भारत में रेल मंत्रालय खुद में सबसे बड़ा मंत्रालय हुआ करता था. इतना बड़ा कि इसका बजट अलग से संसद में पेश किया जाता था. देश के युवाओं का सबसे बड़ा सपना भी रेलवे में नौकरी करना था क्योंकि यहां सबसे अधिक नौकरियां निकलती थी. लेकिन 2014 में देश की सत्ता पर आने वाली मोदी सरकार और उसके गुर्गों ने रेलवे को सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया. तेजी से रेलवे को निजी हाथों में बेचा जाने लगा. पहले जहां स्थाई बहाली हुआ करती थी, वहीं अब आऊटसोर्सिंग के तहत 10-12 हजार रुपए में अस्थायी नौकरी दी जाने लगी. हजारों स्थाई पदों को समाप्त कर दिया गया. इससे युवाओं में रेलवे की नौकरी के प्रति तेजी से मोहभंग हुआ.
इसका परिणाम भी जल्द ही सामने आने लगा. पटरी पर दौड़ती रेलें बेपटरी होकर लोगों के मौत का कारण बनने लगा. देश के तमाम सार्वजनिक सम्पत्तियों को बेचने की होड़ में लगी मोदी सरकार ने रेलवे को बर्बाद कर दिया. रेलवे जहां देश की सबसे बड़ी परिवहन व्यवस्था में सुमार था और बड़े पैमाने पर लोगों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाता था, अब वह देश के आम गरीब आदमियों की पहुंच से दूर होने लगा. बुलेट ट्रेन का सपना दिखाकर लोगों को साधारण ट्रेनों में भी चढ़ने से महरुम कर दिया गया.
देश में बुलेट ट्रेन एक मजाक बन गया. चलाये गये चंद वंदे भारत ट्रेन अपने अत्यधिक अनावश्यक किराए के कारण खाली जाने लगी. सामान्य एक्सप्रेस ट्रेनों में मुनाफा कमाने की हवस ने साधारण डिब्बों की संख्या को कम कर यात्रा को कठिन बना दिया, जिस कारण सामान्य यात्री ट्रेनों से किनारे होने लगे और आवश्यक यात्रों को या तो टालने लगे अथवा अन्य साधनों को ओर आकर्षित हुए. यात्री किराए में तरह तरह के अनावश्यक चार्ज लगाकर साध किराया को बेहद मंहगा बना दिया गया. इससे भी अधिक ट्रेनों में हादसे जिस तरह बढ़ा उसने यात्रियों को खौफ से भर दिया.
रेल हादसे पहले भी होते थे, लेकिन मौजूदा मोदी सरकार के दशक भर के शासन में बड़ा बदलाव आया, वह यह कि रेल हादसे की जिम्मेवारी भी अब रेल यात्रियों या अदने कर्मचारियों के मत्थे डालकर सरकार को बिल्कुल पाक साफ बता दिया गया. विपक्षी नेता राहुल गांधी के साथ मुलाकात में रेल अधिकारियों ने रेल हादसों के लिए रेल कर्मचारियों की भारी कमी को बताया. उन्होंने बताया कि रेलवे कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है, जिस कारण मौजूदा कर्मचारियों पर काम का भारी दवाब है. काम के घंटे बढ़ गये हैं, जिस कारण दुर्घटनाओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी अपने एक विडियो में बताती है कि पिछले दस सालों में हुई रेल हादसों की संख्या 1117 है, जिसमें जान माल का भारी नुकसान हुआ है. एक पत्रकार बताते हैं कि रेलवे में पुलिस का काम रेल सुरक्षा कम, रेल दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या कम करना है, ताकि सरकार की जवाबदेही को कम किया जा सके. इसके लिए वह लाशों को लापता करने का भी काम पूरी मुस्तैदी से करते हैं. यहां हम मोदी कार्यकाल में हुई रेल दुर्घटनाओं का एक संक्षिप्त ब्यौरा प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं, जो विकिपीडिया से लिया गया है.
2014
- 20 मार्च 2014 – छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से 61 किमी (38 मील) दूर टिटवाला में एक लोकल ट्रेन के छह डिब्बे अलग हो गए और पटरी से उतर गए, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और नौ घायल हो गए.
- 1 मई 2014 – 2014 चेन्नई ट्रेन बम विस्फोट तब हुआ जब चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर गुवाहाटी-बैंगलोर काजीरंगा एक्सप्रेस पर दो कम तीव्रता वाले बम फट गए जिसमें एक की मौत हो गई और 14 घायल हो गए.
- 4 मई 2014 – 50105 दिवा जंक्शन – सावंतवाड़ी पैसेंजर ट्रेन नागोथाने और रोहा स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गई, जिसमें लगभग 20 लोग मारे गए और 100 घायल हो गए.
- 26 मई 2014 – 12556 गोरखधाम एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के खलीलाबाद स्टेशन के पास एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई , जिसमें कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए.
- 25 जून 2014 – 12236 डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस बिहार के छपरा शहर के पास पटरी से उतर गई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और आठ घायल हो गए.
- 23 जुलाई 2014 – मेडक जिला बस-ट्रेन टक्कर ; नांदेड़-सिकंदराबाद पैसेंजर ट्रेन मेडक जिले के मसाईपेट गांव में एक मानवरहित लेवल-क्रॉसिंग पर एक स्कूल बस से टकरा गई , जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई.
2015
- 13 फरवरी 2015 – अनेकल दुर्घटना तब हुई जब 12677 बैंगलोर सिटी-एर्नाकुलम इंटरसिटी एक्सप्रेस के नौ डिब्बे बैंगलोर शहरी जिले में अनेकल के पास पटरी से उतर गए, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई और 100 घायल हो गए.
- 20 मार्च 2015 – 2015 उत्तर प्रदेश रेल दुर्घटना तब हुई जब देहरादून-वाराणसी जनता एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के रायबरेली में पटरी से उतर गई, जिसमें 58 लोग मारे गए और 150 घायल हो गए.
- 25 मई 2015 – उत्तर प्रदेश में मुरी एक्सप्रेस पटरी से उतर गई, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए.
- 4 अगस्त 2015 – मध्य प्रदेश के कुरावन और भीरिंगी स्टेशनों के बीच कामायनी एक्सप्रेस और जनता एक्सप्रेस के पटरी से उतरने से हरदा में दो ट्रेनें पटरी से उतर गईं, जिसमें कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई और 100 लोग घायल हो गए. चक्रवाती तूफान कोमेन के कारण आई बाढ़ के कारण एक पुलिया उखड़ गई जिससे ट्रैक का संरेखण गड़बड़ा गया और 11071 कामायनी एक्सप्रेस के कई डिब्बे माचक नदी में गिर गए.
- 4 सितंबर 2015 को, 16859 डाउन चेन्नई एग्मोर – मैंगलोर सेंट्रल एक्सप्रेस के 3 एसी कोच और एक अनारक्षित कोच सहित 5 कोच और एसएलआर, कॉर्ड लाइन के विल्लुपुरम – वृद्धाचलम सेक्शन के पुवनूर रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गए. 39 यात्री घायल बताए गए.
- 12 सितंबर 2015 – कर्नाटक के कलबुर्गी शहर से लगभग 20 किमी (12 मील) दूर, मार्टुर स्टेशन पर 12220 सिकंदराबाद जंक्शन-लोकमान्य तिलक टर्मिनस दुरंतो एक्सप्रेस के नौ डिब्बे आपस में टकरा गए, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई और 7 घायल हो गए.
- 12 सितंबर 2015 – एक चार्टर्ड कालका-शिमला शिवालिक क्वीन नैरो-गेज रेलवे ने टकसाल के पास 3 डिब्बे पटरी से उतार दिए, जिसमें 2 की मौत हो गई और 13 घायल हो गए. ट्रेन में 36 ग्राहक और एक टूर ऑपरेटर सवार थे, जो सभी ब्रिटेन से थे. कालका -शिमला रेलवे भारत के पर्वतीय रेलवे का एक हिस्सा है जिसे 2008 से यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है.
2016
- 5 फरवरी 2016 – कन्याकुमारी – बेंगलुरु आइलैंड एक्सप्रेस के चार डिब्बे पचूर स्टेशन के पास पटरी से उतर गए. कुछ लोग घायल हो गए.
- 6 मई 2016 – चेन्नई सेंट्रल-तिरुवनंतपुरम सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक उपनगरीय ट्रेन के बीच पट्टाभिराम के पास साइड टक्कर हुई, जिसमें 7 लोग घायल हो गए.
- 27 अगस्त 2016 – केरल के एर्नाकुलम – त्रिशूर सेक्शन पर करुकुट्टी स्टेशन के पास तिरुवनंतपुरम-मंगलुरु एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए. किसी के हताहत होने की खबर नहीं.
- 29 सितंबर 2016 – ओडिशा के कटक में भुवनेश्वर-भद्रक पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी के बीच टक्कर. एक व्यक्ति की मौत और 22 घायल.
- 20 नवंबर 2016 – पुखरायां ट्रेन पटरी से उतर गई जब 19321 इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस कानपुर से लगभग 60 किमी (37 मील) दूर पुखरायां में 14 डिब्बे पटरी से उतर गए , जिसमें 152 लोग मारे गए और 260 घायल हो गए.
- 6 दिसंबर 2016 – राजेंद्र नगर-गुवाहाटी कैपिटल एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के समुकतला रोड स्टेशन पर पटरी से उतर गई, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई और 6 घायल हो गए.
- 28 दिसंबर 2016 – मुंबई में कुर्ला-अंबरनाथ लोकल ट्रेन के पांच डिब्बे पटरी से उतर गए. किसी के हताहत होने की खबर नहीं.
- 28 दिसंबर 2016 – अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस के पंद्रह डिब्बे पुल पार करते समय रूरा स्टेशन के पास पटरी से उतर गए, जिसमें 44 लोग घायल हो गए.
2017
- 21 जनवरी 2017 – कुनेरू ट्रेन दुर्घटना तब हुई जब 18448 जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस कुनेरू, विजयनगरम के पास पटरी से उतर गई, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई और 69 घायल हो गए.
- 7 मार्च 2017 – 2017 भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन बम विस्फोट तब हुआ जब जबड़ी रेलवे स्टेशन पर भोपाल-उज्जैन पैसेंजर पर बम विस्फोट हुआ, जिसमें 10 लोग घायल हो गए. यह इस्लामिक स्टेट द्वारा भारत में पहला हमला था.
- 30 मार्च 2017 – उत्तर प्रदेश के कुलपहाड़ के पास महाकौशल एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतर गए, जिसमें 52 लोग घायल हो गए.
- 15 अप्रैल 2017 – मेरठ-लखनऊ राज्य रानी एक्सप्रेस के आठ डिब्बे रामपुर के पास पटरी से उतर गए; कम से कम 24 लोग घायल हो गए.
- 19 अगस्त 2017 – 18478 पुरी-हरिद्वार कलिंग उत्कल एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के पास खतौली में पटरी से उतर गई । कम से कम 23 लोगों की मौत हो गई और लगभग 97 लोग घायल हो गए.
- 23 अगस्त 2017 – औरैया ट्रेन दुर्घटना तब हुई जब कैफ़ियत एक्सप्रेस लगभग 2:40 बजे (आईएसटी) पाता और अचल्दा रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गई. लगभग 100 लोग घायल हुए.
- 24 नवंबर 2017 – उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में वास्को डी गामा-पटना एक्सप्रेस पटरी से उतर गई जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और लगभग नौ घायल हो गए.
- 24 नवंबर 2017 – आयातित कोयले से लदी पारादीप-कटक मालगाड़ी के डिब्बे गोरखनाथ-रघुनाथपुर के बीच पटरी से उतर गए। कोई हताहत नहीं हुआ.
2018
- 25 अप्रैल 2018 – 12606 अप कराईकुडी – चेन्नई पल्लवन सुपरफास्ट एक्सप्रेस को खींचने वाली डब्लूडीपी4डी संख्या 40405 के अगले पहिए सुबह 6:27 बजे तिरुचिरापल्ली जंक्शन रेलवे स्टेशन में प्रवेश करते समय पटरी से उतर गए. यह दुर्घटना रेल फ्रैक्चर के कारण हुई, किसी के घायल होने या हताहत होने की सूचना नहीं है. फिर ट्रेन को तीन घंटे की देरी से चेन्नई की ओर आगे बढ़ाया गया.
- 6 मई 2018 – ट्रेन 12810 हावड़ा-मुंबई मेल के WAP 4 लोकोमोटिव में आग लग गई जिसके परिणामस्वरूप वर्धा – बडनेरा सेक्शन पर तलनी और धामनगांव के बीच सहायक लोकोमोटिव पायलट की मौत हो गई और लोकोमोटिव पायलट घायल हो गया. जांच में कहा गया कि लोकोमोटिव में खराबी के कारण आग लगी थी.
- 24 जुलाई 2018 – चेन्नई बीच – तांबरम सेक्शन पर सेंट थॉमस माउंट स्टेशन पर दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गई, चार घायल हो गए. पीड़ित चेन्नई बीच- तिरुमलपुर लोकल (नंबर 40701) के यात्री थे, जो दरवाजे से बाहर लटक रहे थे, तभी वे दीवार से टकरा गए. यह अप्रत्याशित था क्योंकि ट्रेन आमतौर पर दूसरे प्लेटफ़ॉर्म पर रुकती थी, लेकिन इसे इस प्लेटफ़ॉर्म पर डायवर्ट कर दिया गया था.
- 10 अक्टूबर 2018 – न्यू फरक्का एक्सप्रेस दुर्घटना: यूपी के रायबरेली में इंजन और नौ डिब्बे पटरी से उतरने से सात की मौत.
- 19 अक्टूबर 2018 – अमृतसर ट्रेन हादसा : अमृतसर में दशहरा उत्सव देख रहे दर्शकों की भीड़ पर ट्रेन की चपेट में आने से लगभग 59 लोग मारे गए और लगभग 100 घायल हो गए.
2019
- 3 फरवरी 2019 – सीमांचल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई. पटना से लगभग 50 किलोमीटर दूर सहदई बुज़ुर्ग रेलवे स्टेशन के पास ग्यारह डिब्बे पटरी से उतर गए.
- 31 मार्च 2019 – गौतमस्थान रेलवे स्टेशन के पास ताप्ती गंगा एक्सप्रेस के तेरह डिब्बे पटरी से उतर गए.
- 20 अप्रैल 2019 – कानपुर सेंट्रल के बाहरी इलाके रूमा के पास पूर्वा एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए. 15 लोग घायल हो गए.
- 29 अगस्त 2019 – हरियाणा के असावटी रेलवे स्टेशन पर तेलंगाना एक्सप्रेस के दो डिब्बों में आग लग गई.
- 11 नवंबर 2019 – काचीगुडा स्टेशन पर लिंगमपल्ली जाने वाली एमएमटीएस ट्रेन के आने वाली हुंड्री एक्सप्रेस से टकराने से सोलह यात्री घायल हो गए और मोटरमैन की मौत हो गई. हुंड्री एक्सप्रेस को स्टेशन में प्रवेश करने का संकेत दिया गया था, तभी बाहर जाने वाली एमएमटीएस ट्रेन से टकरा गई.
2020
- 8 मई 2020 – औरंगाबाद रेल दुर्घटना : जालना और औरंगाबाद जिलों के बीच एक मालगाड़ी की चपेट में आने से रेल की पटरियों पर सो रहे सोलह प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई.
- 22 जुलाई 2020 – हैदराबाद के तीन रेलवे कर्मचारियों की डबल इंजन वाली ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई. यह घटना विकाराबाद और चिट्टीगड्डा रेलवे स्टेशन के बीच हुई. इस घटना ने रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं पैदा कर दी हैं.
2021
- मालाबार एक्सप्रेस की पार्सल बोगी में एडवई रेलवे स्टेशन के पास वर्कला और पारवूर के बीच आग लग गई, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ.
- तेलंगाना के महबूबाबाद जिले में अपने नियमित ट्रैक निरीक्षण कार्य में लगे दो रेलवे कर्मचारियों की एक तेज़ रफ़्तार एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई. वे ट्रैक-1 पर काम कर रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि ट्रैक पर एक ट्रेन आ रही है. सुरक्षा के लिए वे ट्रैक-2 पर चले गए. हालांकि, वे ट्रैक-2 पर आ रही एक अन्य ट्रेन – कोणार्क सुपरफ़ास्ट एक्सप्रेस को नहीं देख पाए और उसकी चपेट में आकर उनकी मौत हो गई.
- दक्षिणी रेलवे के अम्बुर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे सिग्नल की मरम्मत करते समय दो रेलवे कर्मचारी मालगाड़ी की चपेट में आ गये. रेलवे सुरक्षा बल द्वारा दुर्घटना का कारण यह बताया गया है कि भारी बारिश के कारण वे उसी समय ट्रेन की आवाज़ नहीं सुन सके और लोकोमोटिव पायलट के पास उन्हें देखने के लिए पर्याप्त दृश्यता नहीं थी.
- 25 अगस्त 2021 को चायगांव रेलवे स्टेशन पर गुवाहाटी-हावड़ा सरायघाट कोविड स्पेशल ट्रेन की पेंट्री कार समेत चार डिब्बे पटरी से उतर गए.
2022
- 13 जनवरी 2022 को शाम करीब 4:50 बजे जलपाईगुड़ी के मैनागुड़ी में न्यू डोमोहानी रेलवे स्टेशन के पास बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे नौ लोगों की मौत हो गई.
- 3 अप्रैल को नासिक के पास पवन एक्सप्रेस पटरी से उतर गई जिससे दो लोग घायल हो गए.
- 25 मार्च 2022 – नवसारी और मरोइल रेलवे स्टेशनों के बीच ट्रैक कार्य का निरीक्षण करते समय 22209 मुंबई-नई दिल्ली दुरंतो एक्सप्रेस की चपेट में आने से दो ट्रैकमैन की मौत हो गई; वे आ रही ट्रेन को नोटिस करने में विफल रहे और साथ ही लोकोमोटिव पायलट को घने कोहरे के कारण पर्याप्त दृश्यता नहीं थी.
2023
- 2 जनवरी 2023- सुबह 3:27 बजे मारवाड़ जंक्शन रेलवे स्टेशन से रवाना होने के पाँच मिनट बाद सूर्यनगरी एक्सप्रेस के 11 डिब्बे पटरी से उतर गए. दस लोग घायल हो गए.
- 3 अप्रैल 2023- केरल के कोझीकोड के इलाथुर में एक एक्सप्रेस ट्रेन में एक व्यक्ति द्वारा साथी यात्रियों को आग लगाने के बाद आठ यात्री झुलस गए, जो कन्नूर जा रही थी. बाद में, दो साल की बच्ची समेत तीन लोग रेलवे ट्रैक पर मृत पाए गए.
- 15 मई 2023 – बेंगलुरु की ओर जा रही चेन्नई-बैंगलोर डबल डेकर एक्सप्रेस का एक कोच सुबह करीब 11:30 बजे बिसनाट्टम स्टेशन के पास पटरी से उतर गया. किसी के घायल होने या हताहत होने की खबर नहीं है.
- 2 जून 2023 – 2023 ओडिशा ट्रेन टक्कर : 128 किमी/घंटा (80 मील प्रति घंटे) की रफ्तार से चल रही ट्रेन 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस ओडिशा के बालासोर जिले में लौह अयस्क से भरी एक मालगाड़ी (मालगाड़ी) से टकरा गई. यह दुर्घटना लगभग 19:30 IST पर बहनागा बाजार स्टेशन के पास हुई जब ट्रेन कोलकाता के पास शालीमार रेलवे स्टेशन से एमजीआर चेन्नई सेंट्रल के लिए जा रही थी. 20 से ज्यादा डिब्बे पटरी से उतर गए. हावड़ा की ओर जा रही 12864 एसएमवीटी बेंगलुरु-हावड़ा एसएफ एक्सप्रेस 130 किमी/घंटा (81 मील प्रति घंटे ) की रफ्तार से कुछ सेकंड पहले ही विपरीत लाइन से गुजरी. हालांकि, कोरोमंडल एक्सप्रेस के पटरी से उतरे डिब्बे एसएमवीटी बेंगलुरु-हावड़ा एसएफ एक्सप्रेस.
- 8 जून 2023 – ऊटी से मेट्टुपालयम जा रही 4 कोच वाली नीलगिरि माउंटेन रेलवे का आखिरी डिब्बा दोपहर करीब 3 बजे कुन्नूर स्टेशन के पास पटरी से उतर गया. किसी के घायल होने या हताहत होने की खबर नहीं है.
- 9 जून 2023 – चेन्नई सेंट्रल से शेड की ओर जा रही विजयवाड़ा-चेन्नई सेंट्रल जन शताब्दी एक्सप्रेस का एक कोच सुबह करीब 2:30 बजे बेसिन ब्रिज स्टेशन के पास पटरी से उतर गया. किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
- 11 जून 2023 – चेन्नई सेंट्रल से तिरुवल्लूर की ओर जाने वाली चेन्नई उपनगरीय लोकल ट्रेन का आखिरी डिब्बा सुबह बेसिन ब्रिज स्टेशन के पास पटरी से उतर गया. किसी के घायल होने या हताहत होने की सूचना नहीं.
- 22 जून 2023 – चेन्नई से मुंबई जाने वाली लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस के एक कोच में हाई-वोल्टेज बिजली लाइन में घर्षण के कारण व्यासरपडी स्टेशन के पास आग लग गई. किसी के घायल होने या हताहत होने की सूचना नहीं.
- 25 जून 2023 — पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले के ओंडाग्राम रेलवे स्टेशन पर सुबह करीब 4:00 बजे (IST) एक डाउनवर्ड मालगाड़ी दूसरी मालगाड़ी के पीछे से टकरा गई. एलपी और एएलपी दोनों पर सिग्नल तोड़ने का आरोप है.
- 7 जुलाई 2023 – तेलंगाना के यदाद्री भुवनागिरी जिले में बोम्मईपल्ली और पगिडीपल्ली के बीच हावड़ा जाने वाली फलकनुमा एक्सप्रेस के तीन डिब्बों में आग लग गई. किसी के हताहत होने या घायल होने की सूचना नहीं मिली.
- 23 अगस्त 2023 – मिजोरम के आइजोल से लगभग 21 किलोमीटर दूर सैरांग के पास पहाड़ी इलाके में बैराबी-सैरांग लाइन पर कुरुंग नदी पर निर्माणाधीन रेलवे पुल नदी में गिर गया, जिससे कम से कम 26 मज़दूरों की मौत हो गई.
- मारे गए सभी लोग पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के प्रवासी मज़दूर थे. हालांकि चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था, लेकिन निष्कर्षों को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है.
- 26 अगस्त 2023 – सुबह करीब 5:15 बजे (IST) मदुरै जंक्शन के पास खड़ी लखनऊ-रामेश्वरम भारत गौरव ट्रेन में आग लग गई; नौ लोगों की मौत हो गई, 20 घायल हो गए. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यात्री ट्रेन में गैस सिलेंडर की तस्करी करके लाए थे और कोच में खाना बना रहे थे, तभी आग लग गई.
- 23 सितंबर 2023 — वलसाड रेलवे स्टेशन पार करते समय तिरुचिरापल्ली-श्री गंगानगर हमसफर एसएफ एक्सप्रेस के ईओजी और बी1 कोच में आग लग गई.
- 26 सितंबर 2023 – 26 सितंबर 2023 की रात को मथुरा के शकूर बस्ती से निकली ईएमयू ट्रेन पटरी से उतर गई और स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर 2ए पर चढ़ गई.
- 11 अक्टूबर 2023 — 11 अक्टूबर 2023 की रात लगभग 9:50 बजे (स्थानीय समय) 12506 आनंद विहार टर्मिनल-कामाख्या जंक्शन नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के 6 डिब्बे बिहार के बक्सर जिले के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गए, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 70 से अधिक घायल हो गए.
- 29 अक्टूबर 2023 – 29 अक्टूबर 2023 की शाम को लगभग 9:02 बजे (स्थानीय समय) 08504 विशाखापत्तनम – रायगडा पैसेंजर ट्रेन, आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले के कोट्टावलासा जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास 08532 विशाखापत्तनम – पलासा पैसेंजर ट्रेन से टकराने के बाद पटरी से उतर गई, जिसमें कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और 50 घायल हो गए.
- 31 अक्टूबर 2023 — दिल्ली के गाजीपुर सिटी से आनंद विहार जाने वाली सुहेलदेव सुपरफास्ट एक्सप्रेस प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के बाहरी क्षेत्र में पटरी से उतर गई. किसी के हताहत होने या घायल होने की सूचना नहीं.
- 15 नवंबर 2023 — उत्तर प्रदेश के इटावा के पास दिल्ली-दरभंगा सुपरफास्ट एक्सप्रेस में आग लग गई.
- 13 दिसंबर 2023 — पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान जंक्शन रेलवे स्टेशन के संयुक्त प्लेटफार्म 2 और 3 पर धातु से बने 133 साल पुराने पानी से भरे ओवरहेड टैंक के हिस्से यात्रियों पर गिर गए, जिससे 3 लोगों की मौत हो गई और 34 यात्री घायल हो गए जो ट्रेनों का इंतजार कर रहे थे. सरकारी रेलवे पुलिस ने लापरवाही का आकलन करने और यह जानने के लिए फोरेंसिक रिपोर्ट मांगी थी कि क्या 1890 में बना टैंक अभी भी 2.5 लाख लीटर पानी रखने में सक्षम है.
2024
- 28 फरवरी 2024 — झारखंड के जामताड़ा-करमाटांड में कालाझरिया के पास ट्रेन की चपेट में आने से कम से कम दो लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए.
- 15 जून 2024 – 12645 एर्नाकुलम – हज़रत निज़ामुद्दीन मिलेनियम एक्सप्रेस के स्लीपर कोच (एस6) की निचली बर्थ पर सो रहे केरल के 62 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई, क्योंकि ऊपरी बर्थ पर बैठा यात्री उसके ऊपर गिर गया. जबकि रेलवे ने घोषणा की कि ऊपरी बर्थ के यात्री द्वारा अनुचित तरीके से चेन लगाने के कारण यह दुर्घटना हुई, घायल निचली बर्थ के यात्री को तेलंगाना राज्य के रामागुंडम में एक नजदीकी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां बाद में सर्जरी के दौरान उसकी मौत हो गई.
- 17 जून 2024 — 2024 पश्चिम बंगाल ट्रेन टक्कर : पश्चिम बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन से लगभग 10 किमी (6.2 मील) दूर दार्जिलिंग जिले के रंगापानी रेलवे स्टेशन के पास एक ओवरस्पीड मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस (13174) के पिछले हिस्से को टक्कर मार दी. दस लोगों की मौत और कम से कम 60 के घायल होने की खबर है. चूंकि पीछे की गार्ड वैन और दो पार्सल वैन ने दुर्घटना के अधिकांश प्रभाव को अवशोषित कर लिया था, इसलिए केवल एक यात्री कोच पटरी से उतर गया, जिसके परिणामस्वरूप कम हताहत हुए.
- 18 जुलाई 2024 – 2024 उत्तर प्रदेश ट्रेन पटरी से उतरना : उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में झिलाही के पास 15904 डिब्रूगढ़-चंडीगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम चार लोग मारे गए और 32 घायल हो गए.
जैसा कि मैंने ऊपर बताया है यह कुछ प्रमुख रेल हादसे हैं. यहां एक और चीज बताना समीचीन है, कि पिछले दस वर्षों में जिस तरह रेल के रखरखाव, कर्मचारियों की कमी, वंदे भारत जैसे ‘हाई स्पीड’ ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की कोशिश के जरिये रेलवे का अंधाधुंध दोहन किया गया है, रेल की स्थिति बिगड़ती चली गई. इन पटरियों की इतनी इतनी ज्यादा जर्जर हो चुकी है कि रेलवे ने ट्रेनों की गति को कम करने का मिजाज बना लिया है. कहां तो लोगों को हाई स्पीड ट्रेनों का सपना दिखाया गया था, अब मौजूदा ट्रेनों की गति ही कम करने का प्रस्ताव पारित किया जा रहा है.
भारत की मोदी सरकार, जिसका एक मात्र कार्य जिस तरह भी हो वसूली किया जाये. उसके लिए वैध-अवैध कोई भी तरीके अपनाने में इसे लज्जा नहीं है. देश की किसी भी समस्याओं के प्रति किसी भी रुप में जवाबदेह नहीं है. अगर हम अभी के बजट को हीं देंखे, जो तकरीबन 48 लाख करोड़ का है, उसमें केवल जीएसटी से 10 लाख करोड़ और आयकर से साढ़े 11 लाख करोड़ का वसूली किया है. इसको मिलाकर तकरीबन 38 लाख करोड़ रुपये की वसूली केवल टैक्स के माध्यम से किया गया है. एक और आंकड़ों के अनुसार इस टैक्स की सर्वाधिक वसूली देश के 64 फीसदी आबादी से की जाती है.
स्थिति अगर आगे भी यही बनती है तो यह कहना होगा हवाई चप्पल वाले को हवाई जहाज पर चढ़ाने का सपना दिखाने वाली मोदी सरकार हवाई चप्पल वाले को रेल पर भी चढ़ने के काबिल नहीं छोड़ेगी. हम देशवासियों ने शंख को फेंककर पिछले दस वर्षों से ढपोरशंख को ढ़ो रहे हैं और आगे भी 5 साल तक इस ढपोरशंख को ढ़ोने के लिए अभिशप्त हो चुके हैं.