किसान काफी दिनों पहले तय कर चुके थे कि प्रधानमंत्री की रैली का विरोध करेंगे।केंद्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने नाराज किसानों से दो बार वार्ता भी की थी।
किसानों के विरोध के कारण रैली में लोग नहीं पहुँचे। किसानों ने कल से सारी सड़कें जाम कर रखी थी और पीएम को भी सभास्थल तक हेलीकॉप्टर से जाना था।
भीड़ की कमी को देखते हुए पीएम ने हेलीकॉप्टर से जाने के बजाय यह जानते हुए कि सड़कों पर किसान विरोध में खड़े है,अचानक सड़क मार्ग से जाना तय किया।
अब सुरक्षा चूक के आरोप लगाए जा रहे है उसकी जांच करवा लें लेकिन पीएम ने भटिंडा एयरपोर्ट पर पहुंचकर कहा “सीएम को शुक्रिया कहना !भटिंडा जिंदा पहुंच गया !रैली भले ही असफल हो गई हो लेकिन अँधभक्तों को टुकड़ा डाल आये ! “
750 किसान दिल्ली से घर जिंदा न लौट सके उसका कलंक किसके माथे पर है ? किसानों के काले झंडों से मोदीजी के जान को कैसे खतरा हो गया ? 56 इंची ताकतवर पीएम अपने किसानों से ही डर जाते है ? किसान शांतिपूर्ण तरीके से पीएम की रैली का बहिष्कार और विरोध कर रहे थे यह तो किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है।
नफरत की राजनीति की डगर छोड़ दीजिए पीएम साहब। देश की इज्जत व पीएम पद की गरिमा अब और अधिक धूमिल मत करिए।
, प्रेमसिंह सियाग,संपर्क – अनुपलब्ध
संकलन – निर्मल कुमार शर्मा, गाजियाबाद,