पुष्पा गुप्ता
_नूपुर शर्मा के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में दर्ज केस को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग वाली उनकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया है.अब नूपुर शर्मा को संबंधित राज्यों में मुकदमा लड़ना होगा. उनके खिलाफ आठ राज्यों में एफआईआर दर्ज हुआ है._
नुपुर के वकील ने जब उनकी क्षमायाचना और हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर की गई टिप्पणियों को विनम्रता के साथ वापस लेने की दुहाई दी तो पीठ ने कहा कि वापस लेने में बहुत देर हो चुकी थी, न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि उनकी शिकायत पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन कई FIR के बावजूद उन्हें अभी तक दिल्ली पुलिस ने उनको छुआ तक नहीं है.
शीर्ष न्यायालय ने नूपुर शर्मा के बयानों को उदयपुर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण वारदात के लिए ‘ज़िम्मेदार’ बताया. सुप्रीम कोर्ट की इस टिपण्णी के बाद नुपुर को उदयपुर केस में मुजरिम बनाया जा सकता है .
धर्म विशेष पर नूपुर शर्मा के बयानों पर कोर्ट ने कहा, ‘इससे उनके जिद्दी घमंडी चरित्र का पता चलता है। इससे क्या फर्क पड़ता है कि वे एक पार्टी की प्रवक्ता हैं। वे सोचती हैं कि उनके पास सत्ता की ताकत है और वे कानून के खिलाफ जाकर कुछ भी बोल सकती हैं।’
कोर्ट ने विवादित बहस को दिखाने वाले टीवी चैनल और दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने क्या किया? हमें मुंह खोलने पर मजबूर मत कीजिए। टीवी डिबेट किस बारे में थी? इससे केवल एक एजेंडा सेट किया जा रहा था। उन्होंने ऐसा मुद्दा क्यों चुना, जिस पर अदालत में केस चल रहा है।’
नूपुर के वकील: वह जांच में शामिल हो रही हैं। वह कहीं भाग नहीं रहीं।
सुप्रीम कोर्ट: क्या आपके लिए यहां रेड कारपेट होना चाहिए। जब आप किसी के खिलाफ शिकायत करती हैं, तो उस व्यक्ति को अरेस्ट कर लिया जाता है। आपके दबदबे की वजह से कोई भी आपको छूने की हिम्मत नहीं करता।
नूपुर के वकील: नूपुर को धमकियां मिल रही हैं। उनके लिए इस समय यात्रा करना सुरक्षित नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट: नूपुर को धमकियां मिल रही हैं या वे खुद सुरक्षा के लिए खतरा हैं? देश में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए वही जिम्मेदार हैं।
सुप्रीम कोर्ट: पैगंबर के खिलाफ नूपुर शर्मा की टिप्पणी या तो सस्ते प्रचार, राजनीतिक एजेंडे या कुछ नापाक गतिविधियों के लिए की गई थी। ये धार्मिक लोग नहीं हैं और भड़काने के लिए ही बयान देते हैं। ऐसे लोग दूसरे धर्म की इज्जत नहीं करते।
अदालत ने ये कहा
- यह पूरा विवाद टीवी से ही शुरु हुआ है और वहीं पर जाकर आप पूरे देश से माफी मांगें। आपने माफी मांगने में देरी कर दी, यह अंहकार भरा रवैया दिखाता है।
- अदालत ने कहा कि उदयपुर जैसी घटना के लिए उनका बयान ही जिम्मेदार है। उनके बयान के चलते पूरे देश में हालात बिगड़ गए हैं।
- नुपुर शर्मा ने पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी या तो सस्ता प्रचार पाने के लिए या किसी राजनीतिक एजेंडे के तहत या किसी घृणित गतिविधि के तहत की।
- ये लोग दूसरे धर्मों का सम्मान नहीं करते। अभिव्यक्ति की आजादी का यह अर्थ नहीं है कि कुछ भी बोला जाए।
- न्यायालय ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी को लेकर नुपुर शर्मा की माफी का उल्लेख करते हुए कहा कि यह बहुत देर से मांगी गई और उनकी टिप्पणी के कारण दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं। शायद अब दल्ली पुलिस को शर्म आये?
(चेतना विकास मिशन)