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स्किन रैशेज से राहत दिलाती हैं नीम की पत्तियां

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      कोमल कुमारी, व्यूटीशयन 

त्वचा, ख़ासकर चेहरे की चमड़ी के लिए भी नीम बहुत फायदेमंद है. नीम को एक औषधीय पौधे के रूप में जाना जाता है। चिकित्सीय गुणों के कारण आयुर्वेद में इसका बार-बार जिक्र आता है। इन दिनों तापमान गिरने के साथ ही वातावरण शुष्क हो रहा है। जिससे त्वचा संबंधी संक्रमण और रूखापन बढ़ रहा है।

      स्किन ड्राइनेस के कारण रैशेज और छोटे-छोटे बंप्स निकल आते हैं, जिन पर बेहद खुजली होती है। इन समस्याओं से निजात दिलाने में नीम के एंटीसेपटिक गुण कारगर हैं.

*चमड़ी विकार और रैशेज निवारण में नीम की पत्तियों का रोल :*

      नीम की पत्तियों में निम्बिडीन, निम्बिन और क्वेरसेटिन नामक एंटी इन्फ्लेमेटरी कंपाउंड पाए जाते हैं। इसके साथ ही ये पत्तियां विटामिन सी का एक बेहतरीन स्रोत होती हैं। वहीं इनमें एंटीबैक्टीरियल और एंटी फंगल प्रॉपर्टीज भी पाई जाती है, जो इन्हें संक्रमण से लड़ने के लिए एक प्रभावी घरेलू नुस्खा बनाती हैं।

        संक्रमण से बचाव के लिए नीम की पत्तियों को चाय के रूप में टाइट में शामिल किया जा सकता है। नीम की पत्तियां प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट का एक बेहतरीन स्रोत है, जो ब्लड प्यूरीफायर का काम करती हैं। इसके अलावा यह लीवर और किडनी के फंक्शन को सपोर्ट करती है, जो बॉडी डिटॉक्स के लिए दो बेहद महत्वपूर्ण ऑर्गन हैं। इस प्रकार यह शरीर से टॉक्सिंस और वेस्ट मटेरियल को बाहर निकाल देती है, जो अक्सर संक्रमण का कारण बनते हैं।

       नीम की पत्तियों के अलावा नीम ऑयल भी त्वचा संक्रमण से राहत प्रदान कर सकते हैं। नीम के तेल में फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबॉयल कंपाउंड मौजूद होते हैं, जो त्वचा के लिए विभिन्न रूपों में फायदेमंद साबित हो सकता है।

       विशेष रूप से यह संक्रमण फैलने वाले बैक्टीरिया को खत्म करके प्रभावित एरिया को जल्द से जल्द हिल होने में मदद करते हैं। इसके अलावा ये आगामी दाग-धब्बों के खतरे को भी कम कर देते हैं।

1. पानी में नीम की पत्तियां डाल दें, इसमें कुछ देर तक उबाल आने दें। फिर पानी को ठंडा होने दें और इस पानी में कॉटन डुबोकर अपनी त्वचा के प्रभावित एरिया पर अप्लाई करें।

2. संक्रमण से बचाव के लिए बाहर से आने के बाद हाथों को नीम के पानी से अच्छी तरह धोने की आदत बनाएं।

3. आप अपने नहाने के पानी में नीम के पत्ते का पानी मिला सकती हैं। 2 मुठ्ठी नीम की पत्तियों को लगभग 1 लिटिर पानी में उबालें, फिर पानी को ठंडा करके इसे अपने नहाने के पानी में मिला लें।

4. नीम का रस निकालकर इसे रैशेज वाले प्रभावित एरिया पर अप्लाई करने से इन्हें जल्दी हिल होने में मदद मिलती है।

5. संक्रमण से बचाव के लिए नीम की चाय को डाइट में शामिल किया जा सकता है। नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर इनमें एक चम्मच शहद डालकर और इन्हें गरमा गरम इंजॉय करें। ये खून से अशुद्धियों को बाहर निकलने में मदद करती है और बॉडी को डिटॉक्स करती हैं। जिससे कि संक्रमण का खतरा कम हो जाता है.

ये हैं त्वचा के लिए नीम के फायदे : 

*1. एंटी एजिंग :*

नीम के सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक है इसकी एंटी-एजिंग प्रॉपर्टी। यह झुर्रियों, महीन रेखाओं को कम करने में मदद करता है। खासकर त्वचा में नमी बरकरार रखता है, जिससे प्रीमेच्योर एजिंग का खतरा कम हो जाता है।

*2. एंटीऑक्सीडेंट :*

नीम में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा पाई जाती है। यह त्वचा पर हानिकारक युवी किरणों के प्रभाव को कम कर देते हैं, साथ ही प्रदूषण और अन्य पर्यावरणीय कारणों से त्वचा की रक्षा करते हैं। नीम में मौजूद विटामिन और फैटी एसिड त्वचा में नमी बरकरार रखते हैं, और त्वचा को कोमल बनाता है।

*3. एक्ने ट्रीटिंग :*

नीम में मौजूद एंटी बैक्टिरियल गुण मुंहासों को कम करने में मदद करते हैं। यह एक्ने को कम करता है, सूजन से राहत प्रदान करता है और खुजली वाली त्वचा को भी शांत करता है। वहीं इसे मुंहासों के इलाज के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है।

*4. कोलेजन उत्पादक :*

नीम में विटामिन सी की गुणवत्ता पाई जाती है, जो कोलेजन के प्राकृतिक निर्माण में सहायता करते हैं। कोलेजन त्वचा को लंबे समय तक जवां रहने में मदद करता है। इसके साथ इसकी एंटीऑक्सीडेंट की गुणवत्ता, त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले फैक्टर से प्रोटेक्ट करती है।

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