोले जाने की जानकारी मिली। थैलियम का इस्तेमाल तानाशाह सद्दाम हुसैन ने अपने राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने के लिए किया था। इसी के साथ सद्दाम हुसैन से संबंधित किताब भी बरामद की है। इसके साथ पुलिस ने संदेह जताया है कि आरोपी ने सद्दाम से प्रेरित होकर थैलियम से पत्नी और ससुराल वालों को मारने की साजिश रची। इसके बाद पुलिस ने इंदरपुरी पुलिस स्टेशन में वरुण के खिलाफ हत्या का आरोप दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

इस तरह रची साजिश

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जब तहकीकात की तो जो खुलासा हुआ वो हैरान करने वाला था। पत्नी द्वारा गर्भपात कराए जाने से खासा नाराज था। आरोपी वरुण ससुराल में बहुत कम आता था लेकिन 31 जनवरी को वो न केवल ससुराल आया बल्कि खाने में मछली बनाकर भी लाया। इसके बाद उसने सबको मछली खाने को कहा लेकिन खुद नहीं खाई और दूध का बहाना बनाकर छोटे बच्चों को भी मछली नहीं दी। इसके बाद सबसे पहले उसकी साली प्रियंका की तबीयत खराब हो गई जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया और 15 फरवरी को उसकी मौत हो गई फिर सास की तबियत बिगड़ी तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसकी 21 मार्च को मौत हो गई। वरुण की पत्नी दिव्या जो कोमा में थी उसने भी 8 अप्रैल को दम तोड़ दिया। बाद में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया तो उसके घर से थैलियम जहर की एक सीसी मिली जो उसने 22 हजार में खरीदी थी।

सद्दाम हुसैन के लड़ाकों का पसंदीदा हथियार
थैलियम के जरिए राजनीतिक हत्‍याओं को इराक के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन ने खूब बढ़ावा दिया। उसकी सीक्रेट पुलिस ‘मुखबरात’ ने 20वीं सदी के आखिरी कुछ दशकों में थैलियम का जमकर इस्तेमाल किया। सलवा बहरानी, अब्‍दुल्‍ला अली, मजीदी जेहाद… कई ऐसे नाम हैं जिनकी हत्‍या सद्दाम ने इसी जहर से कराई। जॉन एम्‍सले नाम के एक केमिस्‍ट ने अपनी किताब The Elements of Murder में थैलियम से की गई हत्‍याओं का जिक्र किया है। उनके मुताबिक, फ्रांस ने 1960 के दशक में एक गुरिल्‍ला नेता को इसी तरह मारा था। क्‍यूबा के पूर्व राष्‍ट्रपति फिदेल कास्‍त्रो को मारने की कोशिश में अमेरिका के भी इसके एक बार इस्‍तेमाल करने का शक है।

थैलियम के जहर से क्‍या होता है?
थैलियम ऐसा एक स्लो पॉइजन है, जो धीरे-धीरे जिंदगी लेता है। थैलियम के संपर्क में आने के शुरुआती 48 घंटों में उलटी, डायरिया, सिर घूमना जैसे लक्षण महसूस होते हैं। कुछ दिन में यह नर्वस सिस्‍टम को डैमेज करना शुरू कर देता है। धीरे-धीरे मांसपेशियां बेकार हो जाती हैं, याद्दाश्‍त चली जाती है और आखिर में इंसान कोमा में चला जाता है। थैलियम के जहर से मौत होने में तीन हफ्तों का वक्‍त लग सकता है।

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