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सम्पूर्ण पुनर्वास को लेकर मेधा पाटकर का अनशन जारी :स्वास्थ्य में चिंता जनक गिरावट

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* डॉ.सुनीलम ने सम्भागायुक्त और एनसीए के अधिकारियों से  कहा कि वे तत्काल मेधा पाटकर से वार्ता प्रारंभ कर  संपूर्ण पुनर्वास करें*

 *जन संगठनों ने संपूर्ण पुनर्वास की मांग की*

इंदौर।नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर पिछले 6 दिनों से संपूर्ण पुनर्वास की मांग को लेकर बड़वानी के चीखल्दा में अनशनरत है। उनका स्वास्थ्य चिंताजनक है । फिर भी प्रशासन मौन बना हुआ है। बड़वानी से लौटकर पूर्व विधायक डॉ सुनीलम इंदौर आए उन्होंने आज संभाग आयुक्त दीपक सिंह और एनसीए, एनबीडीए के अधिकारियों से मुलाकात की तथा उन्हें ज्ञापन दिया और घाटी में चल रहे आंदोलन तथा मेघा पाटकर के अनशन के बारे में जानकारी दी तथा साथ ही कहा कि प्रशासन को तत्काल अधिकारियों का दल घाटी में भेजना चाहिए । 

ज्ञापन देते वक्त भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी, एसयूसीआई, समाजवादी पार्टी,शांति एवं एकजुटता संगठन, विभिन्न किसान व मजदूर संगठन और कई जन संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे । प्रमुख रूपसे अरविंद पोरवाल, रामस्वरूप मंत्री, प्रमोद नामदेव, सोनू शर्मा , रजनीश जैन, जयप्रकाश गुगरी, दुर्गेश खवसे, लीलाधर चौधरी सहित कई जन संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे ।

संभाग आयुक्त दीपक सिंह और एमबीए अधिकारी अशोक कुमार सिंह को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि  आपके समक्ष नर्मदा बचाओ आन्दोलन के साथियों ने कई बार पूरी हकीकत और आवेदन प्रस्तुत किये है। लेकिन आज तक 2023 में भी हजारों परिवारों के सम्बन्ध में गंभीर रूप से कार्य का उल्लंघन हुआ है। इन सभी परिवारों के जिन्होंने बिना पुनर्वास डूब भुगती है, नुकसान की पूर्ण भरपाई देना जो कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जाहिर किया था, वह होना तत्काल जरुरी है।

    नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण को तथा सर्वोच्च न्यायलय में भी पुनर्वास होने तक जो दावा 2009 में प्रस्तुत किया वह गलत साबित हुआ है। पुनरीक्षित बेक वाटर लेवल, 2023 के डूब के आधार पर, निरस्त करके केंद्रीय जल आयोग ने 1984 में लगाये बेक वाटर लेवल लागू करना यह निर्णय तत्काल जरुरी है और उन सभी परिवारों का पुनर्वास, उर्वरित लाभ देकर पूरा होना भी जरुरी है|

पुनर्वास का यह कार्य बड़ी मात्रा में बाकी होकर पूरा करने के लिए हर तहसील में पुनर्वास अधिकारी नियुक्त करना तथा GRA में, 5 न्यायाधीश होना कानूनन जिम्मेदारी है|  सरदार सरोवर का जलस्तर 122 मी. पर रोकने का निर्णय केंद्र सरकार के साथ लेना आपकी जिम्मेदारी है| हम यह अपेक्षा करते है कि आप अपने राज्य के हजारों विस्थापितों के हित में ही निर्णय लेने के लिए प्रयास करें|

नर्मदा घाटी के हजारों विस्थापित संघटित, आक्रोशित एवं सत्याग्रह पर होते हुए आप सभी जिलों के जिलाधिकारी तथा उच्च स्तरीय अधिकारी मिलकर निर्णायक बैठक का उनके प्रतिनिधियों के साथ तत्काल नियोजित करें यह अपेक्षा है| इस अवसर पर पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने नए संभाग आयुक्त और एनसीए अधिकारियों से आग्रह किया कि वह तत्काल घाटी में अपना दल भेजें और पुनर्वास के लिए पिछले 6 दिनों से अनशनरत देश के जन संगठनों की प्रमुख नेता मेधा पाटकर के जीवन को बचाने का काम करें।

    उल्लेखनीय है कि  मेधा पाटकर का शुगर लेवल 60 से भी नीचे चला गया है, लगातार उल्टियां हो रही है। उनके स्वास्थ्य की स्थिति चिंताजनक है।  वे डूब प्रभावितों के लिए जो संघर्ष कर रही है। डूब प्रभावितों की मांग पूरी करना राज्य शासन और प्रशासन की जिम्मेदारी है। अधिकारियों ने विश्वास दिलाया कि वे  ज्ञापन में उठाए गए मुद्दों पर गौर करेंगे और जल्द ही  इस पर निर्णय लिया जाएगा ।

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