कोमल कुमारी, व्यूटीशियन
नोबेल पुरस्कार विजेता अमेरिकी लेखक जॉन स्टेइनबेक के बेटे को सूज़ैन नाम की एक लड़की से प्रेम हो गया। उसने पिता को पत्र लिखकर इस बारे में बताया। जवाब में पिता ने बेटे को हिदायतों भरा जो यादगार ख़त लिखा, उसे पढ़ें :
न्यू यॉर्क
नवम्बर 10
मेरे बेटे टॉम,
तुम प्रेम में हो- इससे अच्छी बात कोई दूसरी नहीं हो सकती और कभी भी किसी को इसे छोटा या हलका बनाने की इजाज़त मत देना। लेकिन प्रेम कई प्रकार का होता है।
एक तो होता है स्वार्थी, अहंकारी किस्म का प्यार, जिसमें हम स्वयं को ही अधिक महत्व देने की कोशिश करते हैं। यह कुरूप है।
दूसरा होता है वैसा प्यार, जिसमें हम अपने भीतर की तमाम अच्छाइयों, कोमलता, उदारता, सम्मान और सुंदरताओं को किसी पर उड़ेल देना चाहते हैं। इस प्रेम में हम किसी का महज़ सामाजिक शिष्टाचारवश सम्मान नहीं करते, बल्कि अपने जीवन में एक अनूठे और मूल्यवान व्यक्ति होने के लिए उसका आदर करते हैं।
पहले तरह का प्यार तुम्हें ओछा और कमज़ोर बना सकता है, लेकिन दूसरे तरह का प्यार तुम्हें मज़बूत, साहसी, नेक और यहाँ तक कि बुद्धिमान भी बनाएगा।
अगर तुम दूसरे तरह के प्रेम में हो तो प्रसन्न होओ और इसके लिए कृतज्ञता के भाव से भर जाओ।
हम जिसे प्यार करते हैं, वह हमारे लिए सबसे सुंदर हो जाता है, और उसके योग्य बनने के लिए हमें भी उतना ही सुंदर बनना होता है, यह याद रखो।
प्रेम को व्यक्त करने में हर्ज़ नहीं, किंतु यह स्मरण रहे कि कुछ लोग बहुत शर्मीले होते हैं और इसे कहते समय आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
कई बार ऐसा भी होता है कि जो भावनाएँ हमारे मन में हैं, हमें वैसी ही दूसरी तरफ़ से नहीं मिल पातीं। इसके अनेक कारण हो सकते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इससे आपकी भावना तुच्छ या मूल्यहीन हो जाती है।
और हाँ, कभी भी जल्दबाज़ी मत करना, क्योंकि जीवन में जो भी अच्छा होता है, वह कभी आपसे दूर नहीं जाता।
तुम सूज़ैन को लेकर घर पर आओ। मुझे और तुम्हारी माँ को उससे मिलकर बहुत अच्छा लगेगा।
बहुत सारा प्यार,
तुम्हारा पापा!