राजेश जोशी
हुकुम!
जनता भरोसे लायक नहीं रही
इस जनता से काम नहीं चलेगा
हुकुम!
नागरिक होने के अधिकार को
पूरी तरह बदल डालिए
जो सहमत हो वो ही नागरिक हो
जो असहमत हो वो देशद्रोही
हुकुम!
सिर्फ आप हो,आप हो,आप ही आप हो
आप का विकल्प भी आप हो
जनता चुने और हर बार सिर्फ आपको चुने
कि आपकी जनतांत्रिक छवि कायम रहें
और तानाशाही बरकरार!