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न्यू रिसर्च : एसटीआई ही नहीं कैंसर का जोखिम भी बढ़ाता है मल्टीपल सेक्स पार्टनर 

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       दिव्या गुप्ता, दिल्ली 

यौन संबध स्थापित करना दो लोगों का व्यक्तित्व फैसला है। फिर चाहे किसी व्यक्ति का 1 सेक्स पार्टनर हो या उससे अधिक। सेक्स डिज़ायर को पूरा करने के लिए अक्सर लोग सेक्स पार्टनर बदलने लगते हैं। 

    मगर हाल ही में आई एक रिसर्च में मौजूद आंकड़े इस बात को दर्शाते हैं कि वे लोग जिनके 10 सेक्स पार्टनर रहे, उनमें कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। फिर चाहे, वो महिलाएं हो या पुरूष।हांलाकि महिलाओं की औसत पुरूषों की तुलना में अधिक पाई गई है। 

     रिसर्च के अनुसार अपने जीवन में जिन पुरुषों के 10 या उससे अधिक सेक्स पार्टनर्स रहे। उनमें आजीवन 1 यौन साथी होने वाले लोगों की तुलना में कैंसर का खतरा 70 फीसदी अधिक पाया गया। दूसरी ओर महिलाओं ने अपने जीवन में 10 या अधिक यौन पार्टनर्स से सेक्स किया, उनमें कैंसर की संभावना 91 फीसदी अधिक पाई गई। 

    जांच में ये भी पाया गया कि वे महिलाएं और पुरुष जिनके अधिक सेक्स पार्टनर्स रहे। वो अधिकतर अनमैरिड और युवा पाए गए। सेक्स के अलावा उन्में स्मोकिंग और अल्कोहल की भी लत पाई जाती है।

*क्या है मल्टीपल सेक्स पार्टनर और कैंसर जोखिम का संबंध?*

     अलग अलग सेक्स पार्टनर्स से सेक्स करने से शरीर में ह्यूमन पैपिलोमा वायरस का खतरा बढ़ने लगता है। इसके चलते व्यक्ति को यूटर्स के माउथ का कैंसर यानि सर्वाइकल कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। 

    ये शरीर के किसी भी अंग की नमी वाली जगह को आसानी से प्रभावित कर सकता है। आमतौर पर माउथ, सर्विक्स, वल्वा, वेजाइना, पेनिस और उनस को प्रभावित करता है।

     इसके अलावा ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस एचआईवी संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। इससे कपोसी के सारकोमा और लिम्फोमा जैसे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। वहीं हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी से लिवर कैंसर का जोखिम बढ़ने लगता है।

     गोनोरिया के कारण शरीर में प्रोस्टेट कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।

   मल्टीपल सेक्स पार्टनर होने से व्यक्ति को यूटर्स के माउथ का कैंसर यानि सर्वाइकल कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। कॉन्डोम कोई ऑप्सन नहीं है बचाव का. 

बीएमजे सेक्सुअल एंड रिप्रोडक्टिव हेल्थ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार लगभग 50 या उससे अधिक उम्र के 2,500 पुरुषों और 3,200 महिलाओं का एक समूह बनाया गया। इसमें समूह के सभी लोगों का अपने जीवन के दौरान सेक्स पार्टनर्स की कुल संख्या का आकलन किया गया।

     सेक्स पार्टनर्स की गिनती उनके जीवन में बढ़ने वाली कैंसर, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी समस्याओं से की गई।

     इस स्टडी में पार्टिसिपेंटस की औसत आयु 64 वर्ष थी। इस शोध में शामिल अधिकतर पुरूष विवाहित ही थे। जहां 28.5 फीसदी पुरुषों ने कहा कि उनके पास एक सेक्स पार्टनर है। वहीं 29 फीसदी ने कहा कि उनके पास दो से चार सेक्स पार्टनर थे।

     20 फीसदी ने माना कि उनके सेक्स पार्टनर की संख्या पांच से नौ के बीच थी। इसके अलावा 22 फीसदी ने 10 या उससे अधिक की सूचना दी। 41 फीसदी महिलाओं के पास एक सेक्स पार्टनर की सूचना मिली। वहीं, 35ण्5 के पास दो से चार सेक्स पार्टनर थे। 

    16 फीसदी महिलाओं में पांच से नौ हैं और सिर्फ आठ प्रतिशत के पास 10 या उससे अधिक सेक्स पार्टनर रहे।

     मल्टीपल सेक्स पार्टनर्स से शरीर में कई प्रकार के कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। 

*इन न बातों का ख्याल रखें :*

     एसटीआई से ग्रस्त होने पर सेक्स से पहले पार्टनर से बात करें और उन्हें अपनी स्थिति के बारे में बताएं।

असुरक्षित सेक्स करने से बचें।          

     महिलाओं और पुरूषों को सेक्स से पहले कण्डोम का इस्तेमाल करना चाहिए। हलांकि यह पुख्ता इंतजाम नहीं है. पसीना, स्वास, बाकी बॉडी पार्ट्स के स्किन टच भी रोग के वाहक हैं.

    मल्टीपल पार्टनर्स से सेक्स करने से बचें। इससे शरीर को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

     योनि की स्वच्छता का ख्याल रखें। सेक्स के बाद वेजाइना को क्लीन करें, जिससे हार्मफुल बैक्टीरिया पनपने का खतरा थोड़ा कम हो जाता है।

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