पुष्पा गुप्ता
कुछ वर्षों से महिलाओं में एक नई कैटेगरी बनी है “छुटेली.” अब तक समाज में महिलाओं की सिर्फ चार कैटगरी हुआ करती थीं : अविवाहित, विवाहित, विधवा और तलाकशुदा. आधुनिक समय में स्त्रियों की एक केटेगरी और बढ़ गयी है : छुटेली।
शायद कुछ लोग कन्फ्यूज होंगे कि यह कौन सी केटेगरी है? यह वह कैटेगरी होती है जिसमें एक शादीशुदा औरत अपने पति के जीवित होते हुए, बिना तलाक, उससे दूर रहकर अपने मायके में या किसी अन्य जगह रहकर जीवन व्यतीत करती है।
इसके मुख्य कारण होते हैं :
1. स्त्री की चरित्रहीनता,
2. पैसों की अत्यधिक चाहत,
3. पैसा लूटने के उद्देश्य से पति पर किए झूठे दहेज के मुकदमें,
4. शादी से पूर्व/पश्चात अपने प्रेमी से शारीरिक संबंध,
5. मनमानेपन के लिए आज़ादी
6. पति को गुलाम बनाकर रखने की तीव्र इच्छा
7. कईयों से सेक्स करवाने की मंसा.
आप निगाह घुमाकर देखेंगे तो इस तरह की कैटिगरी की औरतें आपको अपने पास-पड़ोस में बहुत देखने को मिल जायेंगी. उनके मन में यह सब करने के बाद भी बड़ा स्वाभिमान है।
वास्तव में समाज में उनकी ये वेल्यू सिर्फ एक वैश्या एवं तवायफ के रूप में होती है. इनके नसीब में कभी पति का सुख नहीं होता। सिर्फ पैसा ही इस तरह की औरतों के लिए भगवान होता है.
ऐसी औरतों का सिद्धांत ही होता है कि अवैध प्रेम-प्रसंग उजागर हो जाए तो माता पिता की इच्छानुसार या चुपचाप शादी कर लो. फिर पति और ससुराल पर झूठे मुकदमे लादकर प्रेमी के संग गुल्छर्रे उड़ाओ. गुजाराभत्ता या एकमुश्त रकम पति से लेकर ऐश करो. उन्मुक्त आज़ाद जिंदगी जिओ.
अंतत: में ऐसी औरत की मृत्यु होने पर चिता जलाने वाला भी किराए का लाना पड़ता है।
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