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*न्यूरिसर्च : स्थाई खुशी भरे लम्बे जीवन के लिए जरूरी है  ‘तृप्तिदायी सेक्स’ की नियमितता*  

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                डॉ. प्रिया

_अमेरिकन ब्रेन एंड हार्ट एसोसिएशन की रिसर्च में मिले तथ्यों के आधार पर ब्रिटिश वैज्ञानिकों द्वारा युवाओं के लिए नित्यप्रति, प्रौढ़ों के लिए सप्ताह में दो दिन और आगे की उम्र वालों के लिए सप्ताह में एक दिन ऑर्गस्मिक सेक्स जरूरी बताया गया है।_

सेक्स एक जैविक क्रिया है जो जीवन में प्रजनन के अलावा भी बहुत महत्व रखती है. 

_सेक्स का मकसद महज़ बच्चे पैदा करना या मच्छर-मक्खी की तरह 2 पल खिलवाड़ करना भर नहीं है। यह मन-तन की सेहत और सैटिस्फैक्शन के लिए भी जरूरी है._

      14-17 साल की उम्र से वृद्धावस्था तक मनुष्यों में सेक्स इच्छा बनी रहती है. 

_रिसर्च में रेगुलर बेसिस पर सेक्स करने के इतने फायदे दिखे हैं कि जान कर आप भी दंग रह जाएंगे. तो चलिए जानते हैं:~_

 ●सेक्स के दौरान शरीर की जो मूवमेंट होती है वह पेट और पेल्विक की मसल्स को टाइट करती है. 

●महिलाओं में यह मासपेशियां मूत्राशय नियंत्रण को बेहतर भी बनाती हैं. 

◆स्टडी के मुताबिक़ 6,000 लोगों पर हुई रिसर्च के आधार पर पाया गया कि वह लोग जो नियमित रूप से स्वस्थ सेक्स करते हैं उन की याददाश्त उन लोगों से कही ज्यादा बेहतर होती है जो ऐसा सेक्स नियमित रूप से नहीं करते.

_नियमित सेक्स केवल फिजिकल ही नहीं बल्कि इमोशनल, साइकोलौजिकल और व्यक्तिगत दृष्टि से भी अतिआवश्यक होता है._

 ●सेक्सुअल एक्टिवनेस महिलाओं में लिबिडो को बूस्ट करता है जिस से उन में सेक्स करने की इच्छा बढ़ती है.

●सेक्स के दौरान हमारे शरीर में एंडोर्फिन्स रिलीज़ होते हैं जिन्हें ‘फील गुड’ केमिकल्स कहते हैं जो डिप्रेशन और चिड़चिड़ेपन को दूर करने में सहायक होते हैं.

●ओर्गास्म प्रोलैक्टिन नामक हार्मोन रिलीज़ करता है जो नींद में सहायक होता है.

सेक्स सेल्फ एस्टीम बढ़ाता है और इन्सेक्योरिटी को कम करता है.

●स्टडीज के मुताबिक जितना लंबा और ज्यादा पुरुष सेक्स करते हैं उतनी बेहतर उनके स्पर्म की क्वालिटी सावित होती है.

_आर्काइव्ज औफ सेक्सुअल बिहेवियर में पब्लिश्ड एक स्टडी के मुताबिक़ औसतन ‘यौनिक तौर पर स्वस्थ’ युवा एक साल में 400 बार, प्रौढ़ एक साल में  200 बार और वृद्ध  80 बार सैक्स करते हैं_.

●नियमित सेक्स से महिलाओं में हार्मोन्स का बैलेंस बना रहता है जिस से उन के पीरियड्स भी नौर्मल होते हैं और पीरियड क्रैम्प्स भी कम होते हैं.

●स्वस्थ सेक्स रेगुलर करने पर यह शरीर में इम्यूनोग्लोबिन ए लेवल को बढ़ा देता है. इस से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है.

 _पेंसिलविनिया की विल्क्स यूनिवर्सिटी ने 112 स्टूडेंट्स पर एक रिसर्च की जिस में उन्होंने पाया कि नियमित सेक्स करने वाले स्टूडेंट्स का इम्यूनोग्लोबिन ए लेवल सैक्स न करने वाले स्टूडेंट्स की तुलना में 30 फीसदी ज्यादा था._

    ●सेक्स से मनुष्यों में औक्सीटोसिन, डोपामाइन और सेरोटोनिन रिलीज़ होते हैं. यह मूड बूस्ट करते हैं और व्यक्ति रिलैक्स्ड फील करता है. 

◆वह खुश रहने लगता है और इस से उस की कार्यक्षमता और प्रोडक्टिविटी भी बढ़ती है.

●ओस्ट्रोजन नामक हार्मोन का सैक्स के दौरान स्त्राव होता है. यह हार्मोन स्किन को स्मूथ बनाता है.

 _अमेरिकन स्टडी के मुताबिक नियमित सैक्स करने वाली महिलाओं में ओस्ट्रोजन की मात्रा अन्य महिलाओं से दोगुनी होती है._

●नियमित सेक्स कोर्टिसोल लेवल कम कर मनुष्य के दिमाग को भी प्रोटेक्ट करता है.

●सेक्सुअल इंटरकोर्स स्ट्रेस जैसी प्रतिक्रियाओं से लड़ने में दिमाग की क्षमता को बढ़ाता है. 

_स्टडी के अनुसार इससे एंग्जायटी लेवल में भी गिरावट आती है._

●कपल्स के बीच रेगुलर सेक्स से कमिटमेंट बढ़ता है. लव मेकिंग बढ़ती है जिससे आपसी प्यार और सौहार्द में बढ़ोत्तरी होती है.

_सेक्स का पूरा लाभ “स्वस्थ’ यानि परम तृप्ति से स्त्री को बेसुध करने वाले स्तर पर और से मर्ज़ी से हुए सैक्स से ही मिलता है._

 ध्यान रहे कि~

 _अनचाहे सेक्स, अपाहिज सेक्स या एबनौर्मल सेक्स से फायदे कई गुना नुक्सान में बदल जाते हैं : खासकर स्त्री के लिए._

      विज्ञान का सैक्स से साफतौर पर मतलब लव मेकिंग और पैशनेट सेक्स से है. तो ये सेक्स नियमित सेक्स कीजिए और इस का भरपूर लाभ उठाइए.

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