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*मेरा भारत महान*

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शशिकांत गुप्ते इंदौर

आज सीतारामजी ने मुझे स्वरचित हास्य के साथ व्यंग्य सुनाया।
अब हम भारत में ही रहेंगे।
India नाम अंग्रेजी का नाम है।
अब भारत हमारा अपना अपनत्व भरा नाम है।
अब अपने भारत में कोई विदेशी आएगा तो वह हम भारतवासियों को देख दंग रह जाएगा। कारण अब हम भारतवासी यातायात के नियमों का उल्लंघन नहीं करेंगे।
भ्रष्टाचार तो भारत में कहीं भी दिखाई ही नहीं देगा।
वैसे भी भ्रष्टाचार की धुलाई करने की मशीन तो हम भारतवासियों को सन 2014 में ही उपलब्ध हो चुकी है। यह मशीन कितना भी गहरा भ्रष्टाचार का दाग क्यों न हो बगैर किसी वाशिंग पावडर के धो देती है।
अब कलयुगी दुशासन सरे राह किसी अबला का चीर हरण नहीं करेगा और ना ही किसी स्त्री की अस्मत लूटी जाएगी, ना किसी स्त्री को सरे राह निर्वस्त्र घुमाया जाएगा।
अब भारत का आम आदमी अंग्रेजी का suffer नहीं करेगा। अब सरकार द्वारा मुहैया मुफ्त तीर्थ यात्रा का लुफ्त उठाएगा।
भारत में धार्मिक स्थलों के आस पास भिखारी दिखाई नहीं देंगे। यदि दिखाई देंगे तो भिक्षुक दिखाई देंगे। भिक्षुक साहित्यिक शब्द है। भारत के धनकुबेर इन भिक्षुकों को भिक्षा दान करेंगे।
यह दान देने वालें अब भारतीय कहलाएंगे इसलिए दान भी शुद्ध एक नंबर में अर्जित धन का मतलब एक दम श्वेत रंग का ही दान करेंगे।
धार्मिक स्थलों में श्रीफल आदि प्रसाद की सामग्री का Resale क्षमा करना पुनर्विक्रय नहीं होगा।
अब मंदिरों में विराजित भगवान के दर्शन के लिए किसी भी Very important person भारतीय भाषा में समझ ने लिए अति महत्वपूर्ण व्यक्ति के लिए कोई विशेष कतार नहीं होगी।
अब अपने भारत में कोई भी भारतीय दवाई,घी या अन्य किसी भी खाद्य सामग्री में मिलावट नहीं करेगा। कारण भारत शब्द की पवित्रता कोई भी अशुद्ध करने का साहस नहीं करेगा?
भारत की अपनी संस्कृति को कोई भी दूषित नहीं करेगा।
यकायक एक व्यवहारिक प्रश्न जेहन में उपस्थित हुआ है,क्या अब अंग्रेजी भाषा की पढ़ाई अब देश में बंद हो जाएगी?
Engish literature को हम तिलांजली दे देंगे?
कारण हमें India जैसे आंग्ल भाषा के शब्द से नफरत जो है?
सीतारामजी ने इतना सब पढ़ कर सुनाया और कहने लगे,जब मेरी नींद खुली तो देखा मै स्वप्न में खो गया था।
यथार्थ में तो सुबह मेरे पोते ने मुझे Good morning कहा और पूछा How are you grandpa.
मैने उसे good morning के साथ god bless you कह दिया।
सीतारामजी का व्यंग्य सुनकर मैंने भी सीतारामजी से कहा आपका व्यंग्य तो mind blowing है।

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