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*जानिए, लो टेम्प्रेचर में क्यों हाई हो जाता है ब्लड प्रेशर*

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         ~ नीलम ज्योति 

ठंड के मौसम में कई अलग-अलग तरह की सब्जियां और खाने-पीने के सामान भी खूब मिलते हैं। आग के नजदीक बैठना और मूंगफली खाना इन दिनों में किसे पसंद नहीं होगा। पर जाड़े के दिनों में ठंड के कारण होने वाले संभावित स्वास्थ्य खतरों को पहचानना भी जरूरी है।

    खासकर हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए। विशेषज्ञ बताते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या और मौसम के बीच कनेक्शन है। यदि ठंड बढ़ती है, तो यह हाई ब्लड प्रेशर और हृदय के मरीजों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके कारण स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।

*क्या है ब्लड प्रेशर और मौसम का कनेक्शन?*

ठंड ब्लड वेसल्स को संकुचित कर देती है। यह शरीर की गर्मी को बनाए रखने की प्राकृतिक प्रतिक्रिया है। ब्लड वेसल्स में संकुचन से रक्तचाप बढ़ सकता है।

    इससे हार्ट की कार्यप्रणाली पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है। लो टेम्प्रेचर और हाई ब्लड प्रेशर का संयोजन स्ट्रोक के जोखिम को भी बढ़ा देता है।

*आपातकाल चिकित्सा :* 

एक बात और गौर करने वाली है कि सर्दी या अन्य बीमारी से भी रक्तचाप बढ़ जाता है। यह और भी चिंताजनक हो सकता है यदि आपको पहले से ही सामान्य से अधिक ब्लड प्रेशर यानी हाई ब्लड प्रेशर है।

    इसलिए हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज के मरीज को भी आपातकाल चिकित्सा आपातकाल पर ध्यान देने की जरूरत है।

*ब्रेन स्ट्रोक का खतरा :*

ठंड के मौसम में, शरीर की ब्लड वेसल्स सिकुड़ सकती हैं। ये छोटी हो सकती हैं। इससे ब्लड वेसल्स का प्रेशर बढ़ जाता है। यह ब्रेन स्ट्रोक के लिए प्रमुख जोखिम कारक बन सकता है। इसके अलावा, ठंड के कारण ब्लड गाढ़ा हो सकता है।

    इससे ब्लड स्टिकी हो जाता है, जिससे ब्लड क्लॉट होने की संभावना बढ़ जाती है।

*लाइफस्टाइल में परिवर्तन :*

फिजिकल चेंज के अलावा, ठंड अक्सर जीवनशैली में भी बदलाव लाती है, जो हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती है। ठंडे मौसम के कारण शारीरिक गतिविधि में कमी, सोडियम की ज्यादा मात्रा वाले सॉल्टी फ़ूड, छने-तले खाद्य पदार्थ, बढ़ा हुआ वजन भी ब्लडप्रेशर में वृद्धि का कारण बन सकता है।

   इसलिए उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों के लिए ठंड के महीनों के दौरान स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना बहुत जरूरी है।

*जरूरी है नियमित निगरानी :* 

उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों के लिए नियमित ब्लड प्रेशर की निगरानी सबसे अधिक जरूरी है, खासकर ठंड में। हमें पता भी नहीं चल पाता है कि कब ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव हो गया। इसलिए नियमित जांच बेहद महत्वपूर्ण है।

     हेल्थ केयर एक्सपर्ट के साथ परामर्श से दवाओं के लेने और स्वस्थ जीवनशैली से हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे स्ट्रोक का खतरा भी कम हो जाता है।

*विंटर वेलनेस को लागू करना :* 

हाई ब्लड प्रेशर से जुड़े मौसमी जोखिमों को कम करने के लिए विंटर वेलनेस को लागू करना बहुत जरूरी है। इसमें इनडोर व्यायाम के माध्यम से सक्रिय रहना, कम सोडियम वाले संतुलित आहार का सेवन करना और तनाव को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना शामिल है।

    पर्याप्त हाइड्रेशन भी जरूरी है, क्योंकि डीहाइड्रेशन आगे चलकर ब्लड प्रेशर को बढ़ाने में योगदान दे सकता है।

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