Site icon अग्नि आलोक

मोदी पंजाब से जिंदा लौटे गए, लेकिन 700 किसानों को जिंदा नहीं लौटने दिया ! मोदी से कुछ यक्षप्रश्न !

Share

प्रश्न – क्या किसी ने काफिले पर हमला किया था ??
उत्तर – नहीं

प्रश्न – क्या किसी ने घेरकर लाठी डंडे दिखाए थे ??
उत्तर- नहीं

प्रश्न – क्या किसी सुरक्षा या इंटेलिजेंस एजेंसी ने हमले या हिंसा की आशंका जाहिर की थी/है ??
उत्तर – नहीं

प्रश्न – तो फिर 5 सुरक्षा घेरों के बीच, बख्तरबंद गाड़ी में बैठा व्यक्ति कैसे कह रहा है “जान बच गई” ??
आखिर कहना क्या चाहता है ?? 🤔
उत्तर – 5 राज्यों में चुनाव हैं … पार्टी मुद्दाविहीन है … क्योंकि विकास किया नहीं … हिंदू मुसलमान चल नहीं रहा … क्योंकि जनता महंगाई, बेरोजगारी, घटती आमदनी, भुखमरी, कुपोषण जैसी समस्याओं से त्रस्त है … इसीलिए अब इमोशनल कार्ड चलना पड़ेगा … वही आखिरी हथियार है !

प्रश्न – बिना बुलाए पाकिस्तानियों के बीच जाकर बिरयानी खाने में डर नहीं लगता … और अपने किसानों के बीच 15 मिनट रहने में डर क्यों लगता है ??
उत्तर – जैसी रही भावना जिसकी … षड्यंत्रकारियों को सब लोग उसके अपने खिलाफ षड्यंत्र और हत्या की साजिश करते ही नजर आते हैं ! देश के सबसे बड़े लोकतंत्र में रास्ता रोकना, काले झंडे दिखाना या नारे लगाना भी हमले की साजिश कैसे हो सकता है !

मनमोहन सिंह जी पीएम रहते हुए JNU गए थे। छात्रों ने उनके क़ाफ़िले को घेर लिया और काले झंडे दिखाए।
मंच से छात्रों को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा था, मैं आप से असहमत होते हुए भी आपकी अभिव्यक्ति की आज़ादी की रक्षा करूँगा। किसी भी छात्र के लिए कोई कार्यवाही नहीं हुई थी !

~~~~

खैर, साहेब ये सब डायवर्ट करने की राजनीति और थर्ड ग्रेड की फिल्मी कहानी छोड़ कर, जनता की समस्याओं की बात करो !

साभार – अज्ञात


संकलन -निर्मल कुमार शर्मा, गाजियाबाद, उप्र

Exit mobile version