Site icon अग्नि आलोक

पुरुषत्व या पौरुषशून्यता 

Share

        पुष्पा गुप्ता 

तुम और वो लड़की रात के तीसरे पहर चैट कर रहे हो।बात करते करते तुम्हे कामुकता का अहसास होता है.

    तुम बिना सोचे बिना एक पल गवाए उससे एक न्यूड फोटो की मांग कर देते हो। 

वो कहती है की वो नहीं दे सकती।
तुम अपने जिद्द पर अड़े रहते हो।
वो तुम्हे समझाने की कोशिश करती है।
तुम उसे तुमपर यकींन करने को कहते हो।
वो कहती है शादी के बाद देख लेना वो तुम्हारी ही तो है।
तुम फिर भी नहीं मानते।

फिर वो तुम्हे वेट करने को कहती है।
तुम बड़े सब्र से इंतज़ार करते हो।
फिर वो तस्वीरें भेज देती है।
तुम खुश हो जाते हो।
तुम उसे देख कर थोड़ी देर के अश्लीलता के बाद शांत हो जाते हो।
अब वो तस्वीरें तुम्हे भद्दी लगने लगती है।
फिर तुम अपने दोस्तों में रोब ज़माने के लिए उसकी तस्वीरें अपने दोस्तों को भेजते हो ये कह कर की वो देख कर डिलीट कर देंगे। लेकिन उनमे से कोई उसे कही और फॉरवर्ड कर देता है। फिर वो एक ऐसे हाथो में पहुँचता है जो उसे शोशल साइट पर उपलोड कर देता है और तो और वो उसे टैग भी कर देता है।
वो उन तस्वीरों को देखती है।
तुम्हे मैसेज करती है और मिन्नतें करती है और डिलीट करने को कहती है। लेकिन तुम कहते हो की ये तुमने नहीं किया है।
वो फिर कहती है की तुम डिलीट कर दोगे तो वो तुम्हे और सारी तस्वीरें देगी।
तुम कहते हो की तुम्हे नहीं पता की वो तस्वीरें कैसे लीक हो गयी।
लोग अब उन तस्वीरों को लाइक और रियेक्ट करना शुरू करते है।
कुछ लोग गंदे कमेंट करते है ,कुछ बचाव करते है ,कुछ देख के उदास होते है,कुछ देख के हसंने लगते है।
उस लड़की की सहेलिया अब उसकी न्यूड तस्वीर देखती है ,कुछ हताश हो जाती है कुछ को बेहद ख़ुशी मिलती है।
कुछ उसके बचाव में कुछ कहती है लेकिन क्या फायदा लोग उसे देख चुके थे।
कुछ लोग उन तस्वीरों को शेयर कर देते है तो कुछ सेव कर लेते है तो कुछ उस लोग उसके रिलेटिव को फॉरवर्ड कर देते है।

अगले दिन वो स्कूल जाती है।
उसे देख कर उसके ही साथी फब्तियां कसना शुरू करते है।
क्लास टीचर ने खड़ा हो कर सब कुछ क्लास के सामने ही बताने का आर्डर दे डाला है उसे अब। लेकिन उसके मुंह से बोल नहीं निकल रहे।
आखिर में उसे प्रिंसिपल ऑफिस में सारे टीचरों के सामने लाया जाता है जहा वो सुन्न खड़ी है।
आखिर में उसके पेरेंट्स को बुलाया जाता है ,माँ बाप हाथ जोड़ते है लेकिन प्रिंसिपल को अपने स्कूल की इज्जत प्यारी है ,और इन बैठकों का रिजल्ट ये निकला की उसे स्कूल से निकाल दिया गया।

वो घर आयी ,और पहला काम ये हुआ की उसे जी भर कर पीटा गया ,पहले बाप ने पीटा फिर उसी भाई ने उन्ही हाथों से मुक्के बरसाए जिसपर उसने राखी बाँधी थी।
उसका फ़ोन छीन लिया गया ,उसकी जिंदगी अब लगभग बर्बाद हो चुकी थी।
उसने कई दिनों तक कमरे में खुद को बंद रखने के बाद बाहर निकलने की सोची।
बाहर लोग उसे देख कर इशारे करने लगे थे ,उनकी फुसफुसाहट उसके कानो में गूंज की तरह थी।
वो घर वापस आ गयी।
बहुत सोचा उसने ,बहुत हिम्मत जुटाई मगर ख़ुदकुशी के अलावा कोई रास्ता नजर नहीं आया।
शायद यही उसे अब आराम दे सकता था।
उसने चूहे मारने की दवा ढुंढी और बिना एक पल गवाए गले में उतार लिया ,दस मिनट के अंदर वो इस दुनिया से निकल चुकी थी।
उसके माँ बाप ने उसके रूम का दरवाजा खटखटाया मगर कोई जवाब नहीं मिला। जब जवाब कुछ देर तक नहीं आया तो दरवाजा तोड़ा गया ,वो पलंग के एक कोने में मरी पड़ी थी। उसकी लाश देख कर माँ बाप को तो पहले यकीन ही नहीं हुआ की अभी जो लड़की चल फिर रही थी ,लाश बन चुकी है.
रिलेटिव दोस्त सहेलियों टीचर सबको ये खबर जल्द ही मिल गयी उस लड़के को भी।
सभी को बुरा लगा उस लड़के को भी।
उसे पछतावा हुआ वो रोने लगा और खुद को कोसने लगा लेकिन वक़्त मुड़कर वापस कहा आता है।
उसकी लाश सफेद कफ़न में सबके सामने रखी थी , जो उसे देख कर फब्तियां कस रहे थे ,सभी रो रहे थे.
लेकिन अब उसे फर्क नहीं पड़ने वाला कुछ , वो अब जा चुकी है।
जिंदगी बिजली जैसी है. आपका अपना भी इससे झटके दे सकता है। इसे संभाल के इस्तमाल कीजियेगा तो ये रौशनी देगी ,जरा सी लापरवाही सब कुछ जला कर राख कर देगी। बहनों को मर्दानगी के नाम पर नामर्दी का नंगा नाच करने वाले आधुनिक प्रेमियों से कोसों दूर रहना चाहिए.

Exit mobile version