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थायराइड का संकेतक भी है पैरदर्द,जानिए उबरने के उपाय

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       नेहा, नई दिल्ली 

अगर फ्लैट जूते पहनने के बाद भी इन दिनों आपके पैरों में असहनीय दर्द रहने लगा है, तो आपको बिना देर किए अपना थॉयराइड लेवल चेक करवाना चाहिए। जी हां, थायरॉइड आपकी स्किन, बालों और पीरियड साइकल के साथ ही आपके पैरों की मांसपेशियों को भी प्रभावित करता है।

      थायराइड वास्तव में एक हार्मोनल डिसऑर्डर है, जो आजकल बेहद कॉमन हो गया है। 

   थायराइड हार्मोंस के बढ़ने या घटने पर यह स्थति उत्पन्न होती है। इस स्थिति में कई शारीरिक लक्षण नजर आते हैं, जिनकी वजह से नियमित दिनचर्या पर नकारात्मक असर पड़ता है। वहीं पैरों पर इसका बेहद नकारात्मक असर पड़ता है और इनसे जुड़े कई लक्षण नजर आ सकते हैं। मांसपेशियों की कमजोरी, दर्द और अकड़न आपको परेशान कर देती है। 

     बहुत से लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है, जिसकी वजह से वे इसे लंबे समय तक नजरअंदाज करते रहते हैं।

थायरॉइड असंतुलन होने पर आपके पैरों में नज़र आ सकते हैं ये लक्षण :
~जोड़ों में अकड़न और धड़कन वाला दर्द, खास तौर पर एड़ी और आर्च वाले क्षेत्रों में
~पैर खासकर निचले पैरों के मांसपेशियों में ऐंठन और कमज़ोरी
~पैरों की उंगलियों और तलवों में झुनझुनी होना या उनका सुन्न पड़ जाना
~पैर के निचले छोरों में दर्द महसूस होना और सनसनी होना
~एड़ियों और पैर की उंगलियों पर सूजन, दरारें और कॉलस
~लंबे समय तक खड़े रहने या चलने में कठिनाई
~संतुलन में कमी और गिरने का जोखिम बढ़ जाना

क्यों होता है थायरॉइड में पैर दर्द?
थायरॉइड ग्लैंड ऐसे हार्मोन बनाते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करते हैं। जब ये स्तर बहुत अधिक (हाइपरथायरायडिज्म) या बहुत कम (हाइपोथायरायडिज्म) होते हैं, तो यह व्यापक मांसपेशियों और जोड़ों की समस्याओं को ट्रिगर कर सकते हैं।
विशेष रूप से, हाइपोथायरायडिज्म से मांसपेशियों की ताकत कम हो जाती है और पैरों में ऐंठन होती है, जो पैर और निचले पैरों में दिखाई दे सकती है। यह ड्राई स्किन और असंतुलित ब्लड सर्कुलेशन का कारण बनता है, जिसके परिणामस्वरूप एड़ियों में दरारें और पैरों पर कॉलस हो जाते हैं।
हाइपरथायरायडिज्म के साथ, अत्यधिक थायराइड हार्मोन मेटाबॉलिज्म को तेज कर देता है और मांसपेशियों के टिश्यू को खराब कर सकता है। इससे मांसपेशियों में कमजोरी, कंपन और दर्द होता है। इसके अतिरिक्त, यह लो बोन मिनरल डेंसिटी से जुड़ा हुआ है जो पैर की परेशानी में योगदान दे सकती है।

क्या परेशानी को कंट्रोल किया जा सकता है?
जी हां! कुछ जीवनशैली उपाय ऐसे हैं, जो इन लक्षणों पर काबू पाने में आपकी मदद कर सकते हैं:
वॉकिंग, स्विमिंग या साइकिल चलाना जैसे कम प्रभाव वाले व्यायाम ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, जिससे थाइरोइड की स्थिति में होने वाला दर्द कम हो जाता है।
पैर की मांसपेशियों और जोड़ों को स्ट्रेच करने के लिए योग और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज में भाग लें।
आर्च सपोर्ट और शॉक एब्जॉर्ब करने वाले उचित जूते पहने, इससे पैरों से जुडी समस्या नियंत्रित रहेगी।
दरार और कॉलस को रोकने के लिए नियमित रूप से पैरों को भिगोना और मॉइस्चराइज़ करना बेहद जरुरी है।
ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने के लिए ऑयल की मदद से पैरों की मालिश करें।
एड़ी और जोड़ों के दर्द को ट्रिगर करने वाली एक्सरसाइज और हाई इंटेंस एक्टिविटीज से बचें।
सूजन कम करने के लिए बैठते समय पैरों को ऊपर उठा कर रखें।
सेलेनियम, जिंक, ओमेगा-3 और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार थायराइड स्वास्थ्य और मस्कुलोस्केलेटल फ़ंक्शन का समर्थन करते हैं।
हाइड्रेटेड रहना और शराब का सेवन सीमित करना भी फायदेमंद साबित हो सकता है।

अपनाएं ये उपाय :
आप थायराइड में होने वाली पैर की तकलीफ़ विकसित होने की संभावना को इस तरह कम कर सकते हैं :
समस्याओं को जल्दी पकड़ने के लिए एक नियमित अंतराल पर थायराइड की जांच करवाएं।
अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई थायराइड दवाइयों को नियमित रखें।
डाइट और शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान दें और थायरॉइड हार्मोन के स्तर को बैलेंस रखें।
यदि आपके परिवार में ऑटोइम्यून डिसऑर्डर की हिस्ट्री है, तो थायराइड एंटीबॉडी की जांच जरूर करवाएं।
मांसपेशियों और हड्डियों की ताकत को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।
यदि आपको हाइपोथायरायडिज्म है तो धूम्रपान और क्रूसिफेरस सब्जियों के अधिक सेवन से बचें।

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