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महामाहिम की जानें ताकत, सैलरी से लेकर सुविधाओं तक

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नई दिल्ली : देश को आज अपना 15वां राष्ट्रपति मिलने जा रहा है। आज जीतने वाला उम्मीदवार राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की जगह लेगा। कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। इसलिए नए राष्ट्रपति 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। ऐसे में आपके मन में यह सवाल तो जरूर उठ रहा होगा कि आखिर देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर बैठने वाले शख्स को आखिर शपथ कौन दिलाता है। आखिर इस सर्वोच्च पद पर बैठने वाले व्यक्ति के पास कौन-कौन सी शक्तियां होती हैं। देश के संवैधानिक मुखिया के पास कौन-कौन सी सुविधाएं होती हैं। आइए हम इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

अनुच्छेद 54 में राष्ट्रपति चुनाव का उल्लेख
भारत के राष्ट्रपति का चुनाव का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 54 में है। इसके अनुसार राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप में होता है। राष्ट्रपति के चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व एकल संक्रमणीय मत पद्धति से किया जाता है। राष्ट्रपति का चुनाव एक इलेक्टोरल कॉलेज करता है। भारत में राष्ट्रपति का चुनाव एक विशेष तरीके से वोटिंग से होता है। इसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहते हैं। सिंगल वोट यानी एक मतदाता एक ही वोट देता है। लेकिन इसमें वह कई उम्मीदवारों को अपनी प्राथमिकता के आधार पर वोट देता है। इसका अर्थ है कि वह बैलेट पेपर पर यह बताता है कि उसकी पहली पसंद कौन है और दूसरी, तीसरी कौन।

चीफ जस्टिस दिलाते हैं राष्ट्रपति को शपथ
भारत के राष्ट्रपति को देश के चीफ जस्टिस शपथ दिलाते हैं। चीफ जस्टिस की अनुपस्थिति में, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जस्टिस शपथ दिला सकते हैं। संविधान के अनुच्छेद 60 में राष्ट्रपति को शपथ दिलाने को लेकर स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। उनकी नियुक्ति निर्वाचक मंडल की तरफ से की जाती है।

राष्ट्रपति की मृत्यु होने पर पद कौन संभालता है?
राष्ट्रपति की मृत्यु होने या किसी अन्य वजह से पद रिक्त रहने की स्थिति में उपराष्ट्रपति उनका कार्यभार संभालते हैं। उपराष्ट्रपति जब राष्ट्रपति का कार्यभार संभालते हैं तो उससे पहले उनको राष्ट्रपति पद की शपथ लेनी होती है। यह शपथ सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा दिलाई जाती है। अगर उस समय उपराष्ट्रपति का पद भी रिक्त हो तो यह जिम्मेदारी देश के चीफ जस्टिस संभालते हैं। सीजेआई का भी पद रिक्त होने की स्थिति में यह जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज के कंधे पर आ जाती है।

उपराष्ट्रपति को दे सकते हैं इस्तीफा
राष्ट्रपति के यदि इस्तीफा देने की स्थिति बनती है तो इस सूरत में उपराष्ट्रपति की भूमिका अहम हो जाती है। राष्ट्रपति अपना पत्र उपराष्ट्रपति को सौंप कर इस्तीफा दे सकते हैं। राष्ट्रपति का पद 6 महीने से अधिक समय तक रिक्त नहीं रह सकता है।

राष्ट्रपति का शपथ 25 जुलाई को ही क्यों?
राष्ट्रपति कब शपथ लेगा इस बात को लेकर संविधान में किसी भी तरह का कोई उल्लेख नहीं है। दरअसल, 1977 में नीलम संजीव रेड्डी निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए थे। उन्होंने 25 जुलाई 1977 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। उसके बाद से ही यह परंपरा बन गई। उसके बाद से सभी राष्ट्रपति 25 जुलाई को शपथ लेते हैं।

राष्ट्रपति ब्रिटेन की महारानी की तरह होता है, जिसका काम आलंकारिक अधिक होता है। राष्ट्रपति देश के राजनैतिक संस्थानों के काम की निगरानी करता है ताकि राज्य के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए मिलजुल कर काम कर सके। अगर देश के संविधान को पढ़ेंगे तो ऐसा लगेगा कि ऐसा कुछ नहीं है जो राष्ट्रपति नहीं कर सकता। अनुच्छेद 53 के तह संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी। राष्ट्रपति इसका प्रयोग संविधान के अनुसार स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से करेगा।

राष्ट्रपति को कितनी सैलरी मिलती है?
वर्तमान में भारत के राष्ट्रपति की सैलरी 5 लाख रुपये प्रति माह है। इसके अलावा अन्य भत्ते दिये जाते हैं। 2017 से पहले राष्ट्रपति की सैलरी केवल 1.5 लाख रुपए प्रति माह थी। उस समय टॉप ब्यूरोक्रेट्स और कैबिनेट मंत्रियों की सैलरी इससे अधिक थी। राष्ट्रपति को फ्री मेडिकल सुविधा, घर, बिजली, टेलीफोन बिल सहित अन्य भत्ते भी मिलते हैं। राष्ट्रपति को कहीं आने-जाने के लिए विशेष तौर पर बनी मर्सिडीज बेंज एस600 पुलमैन गार्ड गाड़ी मिलती है। राष्ट्रपति के फ्लीट में 25 वाहन होते हैं। राष्ट्रपति के पास स्पेशल बॉडीगार्ड होते हैं। इन्हें प्रेसीडेन्शियल बॉडीगार्ड कहा जाता है। इनकी संख्या 86 होती है। पद से हटने के बाद राष्ट्रपति को 1.5 लाख रुपये पेंशन मिलती है। पूर्व राष्ट्रपति के रूप में उन्हें रहने के लिए मुफ्त बंगला, एक मोबाइल फोन, दो फ्री लैंडलाइन फोन और लाइफटाइम फ्री इलाज की सुविधा दी जाती है। स्टाफ के खर्च के लिए सरकार पूर्व राष्ट्रपति को 60 हजार रुपए मिलते हैं। पूर्व राष्ट्रपति को अपने साथ एक सहयोगी लिए ट्रेन या हवाई मार्ग से फ्री यात्रा की सुविधा भी मिलती है।

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