प्रणव प्रियदर्शी
ग्लोबल स्टार्टअप डेटा प्लैटफॉर्म ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह महिला उद्यमियों की दुनिया में ऊंचा मकाम रखती हैं। लेकिन अगर बात इंडस्ट्री में महिलाओं के आगे बढ़ते कदमों की हो तो उनके स्टैंडर्ड एकदम अलग हैं। एक महिला उद्यमी के तौर पर उन्हें उस दिन का इंतजार है जब विमिन लीडर्स की बढ़ती संख्या का प्रतिशत देखने के बजाय लोग इंडस्ट्री पर उनके सामूहिक प्रभाव का जश्न मनाएंगे।
बहरहाल, महिला उद्यमी के रूप में उनकी यात्रा आसान नहीं रही है, वहीं इसकी शुरुआत तक पहुंचने के लिए भी उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि उनका इरादा शुरू से अपना कुछ बनाने का था, लेकिन इस लक्ष्य की ओर जाने का कोई रास्ता उनके सामने मौजूद नहीं था। लिहाजा, उन्हें अपनी राह खुद बनाने का विकल्प चुनना पड़ा। 2013 में Tracxn की स्थापना से पहले उन्हें कंसल्टिंग से लेकर वेंचर कैपिटल इन्वेस्टिंग तक काफी कुछ करना पड़ा। लेकिन अब Traxcn में 11 साल के अपने अनुभव की बदौलत वह नई उम्र की लड़कियों को आत्मविश्वास के साथ कहती हैं कि ऊंचे सपने देखने में कभी संकोच मत करो, तुम खुद यह देखकर हैरान हो जाओगी कि तुममें कितना कुछ कर गुजरने की, कितना कुछ हासिल करने की क्षमता है।
रास्ते में चुनौतियां तो आती ही हैं, उनकी राह में भी कम नहीं आईं। लेकिन जो चीज सबसे ज्यादा मददगार साबित हुई, वह थी समस्या को हल करने के नजरिए से देखने की आदत। उन्होंने शुरू में ही अपने दिमाग को इस रूप में ढाल लिया था कि जब भी कोई समस्या सामने आती, उनकी नजर इस बात पर नहीं जाती कि यह कितनी बड़ी बाधा है, मन में जिज्ञासा यह आती कि इसे हल कैसे किया जा सकता है। उनका कहना है कि बतौर लीडर आपकी सबसे बड़ी परीक्षा यह होती है कि आप अपने इर्दगिर्द प्रतिभाशाली लोगों को इकट्ठा कर पाते हैं या नहीं। इसके लिए पहली जरूरत है अपनी कमजोरियों को पहचानने की, तभी आप उन लोगों को तलाशेंगे, जिनमें वह ताकत है जो आपमें नहीं। मगर यह काम एक दिन का नहीं है। इसीलिए यह याद रखना भी उतना ही जरूरी है कि उद्यमिता सौ या पचास मीटर की दौड़ नहीं मैराथन है, जिसमें जल्दबाजी से कुछ हासिल नहीं होना।