अग्नि आलोक

 *महाराष्ट्र में संसदीय लोकतंत्र और संवैधानिक परंपराओं की हत्या!*

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विजय दलाल

*ये फोटो आप देख रहे हैं इस मोदीजी – अमित शाह ब्रांड बीजेपी ने भारतीय लोकतंत्र को कहां ला कर खड़ा कर दिया है इसका प्रमाण है।*

*पिछले राष्ट्रपति जी के भी आपको ऐसे कई फोटो मिल जाएंगे।*

*यदि आप राज्यपालों के फोटो ढूंढने जाएंगे,अब आप अंदाज लगाइये बेचारे राज्यपाल तो दंडवत प्रणाम करते हुए मिलेंगे।*

*इसका प्रमाण तो कई राज्यपालों के खिलाफ राज्य सरकारें सुप्रीम कोर्ट में गई है और महाराष्ट्र में दलबदल कर शिवसेना,रांकपा और कांग्रेस गठबंधन की सरकार को गिराकर अनैतिक और असंवैधानिक बीजेपी गठबंधन की सरकार बनवाने में राज्यपाल कोश्यारी जी की भूमिका ने सबसे पहले साबित किया।*

*सुप्रीम कोर्ट द्वारा दावा साबित करने के सवाल पर कोश्यारी जी के गलत और पक्षपात पूर्ण निर्णय पर फैसले के बाद सरकार के गिरने के खतरे को देखते हुए दो संस्थाओं का इस्तेमाल किया।*एक सरकार की कठपुतली बने चुनाव आयोग का दूसरा* *असंवैधानिक तरीके से हाथ लगी सत्ता से बने स्पीकर का।*

*देश की जनता ने देखा है  लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्था लोकसभा और राज्यसभा के सभापतियों की सत्ता के षड्यंत्रों के पक्ष में एकतरफा निर्णय लेते हुए, तब षड़यंत्रों से हाथ आई डबल इंजन की सरकार का बना स्पीकर तो चाबी का खिलौना है।*

*उसको तो रिचार्ज जानबूझकर इसलिए नहीं किया गया था कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक येन केन प्रकारेण धकाना था क्योंकि यदि उससे पूर्व विधानसभा चुनाव हो गये तो महाराष्ट्र की जनता बीजेपी को उसके कारनामों के लिए जबरदस्त सजा देगी और उसका प्रभाव लोकसभा के चुनाव पर भी पड़ेगा।*

*इसलिए पात्रता को जो निर्णय 2022 में तुरंत बाद लेना था सुप्रीम कोर्ट की बार बार चेतावनी के बाद भी नहीं लिया गया।*

( स्पीकर नार्वेकर के निर्णय के समय और अन्य कई पहलुओं की समीक्षा बाद में )…. आगे.. 

विजय दलाल

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