राजनांदगांव से हिमांशु सिंह
राजनांदगांव। लोकसभा 2024 में राजनांदगांव की सीट काफी दिलचस्प मानी जा रही है। इस सीट पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल और भाजपा के सांसद संतोष पांडेय के बीच लड़ाई दिलचस्प होगी। ये लड़ाई इसलिए भी रोचक है, क्योंकि एक तरफ भूपेश बघेल हैं, जिनका पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर लोगों के बीच काफी प्रभाव है और दूसरी ओर संतोष पांडेय हैं, जो राजनांदगांव सीट से वर्तमान में सांसद हैं। यही वजह रही कि उनका टिकट नहीं काटा गया। चुनावी माहौल के बीच जनचौक की टीम ग्राउंड पर जनता से राय लेने पहुंची कि इस चुनाव में उनके क्या मुद्दे होंगे। वे किस आधार पर इस बार अपना सांसद चुनेंगे।
जनचौक की टीम ने राजनांदगांव के मतदाताओं से जब उनके मुद्दों पर बात की तो लोगों का कहना था कि इस बार सड़क, पानी, स्वास्थ्य, महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा काफी अहम है। लोगों का कहना था कि आज भी राजनांदगांव लोकसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें जर्जर हालात में हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मी के समय पानी की किल्लत झेलनी पड़ती है। स्वास्थ्य सुविधा के लिए आज भी कई किलोमीटर दूर शहर के चक्कर काटने पड़ते हैं।
महंगाई का जिक्र करते हुए मतदाताओं का ये भी कहना था कि पहले की अपेक्षा में तेजी से महंगाई बढ़ी है। जो सिलेंडर पहले 400 में मिलता था, आज उसके लिए 1100 रुपए देने पड़ रहे हैं। पेट्रोल के दाम भी 100 रुपए के पार पहुंच गए हैं। इससे हर चीज के दाम बढ़ गए हैं। जितनी कमाई नहीं है, उससे ज्यादा खर्च हो रहा है।
राजनांदगांव के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में जब जनचौक की टीम ने युवाओं से उनके मुद्दों पर बात की तो उनका सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार था। रवि साहू नाम के एक युवा का गुस्सा फूट पड़ा। उसका कहना था कि मोदी सरकार ने 2014 में युवाओं से हर साल 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन सरकार के सारे वादे खोखले साबित हुए। रवि का कहना था कि उसने बीकॉम और एमकॉम की डिग्री ली है। पिछले 5 साल से सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा है, लेकिन वैंकेसी ही नहीं आ रही है।
वहीं शुभम वर्मा नाम के एक युवा का कहना है कि भाजपा ने युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन ऐसा करने में विफल रही। आज देश में 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। तत्कालीन भूपेश सरकार बेरोजगारी को ध्यान में रखते हुए युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दे रही थी। जिसे भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया है। भाजपा सरकार युवा विरोधी सरकार है। केवल लोगों से झूठ बोलकर वोट ठगने का काम करती आई है और आगे भी वही करेगी।
वहीं जब हमने राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों का मूड टटोला तो उनका सबसे अहम मुद्दा, बिजली, पानी, सड़क और स्वास्थ्य था। कवर्धा जिले
के दशरंगपुर गांव के राजेश साहू का कहना था कि ग्रामीण क्षेत्रों में सांसद संतोष पांडेय ने ध्यान नहीं दिया है। आज भी स्वास्थ्य सुविधा हासिल करने के लिए हमें शहर जाना पड़ता है। सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हैं। वोट लेना होता है तो बड़े-बड़े वादे करते हैं, फिर जीतने के बाद अपने सारे वादे भूल जाते हैं।
जनचौक की टीम ने जब राजनांदगांव क्षेत्र के गांव रेंगाकटेहरा में पहुंचकर जनता से बात की तो कई चौंकाने वाले मुद्दे सामने आए। गांव के लोगों का कहना था कि चुनाव आते ही नेता घर-घर पहुंचकर वोट मांगने आ रहे हैं, लेकिन यही संतोष पांडेय जीतने के बाद क्षेत्र में 5 साल तक झांकने तक नहीं आए। गांव आज भी उसी हाल में है जैसे पहले था। यहां विकास कार्य के नाम पर केवल लोगों से वोट लिया गया है। काम आज तक कुछ नहीं करवाया गया।
रेंगाकटेहरा गांव के किसान रमेश कुर्रे और भानू साहू का कहना था कि मोदी सरकार ने किसानों से वादा किया था कि आय दोगुनी होगी, लेकिन आय दोगुनी होने की बजाय लागत दोगुनी हो गई है। सरकार ने यूरिया, डीजल और बीजों के दाम में लगातार इजाफा किया है, जिससे आज किसानी करना काफी मुश्किल साबित हो रहा है। साथ ही ये भी कहा कि किसान इतने दिन से अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में आंदोलन कर रहे थे, लेकिन उनकी बात सुनने के बजाय उन पर गोली, लाठियां और आंसू गैस के गैस के गोले दागे जा रहे थे। भाजपा सरकार किसान विरोधी सरकार है। ये केवल दिखावा करते हैं।
इतना ही नहीं रमेश कुर्रे और भानू साहू का ये भी कहना था कि गांव में आज तक सांसद के द्वारा कोई भी काम नहीं करवाया गया। सांसद ने केवल शहरी क्षेत्र में काम किया है। अब चुनाव आया तो मोदी की गारंटी के नाम पर वोट मांगने आ रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना था कि भूपेश बघेल ने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले किसानों से कर्जा माफ करने का वादा किया था। जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आई तो सबसे पहले भूपेश बघेल ने किसानों का कर्जा माफ करने का काम किया था। लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार किसानों के हित में कोई काम नहीं कर रही है, बल्कि किसानों की समस्या दिन ब दिन बढ़ाती जा रही है। भाजपा विकास का नारा बस देती है और विकास के नाम लोगों से वोट लेकर उन्हें मूर्ख बना रही है।
चुनावी यात्रा में जब जनचौक की टीम डोंगरगढ़ और राजनांदगांव ब्लॉक के पदुमतरा, घुमका और चैतूखपरी सहित आस-पास क्षेत्र में भी जनता से जुड़े मुद्दे जानने पहुंची। जहां लोगों ने बातचीत में पानी और सड़क की समस्या का जिक्र किया। लोगों का कहना था कि गर्मी में हर साल पानी की समस्या से जूझना पड़ता है। इलाके के सारे हैंडपंप सूख जाते हैं। इलाके के पास के कुछ ऐसे भी गांव हैं, जहां अकेले 600 से अधिक हैंडपंप सूख चुके हैं। डेढ़ से 2 किलोमीटर दूरी से पानी लाना पड़ रहा है।
पानी की समस्या को लेकर चैतूखपरी गांव के एक युवा अमन साहू का कहना था कि हर साल हमें इस समस्या का सामना करना पड़ता है। हमारी समस्या बड़ी होने के बावजूद सांसद ने इसको लेकर कोई कदम नहीं उठाया, जबकि केंद्र की मोदी सरकार की ‘हर घर जल’ योजना भी चल रही है। इस योजना का लाभ आस-पास के क्षेत्र में किसी को भी नहीं मिल रहा है। ये योजना केवल कागजों में ही दौड़ रही है और कागजों में लोगों के घर-घर पानी पहुंचाया जा रहा है।
जनचौक की टीम ने डोंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम अर्जुनी में महिलाओं से भी बातचीत की। जहां महंगाई, भ्रष्टाचार, स्वास्थ्य, रोजगार और महिला समान अधिकार का मुद्दा महिलाओं ने उठाया। महिलाओं का कहना था कि पिछले कुछ सालों में महंगाई बहुत ज्यादा बढ़ गई है। घर चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गैस सिलेंडर, राशन और सब्जी सब महंगी हो गई है। घर चलाने के लिए अब अपनी अन्य जरूरतों को नजरअंदाज करना पड़ता है। स्वास्थ्य सुविधाएं भी इलाके में बेहतर नहीं मिल पाती हैं, इलाज के लिए भिलाई जाना पड़ता है।
डोंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम अर्जुनी की शशिकला चंद्राकर और श्रद्धा मानिकपुरी का कहना है कि समाज में महिलाओं के लिए समान अधिकार होना चाहिए। महिलाओं की तरक्की के लिए सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए, जिससे महिलाएं सशक्त हो सकें और उन्हें किसी पर निर्भर न रहना पड़े। आगे उनका कहना था कि क्षेत्र में भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है। किसी भी सरकारी काम को करवाने के लिए पैसे देने पड़ते हैं। उसके बिना काम नहीं होता है।
डोंगरगढ़ के एक युवा वोटर शुभम शर्मा का कहना है कि भाजपा ने जमकर भ्रष्टाचार किया है। भाजपा ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए करोड़ों रुपए की हेराफेरी की है और इसके बदले लोगों को काम दिया है। 2014 में मोदी ने कहा था न खाऊंगा और न ही खाने दूंगा, लेकिन यहां तो उल्टी गंगा बह रही है। मोदी जमकर खा रहे हैं और अपने लोगों को जमकर खिला भी रहे हैं। ये केवल लोगों को झांसे में लेने के लिए बड़े-बडे़ वादे करते हैं और जब करने की बारी आती है तो हिंदू-मुस्लिम की बात करने लगते हैं।
जनचौक की टीम जब कवर्धा विधानसभा के लोगों का मूड टोटेलने पहुंची तो वहां एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। कवर्धा शहर से 30 किलोमीटर दूर पावली नामक गांव के लोग सड़क की समस्या के कारण लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं। इतना ही नहीं गांव के बाहर पोस्टर भी चस्पा कर दिया है कि इस गांव में वोट मांगने के लिए आने वालों पर प्रतिबंध है।
जब इस मामले में पावली गांव के ग्रामीणों से बात की तो उनका कहना था कि आजादी के इतने सालों के बाद भी गांव में आने-जाने के लिए सड़क नहीं है। गांव में सड़क न होने की वजह से यहां के लड़के-लड़कियों से कोई शादी नहीं करना चाहता है। खासकर लड़कों से। लोगों का कहना है कि लड़की वाले ये कहकर शादी करने से मना कर देते हैं कि गांव में सड़क नहीं है और न ही किसी प्रकार की सुविधा।
पावली गांव के राकेश और प्रमोद नामक युवक का कहना था कि यहां 500 वोटर हैं। सड़क को लेकर रोड नहीं तो वोट नहीं नारे का पोस्टर लगाया है। चुनाव के समय नेता वादा कर वोट ले लेते हैं और जीतने के बाद पलट के नहीं देखते। सड़क की शिकायत कलेक्टर से भी की थी। उसके बाद भी कोई देखने तक नहीं आया। इसलिए हम लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं।