~ डॉ. नीलम ज्योति
प्राचीन भारत को जम्बू द्वीप के नाम से भी जाना जाता है और यह नाम जामुन के वजह से है। आश्चर्य की बात तो है कि किसी फल के वजह से किसी देश का नामकरण किया गया.
दरअसल जामुन के कई नाम है और उन्हीं में से एक नाम है जम्बू। भारत में जामुन की बहुतायत रही है। हमारे देश में इसकी पेड़ों की संख्या लाखों-करोड़ों में है और शायद इसी कारण से यह फल हमारे देश का पहचान बन गया।
भारतीय माइथोलॉजी के दो प्रमुख केंद्र रामायण और महाभारत में भी यह विशेष पात्र रहा है।भगवान राम ने अपने 14 वर्ष के वनवास में मुख्य रूप से जामुन का ही सेवन किया था वहीं श्री कृष्णा के शरीर के रंग को ही जामुनी कहा गया है। संस्कृत के श्लोकों में अक्सर इस नाम का उच्चारण आता है।
जामुन विशुद्ध रूप से भारतीय फल है।भारत का हर गली – मोहल्ला ईसके स्वाद से परीचित हैं। जामुन एक मौसमी फल है। खाने में स्वादिष्ट होने के साथ ही इसके कई औषधीय गुण भी हैं। जामुन अम्लीय प्रकृति का फल है पर यह स्वाद में मीठा होता है। जामुन में भरपूर मात्रा में ग्लूकोज और फ्रुक्टोज पाया जाता है. जामुन में लगभग वे सभी जरूरी लवण पाए जाते हैं जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है।
*जामुन खाने के फायदे :*
1. पाचन क्रिया के लिए जामुन बहुत फायदेमंद होता है. जामुन खाने से पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं.
2. मधुमेह के रोगियों के लिए जामुन एक रामबाण उपाय है. जामुन के बीज सुखाकर पीस लें. इस पाउडर को खाने से मधुमेह में काफी फायदा होता है.
3. मधुमेह के अलावा इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर से बचाव में कारगर होते हैं. इसके अलावा पथरी की रोकथाम में भी जामुन खाना फायदेमंद होता है. इसके बीज को बारीक पीसकर पानी या दही के साथ लेना चाहिए.
4. अगर किसी को दस्त हो रहे जामुन को सेंधा नमक के साथ खाना फायदेमंद रहता है. खूनी दस्त होने पर भी जामुन के बीज बहुत फायदेमंद साबित होते हैं.
5. दांत और मसूड़ों से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान में जामुन विशेषतौर पर फायदेमंद होता है. इसके बीज को पीस लीजिए. इससे मंजन करने से दांत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं.
जामुन मधुमेह के रोगियों के लिए रामबाण है। यह पाचनतंत्र को तंदुरुस्त रखता हैं। साथ ही दांत और मसूड़े के लिए बेहद फायदेमंद है। जामुन में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम होता है।आयुर्वेद में जामुन को खाने के बाद खाने की सलाह दी जाती है।
जामुन के लकड़ी का भी कोई जबाव नहीं है। एक बेहतरीन इमारती लकड़ी होने के साथ ईसके पानी मे टिके रहने की बाकमाल शक्ति है। अगर जामुन की मोटी लकड़ी का टुकडा पानी की टंकी में रख दे तो टंकी में शैवाल या हरी काई नहीं जमती सो टंकी को लम्बे समय तक साफ़ नहीं करना पड़ता |प्राचीन समय में जल स्रोतों के किनारे जामुन की बहुतायत होने की यही कारण था इसके पत्ते में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो कि पानी को हमेशा साफ रखते हैं। कुए के किनारे अक्सर जामुन के पेड़ लगाए जाते थे।
जामुन की एक खासियत है कि इसकी लकड़ी पानी में काफी समय
तक सड़ता नही है। जामुन की इस खुबी के कारण इसका इस्तेमाल नाव बनाने में बड़े पैमाने पर होता है।
जामुन औषधीय गुणों का भण्डार होने के साथ ही किसानो के लिए भी उतना ही अधिक आमदनी देने वाला फल है।
नदियों और नहरों के किनारे मिट्टी के क्षरण को रोकने के लिए जामुन का पेड़ काफी उपयोगी है। अभी तक व्यवसायिक तौर पर योजनाबद्ध तरीके से जामुन की खेती बहुत कम देखने को मिलती हैं। देश के अधिकांश हिस्से में अनियोजित तरीके से ही किसान इसकी खेती करते हैं।अधिकतर किसान जामुन के लाभदायक फल और बाजार के बारे में बहुत कम जानकारी रखते हैं, शायद इसी कारणवश वो जामुन की व्यवसायिक खेती से दूर हैं।जबकि सच्चाई यह है कि जामुन के फलों को अधिकतर लोग पसंद करते हैं और इसके फल को अच्छी कीमत में बेचा जाता है।
जामुन की खेती में लाभ की असीमित संभावनाएं हैं।इसका प्रयोग दवाओं को तैयार करने में किया जाता है, साथ ही जामुन से जेली, मुरब्बा जैसी खाद्य सामग्री तैयार की जाती है।
सबसे खास बात कि जामुन हम भारतीयों की पहचान रही है अतः इस वृक्ष के संरक्षण और संवर्धन में हम सभी को अपना योगदान देना चाहिए।
जब भी बात रसीले फलों की आती है, तो उसमें एक नाम जामुन का भी आता है। स्वाद में खट्टे मीठे गहरे जामुनी रंग के जामुन पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। दिनभर में मुट्ठी भर जामुन खाने से स्वास्थ्य को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं और स्किन को भी फायदा पहुंचाते हैं। मगर साथ ही इसका सेवन करने से दिनों दिन बढ़ रही चर्बी से भी मुक्ति पाई जा सकती है। जी हां हाई फाइबर और लो कैलोरी जामुन बार-बार होने वाली क्रेविंग को भी कम कर देता है।
*बहुत खास है यह देसी फल :*
जामुन का सेवन करने से शरीर को विटामिन सी और मैग्नीशियम के अलावा पॉलीफेनोल्स की प्राप्ति होती है। इसके सेवन से स्किन संबधी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही डायबिटीज़ के इलाज में ये फल बेहद फायदेमंद है। इसकी खास बता ये है कि फल के अलावा इसका बीज और पत्तियां भी स्वास्थ्य संबधी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है।
जामुन का सेवन करने से शरीर को विटामिन सी की प्राप्ति होती है। इससे शरीर में आयरन की एब्जॉर्बशन को बढ़ाया जा सकता है। इस लो कैलोरी फूड का सेवन करने से अतिरिक्त कैलोरीज़ से मुक्ति मिल जाती है और शरीर में हीमोग्लोबिन की भी उच्च मात्रा पाई जाती है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंस ऑक्सीडेंटिव तनाव को कम करते हैं। सुबह नाश्ते में इसका सेवन करने से लंबे
वक्त तक भूख नहीं लगती है, जिससे ओवरइटिंग को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
*1. लो कैलोरी फूड :*
जामुन एक लो कैलोरी फूड है और इसमें उच्च मात्रा में फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं। साथ ही फ्रुक्टोज़़ और ग्लूकोज़ कम मात्रा में पाया जाता है। इससे शरीर में अतिरिक्त कैलोरीज़ बढ़ने का खतरा कम हो जाता है और वेटलॉस में भी मदद मिलती है। इसके अलावा फाइबर की उच्च मात्रा बार बार भूख लगने की समस्या हल कर देती है। जामुन के नियमित सेवन से डाइजेशन और मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने में मदद मिलती है। इससे वेटलॉस में मदद मिलती है।
*2. ब्लड शुगर नियंत्रण :*
जामुन का सेवन करने से कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में बदलने में मदद मिलती है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने की वजह से ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है। डायबिटीज के मरीजों को गर्मियों के दिनों में जामुन का सेवन करना चाहिए। इससे बार बार यूरिन पास करने और प्यास लगने की समस्या भी हल होने लगती है।
*3. ओरल हाइजीन :*
एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर जामुन का सेवन करने से दांतों का पीलापन कम हो जाता है और कैविटी से भी राहत मिलती है। इसके अलावा सांसों की दुर्गंध को भी दूर किया जा सकता है। जामुन के अलावा इसकी पत्तियां और सीड्स का पाउडर भी दांतों के लिए बेहद कारगर साबित होता है।
*4. त्वचा के लिए फायदेमंद :*
जामुन में विटामिन सी की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे ऑक्सीडेटिव तनाव कम होने लगता है, जिससे त्वचा पर फ्री रेडिकल्स का प्रभाव कम हो जाता है। इसमें मौजूद विटामिन सी की मात्रा त्वचा में कोलेजन को बूस्ट कर स्किन के लचीलेपन को बनाए रखने में मदद करता है। इसके सेवन से त्वचा पर दाग धब्बों को कम किया जा सकता है।
*5. हृदय रोग से बचाए :*
इसके सेवन से शरीर को पोटेशियम की प्राप्ति होती है। इससे हाईपरटेंशन के खतरे से बचा जा सकता है। यूएसडीए के अनुसार 100 ग्राम जामुन से 79 मिलीग्राम पोटेशियम मिलता है, जिससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। साथ ही कार्डियक अरेस्ट और स्ट्रोक से बचा जा सकता है।