Site icon अग्नि आलोक

कर्नाटक की हार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की हार

Share
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

 शिवानन्द तिवारी, पूर्व सांसद 

: कर्नाटक की हार भाजपा की हार से कहीं ज़्यादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की हार है. जिस अंदाज़ और तेवर में उन्होंने कर्नाटक का चुनाव अभियान चलाया वह अद्भुत था. उनके अभियान में एक उन्माद था. जिस तरह वे बजरंग बली का नारा लगा रहे थे. उनको यह भी ध्यान नहीं रहा कि वे दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के प्रधानमंत्री हैं. दुनिया उनको देख रही है. 

लेकिन सबकुछ झोंक देने के बावजूद कर्नाटक चुनाव के नतीजे का संदेश स्पष्ट है. बजरंग बली और बागेश्वर बाबाओं के सहारे लोगों को भरमा कर उनका समर्थन हासिल नहीं किया जा सकता है. बेरोज़गारी, महंगाई और भूख को हनुमान चालीसा और मंदिरों के सहारे भुलाया नहीं जा सकता है. 

कर्नाटक के नतीजा का संदेश स्पष्ट है. अगले लोकसभा चुनाव के बाद एक नये प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नई सरकार का शपथ ग्रहण मुमकिन है.

Exit mobile version