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मिस्र : देवों से संवाद करने वाली ममी

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 आरती शर्मा 

मिस्र से एक ऐसी ममी मिली है जिसकी जीभ सोने की है I मिस्र की किवदंतियों में कुछ जगहों पर यह उल्लेख मिलता है कि मरने के बाद ममी ईश्वर से सीधे संवाद कर सकती हैI संभव है कि इसी वजह से ममी को दफ़नाने वालों ने उसकी जीभ के स्थान पर सोने की जीभ मढ़ दी होI

       सोने की जीभ वाली ये ममी (Mummy With Golden Tongue) मिस्र के तापोसिरिस मैग्ना (Taposiris Magna) से मिली हैI इसकी प्राचीनता 2000 साल बताई गई हैI 

        मिस्र के प्राचीन किस्सों में यह कहा गया है कि अगर सोने की जीभ वाली ममी पाताल लोक में  मृत्यु के देवता ओसिरिस (Osiris) से मिलती है तो  उसकी सोने की जीभ देवता से संवाद करने में मददगार साबित होती हैI

      जाहिर है कि सोने की जीभ जड़ी ममियों को देवताओं के साथ बात करने की क्षमता रखने वाला माना जाता थाI

      तापोसिरिस मैग्ना के उत्खनन से 16 कब्रें मिली हैं I इन्ही कब्रों में से एक में सोने की जीभ वाली ममी मिली हैI इन कब्रों का उत्खनन पुराविद कैथलीन मार्टिनेज के निर्देशन में किया जा रहा है I तापोसिरिस मैग्ना से हमें ओसिरिस और आइसिस का एक मंदिर भी मिला हैI 

      कुछ सिक्के भी पाए गए हैं जिन पर क्लियोपैट्रा सप्तम का चित्र अंकित है I मंदिर से क्लियोपैट्रा सप्तम की छवि वाले सिक्के का मिलना इस बात का संकेत देता है कि मंदिर क्लियोपैट्रा के समय में इस्तेमाल में थे I एक अन्य कब्र से एक महिला की ममी मिली है जिसके शरीर के ऊपर डेथ मास्क हैइ

        उसके चेहरे की भंगिमा को देखकर ऐसा लगता है कि मृत्यु के समय उसके होठों पर मुस्कान थी I डेथ मास्क की वजह से उसके शरीर के ज्यादातर हिस्से ढके हुए हैं I एक ऐसी भी ममी मिली है जिसके चारों तरफ स्क्रॉल्स (Scrolls) मिले हैं जिनकी जाँच पड़ताल पुराविदों के द्वारा की जा रही हैI

एक अन्य ममी के ऊपर गोल्डेन डेकोरेशन के रूप में ओसिरिस का अंकन किया गया है I कब्रिस्तान से कुछ मूर्तियाँ भी मिली हैं जिनके चेहरे भाव शून्य हैंI

     इन मूर्तियों ने सुरुचि पूर्ण तरीके से वस्त्र पहन रखें हैं । इनके केश विन्यास आकर्षक हैं I इन मूर्तियों की तिथि का निर्धारण अभी नहीं हो सका है I अनुमान है कि ये मूर्तियाँ टॉलेमिस शासक वंश के समय की हैं I  टॉलेमिस वंश का समय 305 – 30 ई.पू.  के बीच  रखा गया है.

       ऐसा माना जाता है कि 30 ई.पू. के बाद क्लियोपैट्रा सप्तम की मृत्यु के पश्चात यहाँ पर रोमन साम्राज्य स्थापित हुआ होगा या फिर अलेक्जेंडर के किसी वंशज ने शासन किया होगा.

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