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*लुक और सेलेरी नहीं है राइट पार्टनर का मापदंड :*

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      सोनी कुमारी, वाराणसी 

एक ऐसा समय सबकी लाइफ में आता है जब वे अपने लिए लाइफ पार्टनर की तलाश में होते हैं। लाइफ पार्टनर यानि की जीवन भर का साथी। किसी एक व्यक्ति के साथ पूरी जिंदगी गुजारना आसान नहीं होता, इसलिए जीवन के इस फैसले को बहुत सोच समझकर और सावधानी से लेने की आवश्यकता होती है।

      बात केवल शादीशुदा जिंदगी की नहीं है, यदि आप किसी के साथ रिलेशनशिप में आना चाहती हैं, और अपना कीमती वक्त उनके साथ बिताने को तैयार हैं, तो इसमें भी आपको सावधानी बरतनी चाहिए।

     एक बेहतर पार्टनर की पहचान के लिए कुछ जरूरी टिप्स मैं दे रही हूँ जिन्हे कंसीडर करना बेहद महत्वपूर्ण है।

*1. केवल लुक्स पर न जाएं :*

      किसी भी व्यक्ति से पहली बार अट्रैक्शन उनके लुक्स को लेकर होता है, परंतु ऐसे में आपको अपनी प्रायोरिटी सेट करने की आवश्यकता है। किसी भी रिश्ते की नीव लुक्स नहीं हो सकती है।

   अगर आप पार्टनर की तलाश में हैं तो आपको सबसे पहले अपने मन से लुक्स से जुड़ी बातों को निकाल देना चाहिए। यदि आप केवल अपीयरेंस का सोच कर रिश्ते में आती हैं, तो ये आप दोनो के लिए काफी मुश्किल हो सकता है।

    अगर किसी के साथ बेहतर अंडरस्टैंडिंग है, तो लुक्स की वजह से उन्हें रिजेक्ट न करें।

*2. बिहेवियर को डिकोड करें :*

चाहे आप लाइफ पार्टनर की तलाश में हों, या रिलेशनशिप की आपको इन दोनों केस में आपके लिए पार्टनर के असल व्यवहार को समझना बहुत जरूरी होता है।

     शुरुआत में कोई भी व्यक्ति आपको खराब से ट्रीट नहीं करता, सभी अपना बेस्ट देते हैं। परंतु धीरे-धीरे व्यवहार में बदलाव नजर आ सकता है, इसलिए कोई भी फैसला जल्दबाजी में न लें।

      सामने वाले के बिहेवियर को ऑब्जर्व करें और उसे डिकोड करने की कोशिश करें, कि आखिर यह किस डायरेक्शन की ओर इशारा करता है और फिर आपको जो सही लगे आप वो फैसला ले सकती हैं।

*3. कम्युनिकेशन की फ्रीक्वेंसी को समझें :*

    अगर आप किसी के साथ रिलेशनशिप में आने का सोच रही हैं, या किसी व्यक्ति में आपको दिलचस्प आ रही है, तो ऐसे में कोई भी फैसला जल्दबाजी में न करें। सबसे पहले यह देखें कि आप दोनों के बीच का कम्युनिकेशन स्किल्स कैसा है, यदि आप एक दूसरे के साथ खुलकर कम्युनिकेट कर रहे हैं, तो अब आपको आगे का स्टेप लेना चाहिए।

  किसी भी रिश्ते में कम्युनिकेशन बेहद महत्वपूर्ण रोल निभाता है।

     यदि आप अपने पार्टनर से बातचीत नहीं करते तो जाहिर सी बात है की आप एक दूसरे की भावनाओं को नहीं समझेंगे और न हीं आप एक दूसरे से खुलकर अपनी जरूरतों को बयां कर पाएंगे जिसकी वजह से रिश्ते पर बेहद नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।

    ऐसे में जब तक आप सामने वाले व्यक्ति के साथ बात करने में पूरी तरह से कंफर्टेबल न हों, तब तक कोई भी फैसला लेने की जरूरत नहीं है।

*4. देखें की आप एक दूसरे से कनेक्ट कर पाते हैं या नहीं :*

पार्टनर में एक दूसरे से कनेक्ट करने की क्वालिटी होना बहुत जरूरी है, यदि आप एक दूसरे से जुड़ाव महसूस नहीं करते और एक दूसरे की चीजों को इंजॉय नहीं कर पाते हैं, तो यह आपके रिलेशनशिप को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता हैं। साथ ही इससे आपका मेंटल भी प्रभावित होता है।

     ये बेहद महत्वपूर्ण है, कि आप इन बातों का पूरा ध्यान रखें। ऐसा पार्टनर चुने जो आपकी छोटी-छोटी चीजों से कनेक्ट करता हो और उनमें शामिल होने की कोशिश करता हो। साथ ही उन्हें आपकी चीजों को इंजॉय करना अच्छा लगता हो।

      ठीक ऐसा ही आपको अपने पार्टनर के लिए भी महसूस होना चाहिए। यदि आप दोनों एक दूसरे से कनेक्ट करते हैं, तो आपको आगे बढ़ना चाहिए।

*5. ऐसा पार्टनर चुनें जिनके और आपके लिविंग स्टैंडर्ड में अधिक फर्क न हो :*

     अगर आप लाइफ पार्टनर ढूंढ रही हैं, या रिलेशनशिप मैं आना चाहती हैं, तो अपनी लिविंग स्टैंडर्ड के अनुसार ही अपना पार्टनर चुनें। यह इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है, ताकि आप दोनों को एक दूसरे के साथ एडजस्ट करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।

    हालांकि, ऐसा नहीं है, यदि आपका पार्टनर सपोर्टिव है तो आप डिफरेंट स्टैंडर्ड और फैमिली से बिलॉन्ग करने के बाद भी बेहद खुश रह सकते हैं। भविष्य का सोचते हुए प्राथमिकता उन्हें दें, जो आपकी लिविंग स्टैंडर्ड से मैच करते हो।

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