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मोबाइल और वॉट्सऐप है तलाक की वजह:मोबाइल से मायके के इशारों पर नाचती बेटियां

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नई दिल्ली

मोबाइल और वॉट्सऐप ने जहां जिंदगी को आसान बनाया है, वहीं रिश्तों में मुश्किलें भी खड़ी की हैं। वाट्सऐप और सोशल मीडिया की वजह से बिगड़े दांपत्य संबंधों के दिल्ली की फैमिली कोर्ट में आए चार मामलों पर नजर डालते हैं और ऐसे हालात से निपटने के तरीके भी जानते हैं।

केस-1

मां से सास की बुराई- बूढ़ी औरत के साथ नहीं रह सकती

शादी को 15 दिन नहीं हुए कि सीमा (बदला हुआ नाम) कहने लगी, ‘मुझे तलाक चाहिए। मैं इस बूढ़ी औरत के साथ नहीं रह सकती। इस घर में मेरा दम घुटता है।’

योगेश कुमार (बदला हुआ) को समझ में ही नहीं आया कि ऐसा क्या हुआ कि सीमा इस तरह रिएक्ट कर रही है। बाद में पता चला कि सीमा अपनी मां और बड़ी बहन से हमेशा वॉट्सऐप पर बतियाती रहती। उनके इशारों पर चलती।

सीमा की मां और दीदी मोबाइल फोन पर हमेशा कहतीं, ‘पति को काबू में रखो, उसको दबाकर रखना, तभी परिवार में तुम्हारी चलेगी।’ घर में हर मामूली बात पर होने वाली किच-किच का रोजाना ब्योरा मायके में देना सीमा की आदत में शुमार हो चुका था।

नतीजा यह हुआ कि ससुराल से पत्नी सीमा को मोबाइल फोन पर मिलने वाले रोज के ‘ज्ञान’ से तंग आकर एक दिन योगेश ने अपनी सास से कहा कि आप सीमा को क्यों बहका रहे हैं।

‘बेटी को 6 महीने तक एंजॉय करने दो’

इस पर सीमा की मां ने कहा- ‘6 महीने तक मेरी मेरी बेटी को एंजॉय करने दो। आप लोग अपना काम खुद करो। समझ लो कि घर में कोई मेहमान आया हुआ है।’

सीमा की मां से बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। सीमा का बर्ताव बिगड़ता ही गया। योगेश अपनी पत्नी के दिनभर वॉट्सऐप वीडियो कॉलिंग से परेशान हो गया। उन्होंने तंग आकर हाल ही में दिल्ली के एक फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दायर की है।

इस मामले को देख रहे दिल्ली के साकेत फैमिली कोर्ट के वकील पुनीत विनय कहते हैं कि शादी के टूटने के ज्यादातर मामलों में दोनों तरफ के घर के लोगों की भूमिका होती है। उनके पास आने वाले तलाक के 70-80 फीसदी मामलों में मोबाइल फोन के जरिए बेटी को ससुराल वालों के खिलाफ छोटी-छोटी बात पर भड़काने के आरोप रहते हैं।

असल में, पति-पत्नी खुद से ज्यादा अपने-अपने माता-पिता या भाई-बहन की बात सुनते हैं।

पुनीत कहते हैं कि भारत में तलाक की दर एक फीसदी है। लेकिन मोबाइल के चलते मैरिड होममेकर लड़कियां दिनभर ससुराल की बातें मायके वालों से शेयर करती हैं।

ससुराल वालों की हर खबर मायके वालों को देती हैं। सास ने क्या कहा, ननद क्या बोली। पति और मां के बीच की बातचीत भी मायके वालों को बताई जाती है। जो पति के ध्यान न देने, बहस और झगड़े की वजह बनती है।

केस-2

पति की महिला मित्रों से आधी रात तक चैटिंग, रोकने पर जान देने की धमकी

दिल्ली की सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल शिवानी सिंह (बदला हुआ नाम) ने पति रविंद्र सिंह से तलाक के लिए पिछले दिनों फैमिली कोर्ट में याचिका दायर की है।

वह पति की सोशल मीडिया की लत से परेशान थीं। आरोप है कि रविंद्र सोशल मीडिया में इतना डूबा रहता है कि उसे घर-परिवार तक का ख्याल नहीं रहता।

शिवानी का दावा है कि शादी के पहले दिन से हस-बैंड वर्चुअल वर्ल्ड में खोया रहता है। शिवानी ने कोर्ट में दायर पिटिशन में आरोप लगाया है कि वह देर रात तक पति के वॉट्सऐप पर अपने महिला दोस्तों से बेमतलब बातचीत से तंग आ चुकी हैं। अगर वह पति को चैटिंग से रोकती हैं वह भड़क उठता है। जान दे देने या नतीजे भुगतने की धमकी तक देता है।

तलाक के नए ट्रेंड्स से विशेषज्ञ हैरान

मैरिज काउंसलर तलाक के इन नए ट्रेंड को लेकर हैरान हैं। रिलेशनशिप काउंसलर प्रियंका श्रीवास्तव के अनुसार पहले फैमिली कोर्ट में दहेज, पारिवारिक विवाद और पैसे-जायदाद से जुड़े मामले देखने को मिलते थे।

लेकिन अभी जो तलाक के केस बढ़े हैं उनमें तलाक की बड़ी वजह मोबाइल या सोशल मीडिया का रोल देखने को मिलता है।

पति-पत्नी सोशल मीडिया से ज्यादा जुड़े हैं और वहीं ज्यादा वक्त बिताते हैं। स्वाभाविक तौर पर उनकी आपसी बातचीत भी कम हुई है।

आपसी बातचीत में कमी एक ऐसी दूरी पैदा करती जो दांपत्य संबंधों के आपसी लगाव और समझ को खत्म कर दी है और दंपती एक-दूसरे की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरते, जिससे शादी का तालमेल बिगड़ने लगता है।

केस-3

वॉट्सऐप मैसेज से खुली पति की पोल

मुंबई में 15 साल लिव-इन में रहने के बाद आरोष्मिता और संजय (बदले हुए नाम) ने शादी की थी। दोनों का बड़ा बिजनेस है। कई प्रॉपर्टीज में दोनों का नाम शामिल है।

कपल में कभी बहुत प्यार हुआ करता था। आजाद ख्याल आरोष्मिता ने पति को ‘हेल्दी फ्लर्टिंग’ की छूट दे रखी थी। लेकिन पति-पत्नी के लिए फ्लर्टिंग के मायने अलग-अलग रहे।

आरोष्मिता का मानना था कि किसी लड़की से हल्का-फुल्का मजाक, या अगर वो खूबसूरत लगी तो उसे ब्यूटीफुल बोलने में कोई हर्ज नहीं है।

कमाल की बात ये थी कि पति की हेल्दी फ्लर्टिंग से आरोष्मिता को कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन आरोष्मिता ने कभी दूसरे पुरुष के साथ फ्लर्ट नहीं किया।

मगर संजय के लिए इसके मायने अलग थे। उसका मानना था कि उसे फ्लर्टिंग की इजाजत है तो वह कुछ भी कर सकता है।

हालात यहां तक पहुंच गए कि संजय के एक-दो फीमेल फ्रेंड्स के साथ रिश्ते बने। वह उन्हें रेगुलर पैसे भेजने लगा।

रिलेशनशिप काउंसलर डॉ. माधवी सेठ ने बताया कि यह सब कुछ वॉट्सऐप मैसेज के जरिए हो रहा था। संजय की हरकतें कोरोना लॉकडाउन में सामने आई।

असल में, एक दिन रात को संजय के सोने के दौरान आरोष्मिता ने उसके मोबाइल पर सारे वॉट्सऐप मैसेज पढ़ लिए। स्थिति ये हो गई है- अब दोनों एक-दूसरे की शक्ल तक देखना नहीं चाहते। आज आरोष्मिता तलाक चाहती हैं।

केस-4

पत्नी के वॉट्सऐप मैसेज पढ़कर परेशान हुआ पति

रवि ने कुछ दिन पहले अचानक अपनी वाइफ की अपने ऑफिस कलीग्स और दोस्तों के बीच हुई वॉट्सऐप चैट पढ़ी और हैरान रह गया। चैट में सभी ने रवि को बुरा-भला कहा था।

सब रवि और उनकी पत्नी की जिंदगी में खटास को हवा दे रहे थे। रवि कहते हैं- सभी मेरी बेरोजगारी को डिस्कस कर रहे थे जबकि वह अपनी बेटी को अच्छी परवरिश देने के लिए 10 साल पुरानी अच्छी-भली नौकरी छोड़कर दिल्ली शिफ्ट हुए थे।

नई नौकरी के लिए कई इंटरव्यू दिए। लेकिन अभी बात बन नहीं पा रही थी। रवि कहते हैं कि पत्नी मुझे जिंदगी में हारे हुए इंसान के बतौर देखती है और सोचती है कि वो मेरे साथ किस मजबूरी में रह रही है। पत्नी मेरे बारे में जो भी राय रखती है उससे मैं बहुत आहत महसूस कर रहा हूं। कई बार तलाक के भी ख्याल आ रहे हैं।

लेकिन सवाल है किस आधार पर मैं यह बात कहूं। क्योंकि किसी का वॉट्सऐप मैसेज पढ़ना उसकी प्राइवेसी में दखल होगा। किसी का प्राइवेट चैट पढ़ना मेरी नैतिकता के खिलाफ है, लेकिन यह बात मुझे अंदर ही अंदर खा रही है।

रवि पत्नी की चैटिंग से परेशान थे और एक दिन तंग आकर वाइफ के वॉट्सऐप मैसेज पढ़ लिए।

ऊपर के मामलों में तीन बातें स्पष्ट हैं-

सोशल मीडिया शादी के लिए बना खतरा

इस किस्म मामलों को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट की जज रहीं और अभी सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस हिमा कोहली भी चिंता जता चुकी हैं।

एक सेमिनार में उन्होंने कहा, ‘सोशल मीडिया के जमाने में प्राइवेसी नहीं बची है। सब अपनी पर्सनल लाइफ किसी न किसी से शेयर कर रहे हैं। इन हालात में शादी जैसी पवित्र संस्था के लिए एक खतरा खड़ा हुआ है।’

इटली में 40% डिवोर्स में वॉट्सऐप चीटिंग आई सामने

इटैलियन एसोसिएशन ऑफ मैट्रीमोनियल लॉयर्स के अध्यक्ष गियान एटोरे गसानी के मुताबिक, इटली में 40 फीसदी तलाक के मामलों में चोरी-छिपे वाट्सऐप मैसेज करने की भूमिका है।

ऑनलाइन डेटिंग एक्सपर्ट जूलिया स्पिरा का कहना है कि मैसेजिंग ऐप पर ‘लास्ट सीन’ का मसला अगर गंभीर हो जाए तो यह रिलेशनशिप में खतरे की घंटी है।

वह कहती हैं, ‘अगर आपको ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से अपने रिश्ते पर भरोसा नहीं है, तो यह रिलेशनशिप हेल्दी नहीं कहलाएगी।

आपको पार्टनर के ‘लास्ट सीन’ टाइमस्टैम्प को देखने के बजाय इसे खत्म करने के बारे में सोचना चाहिए।’

असल में, वाट्सऐप एडिक्शन की वजह से रिश्तों में दरार आने लगी है। अगर रिश्ते में कुछ इस तरह लक्षण दिखें तो सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

WhatsApp एडिक्शन के 12 लक्षण

रिलेशनशिप काउंसलर प्रियंका श्रीवास्तव कहती हैं कि हर व्यक्ति कोई न कोई मैसेजिंग ऐप इस्तेमाल कर रहा है। टेक्स्ट, फोटो, वीडियो, जोक और न्यूज का एक्सचेंज आसान हुआ है।

मगर वाट्सऐप के अधिक इस्तेमाल से लोगों का वास्तविक दुनिया से वास्ता कम हो रहा है। वाट्सऐप पर निर्भर व्यक्ति खुद पर कंट्रोल खो रहा है। काम के दौरान भी ऐप देख रहा है।

स्टेटस अपडेट करने, उसके व्यूज चेक करने की आदत शख्स का कंस्ट्रेशन खत्म कर चुकी है। इसे वाट्सऐप डिपेंडेंसी कहा जा रहा है।

मैसेजिंग ऐप पर निर्भरता के चलते ‘बॉर्डर लाइन डिसऑर्डर’ मसलन लाइफ में खालीपन, ऊब, सेल्फ-ऑबसेशन बढ़ा है।

स्टडीज में पाया गया है कि इंटरनेट यूजर्स अकेलेपन, मेंटल डिसऑर्डर, अपने आत्मसम्मान में कमी और बिना सोचे समझे काम करने की आदत बढ़ी है।

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