दुनिया के पांच सबसे अमीर लोगों को हर दिन 1 मिलियन डॉलर, यानि 8.3 करोड़ रुपये खर्च करते है। तो आपका दिमाग की चक्करा जाएगा कि उन्हें अपना सारा पैसा खत्म करने में 476 साल लगेंगे। Oxfam रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2023 के अंत में फोर्ब्ल की रीयलटाइम लिस्ट से ये पांच अरबपति चुने गए हैं। इनमें एलन मस्क, जेफ बेजोस, लैरी एलिसन, वॉरेन बफेट और बर्नार्ड अरनॉल्ट और उनकी परिवार शामिल हैं। सभी लोगों की स्वास्थ्य की जांच करने के बाद ये रिपोर्ट बनाई गई हैं।
यूके के संगठन ऑक्सफैम के अनुसार, दुनिया के पांच सबसे अमीर लोगों की संपत्ति 2020 में 405 बिलियन डॉलर से दोगुनी होकर 869 बिलियन डॉलर (प्रति घंटे 14 मिलियन डॉलर) हो गई है. इसके अलावा, लगभग पांच बिलियन लोग अब गरीब हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया दस साल से भी कम समय में अपना पहला खरबपति देखेगी, अगले 229 वर्षों में गरीबी खत्म नहीं होगी।
अमिताभ बेहार, ऑक्सफैम इंटरनेशनल (oxfam international) के अंतरिम कार्यकारी निदेशक, ने कहा, “यह असमानता अचानक नहीं आई है; अरबपति वर्ग यह सुनिश्चित कर रहा है कि बाकी सब की कीमत पर उन्हें और अधिक पैसा मिलेगा।अब अरबपति की संपत्ति मुद्रास्फीति की दर से तीन गुना तेजी से बढ़ रही है, 2020 की तुलना में 3.3 ट्रिलियन डॉलर, या 34 प्रतिशत अधिक अमीर हैं।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि पुरुषों और महिलाओं की संपत्ति का अंतर 105 ट्रिलियन डॉलर है, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था के चार गुना से अधिक है। स्वास्थ्य और सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी को 1,200 साल काम करना होगा, जो एक साल में 100 फर्मों का सबसे बड़ा सीईओ कमाता है।
दुनिया भर में लोग लंबे समय तक काम कर रहे हैं, अक्सर असुरक्षित और अनिश्चित नौकरियों में। लगभग 800 मिलियन कर्मचारियों की मजदूरी मुद्रास्फीति से मेल नहीं खाती, और पिछले दो वर्षों में उन्हें 1.5 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है, जो प्रत्येक कर्मचारी की मासिक मजदूरी के बराबर है।
रोजाना 1 मिलियन डॉलर भी खर्च करें तो इसके लिए उन्हें लगेंगे 476 साल
दुनिया में पांच सबसे अमीर लोग हैं, जिनके पास कुबेर का खजाना भरा पड़ा है। ये लोग यदि रोजाना 1 मिलियन डॉलर भी खर्च करें तो इस खजाने को खत्म करने के लिए उन्हें 476 साल लगेंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के शीर्ष पांच सबसे अमीरों में एलन मस्क, मार्क जुकरबर्ग और जेफ बेजोस जैसे टेक अरबपति आते हैं। यूके स्थित संगठन ऑक्सफैम के अनुसार, दुनिया के पांच सबसे अमीर व्यक्तियों की संपत्ति 2020 के बाद से 405 बिलियन डॉलर से दोगुनी होकर 869 बिलियन डॉलर हो गई है, 14 मिलियन डॉलर प्रति घंटे की दर से, जबकि लगभग पांच बिलियन लोग और गरीब हो गए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि मौजूदा रुझान जारी रहता है, तो दुनिया दस साल से भी कम समय में अपना पहला खरबपति देखेगी, लेकिन गरीबी है कि वह अगले 229 वर्षों तक भी खत्म नहीं होगी। ऑक्सफैम इंटरनेशनल के अंतरिम कार्यकारी निदेशक, अमिताभ बेहार ने कहा कि यह असमानता अचानक नहीं आई है। दरसअल अरबपति वर्ग यह सुनिश्चित कर रहा है कि बाकी सभी की कीमत पर उन्हें और अधिक पैसा मिले।
रिपोर्ट के अनुसार अरबपति अब 2020 की तुलना में 3.3 ट्रिलियन डॉलर या 34 प्रतिशत अधिक अमीर हैं, उनकी संपत्ति मुद्रास्फीति की दर से तीन गुना तेजी से बढ़ रही है। रिपोर्ट में यह भी बताया है कि वैश्विक स्तर पर पुरुषों के पास महिलाओं की तुलना में 105 ट्रिलियन डॉलर अधिक संपत्ति है। यह अंतर अमेरिकी अर्थव्यवस्था के आकार के चार गुना से अधिक के बराबर है। स्वास्थ्य और सामाजिक क्षेत्र में एक महिला कर्मचारी को उतना पैसा कमाने के लिए 1,200 साल काम करना होगा जितना सबसे बड़ी फॉर्च्यून 100 फर्म का सीईओ एक साल में कमाता है। रिपोर्ट के अनुसार लगभग 800 मिलियन मजदूरों की मजदूरी मुद्रास्फीति के साथ तालमेल नहीं खाती है। पिछले दो वर्षों में उन्हें 1.5 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है, जो प्रत्येक श्रमिक के लिए महीने की मजदूरी है।