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अधिकांश महिलाएं एनीमिया की शिकार, कैसे पाएं निजात

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       ~ सोनी कुमारी, वाराणसी 

        स्त्री के लिए कभी योग- ध्यान- तंत्र से पूर्णत्व/परमतृप्ति/मोक्ष(मुक्ति) का विधान नहीं रहा. वह पर्वत, जंगल, वीरान में तप-साधना करने नहीं जा सकती. जंगली जानवरों वेगैरह से खतरों का सामना तो दूर की बात, घर से निकलते ही उसे नर भेड़िये निगल लेंगे.

   स्त्री का मार्ग प्रेम और संभोगसुख रहा है. एनीमिया और लियूकोरिया की शिकार नारी बुझ जाती है. उसकी सारी आग, इच्छा, जोश, स्फूर्ति खत्म हो जाती है. प्रेम उसका सब्जेक्ट क्या बनेगा. सेक्स तो उसे काल सा लगता है. लियुकोरिया पर हमारा अलग लेख है, जिसे मंगाकर पढ़ा जा सकता है. यहाँ मैं एनीमिया पर विचार कर रही हूँ. यह लेख हमारे चेतना मिशन के हेड डॉ. विकास मानवश्री से हुए मेरे संवाद पर आधारित है.

भारत की आधी से अधिक महिला आबादी एनीमिया से पीड़ित है। यह स्थिति शरीर में ऑक्सीजन फ्लो की कमी के कारण हो सकती है। इसके कारण थकान, सिरदर्द, तेज़ हार्ट बीट, सांस लेने में कठिनाई, बालों का झड़ना हो सकता है। 

    हीमोग्लोबिन शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन वाहक है। जब पर्याप्त हीमोग्लोबिन का उत्पादन नहीं होता है, तो आरबीसी का आकार कम हो जाता है, जिससे ऑक्सीजन का अपर्याप्त प्रवाह होता है।

*क्यों होता है एनीमिया?*

    हीमोग्लोबिन का अपर्याप्त उत्पादन आयरन की कमी के कारण होता है। साथ ही फोलिक एसिड या विटामिन बी12 की कमी के कारण भी यह हो सकता है। वास्तव में एनीमिया कुछ पोषक तत्वों की कमी के कारण होता है। 

     आयुर्वेद के अनुसार, विकृत पित्त या अग्नि दोष के असामान्य दिशा में प्रवाहित होने के कारण पोषक तत्वों की कमी उत्पन्न होती है। 

   एनीमिया का कारण स्पष्ट पोषक तत्वों की कमी नहीं है, बल्कि शरीर के अग्नि तत्व में गड़बड़ी है। 

  इस स्थिति के लिए जिम्मेदार मूल कारण हैं :

~ जीवन में वास्तविक प्रेम नहीं मिलना.

~ उचित और पर्याप्त आहार, विहार का आभाव.

~खट्टे और नमकीन खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन.

~अत्यधिक शारीरिक परिश्रम 

~ कम्प्लीट सेक्ससुख नशीब नहीं होना.

इन कारणों का निवारण करते हुए आहार में आयरन से भरपूर या विटामिन बी12 से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए.

   ये हैं 6 घरेलू उपाय, जो एनीमिया को दूर करने में मदद करते हैं :

*1. नमकीन, खट्टा और मसालेदार भोजन से बचें :*

नमकीन, खट्टा और मसालेदार भोजन जैसे खाद्य पदार्थ पित्त को असामान्य बना देते हैं। इससे पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। आयुर्वेद में इनसे बचने की सलाह दी जाती है।

*2. प्रकृति में मौजूद हर्ब का लाभ उठाएं :*

प्रकृति में कुछ ऐसे पौधे हैं, जो एनीमिया के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। सबसे अच्छे उदाहरण नीम और तुलसी हैं। नीम आयरन से भरपूर होता है, जबकि तुलसी आयरन और विटामिन सी से भरपूर होती है। यह विटामिन आयरन के अवशोषण में मदद करता है।

*3. अंजीर मिल्क लें :*

अंजीर खून में हीमोग्लोबिन बढ़ाने का घरेलू उपाय है। अंजीर में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है। पानी में भिगोये हुए 1-2 अंजीर को सुबह खाली पेट खाया जा सकता है। रात को सोते समय दूध में अंजीर और इलायची के टुकड़े धीमी आंच पर उबालकर पीने की सलाह दी जाती है। ऐसा सप्ताह में कम से कम दो बार किया जा सकता है।

*4. सुबह घी का सेवन करें :*

घी पित्त दोष को संतुलित करता है। एनीमिया बढ़े हुए पित्त के कारण होता है। आयुर्वेद एक्सपर्ट सुबह खाली पेट 10 मिलीलीटर घी का सेवन करने की सलाह ली जाती है। आयुर्वेद कम हीमोग्लोबिन स्तर वाले लोगों को सुबह खाली पेट घी खाने की सलाह देता है। आयुर्वेद घी में मौजूद स्वस्थ फैट सॉल्युबल पोषक तत्वों के अवशोषण में सहायता कर सकता है, जिसमें आयरन जैसे कुछ मिनरल भी शामिल हैं।

*5. आयरन के बर्तनों में भोजन का सेवन करें :*

यह सदियों पुरानी तकनीक है। लोहे के बर्तन में खाना। लोहे के बर्तन में पका भोजन आयरन सोख लेता है, जिससे एनीमिक रोगी के लिए यह गुणकारी हो जाता है।

*6. आवश्यक फल और सब्जियां लें :*

कुछ फल और सब्जियाँ खून की कमी वाले रोगी के लिए उत्कृष्ट पूरक के रूप में काम करते हैं। उदाहरण के लिए, चुकंदर फोलिक एसिड से भरपूर होता है। अनार और सेब आयरन से भरपूर होते हैं। इसके अलावा, विटामिन सी से भरपूर फल लें क्योंकि ये आयरन के अवशोषण में मदद करते हैं।

   इन सब से काम नहीं हो तो चिकित्सकीय विकल्प अपनाएं. या फिर हमारी निःशुल्क सेवा लें, केवल तीन दिन.

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