विजय दलाल
*कल पाकिस्तान ने बेहतरीन खेल दिखाया और आज भारत ने इतना फिसड्डी। अरे यार दिवाली के पटाखे बचा के रखें थे बेकार हो गए।*
*भक्तों ने वर्ल्ड कप में पाकिस्तान भारत से ही नहीं दूसरी टीम से भी हारा तो देशप्रेम में बहुत पटाखे जलाए।* *द्वय भाई व्यापारियों की कमाल की दूरदृष्टी का देश कायल है।*
*कांग्रेस के राज में क्रिकेट के छुटभैय्यों को तो बहुत अवसर था मगर महान क्रिकेट विशेषज्ञ जयेश भाई शाह सपूत अमित शाह जैसे छुपे हुए थे और बीसीसीआई पर गांगुली जैसे पाकिस्तानी समर्थकों का कब्जा था।*
*जैसे वामपंथियों ने देश का असल इतिहास छुपाकर रखा था उसी प्रकार से गांगुली के बारे में भी यह तथ्य छुपाकर रखा था कि उसकी लिखी किताब ” ए सेंचुरी इस नाट ईनफ ” में पाकिस्तान के दौरे के समय आम पाकिस्तानी जनता ने उन्हें कितना प्यार और सम्मान दिया इसका वर्णन किया है।*
*उसके बाद बंगाल के चुनाव के समय पार्टी सेवा के लिए भी बहुत मान मनुहार की लेकिन बंगाल के गौरव का गुजरात/देश गौरव नहीं जागा अप्रत्यक्ष रूप से देश* *विरोधी ताकतों का साथ दिया।*सज़ा तो मिलना थी। बीसीसीआई का पद गया।*
*परिवारवाद विरोधी, विदेशी मूल की पैदाइशी वाले को वोट से भी यदि सत्ता मिल जाए तो सिर मुंडवाने को तैयार, मगर भारतीय मूल का विदेश में प्रधानमंत्री बन जाए तो ढ़ोल नगाड़े बजाए,रोज सुबह से शाम हिंदू वोटों के लिए मुग़ल शासन काल से कांग्रेस* शासन काल तक सभी को कोसे,
*इनके नियोग से उद्भव हुए पुत्र विरोचन को बीसीसीआई का सचिव बनाया।*
*आते से ही उसने अपने आप को साबित कर दिया भारतीय टीम को पाकिस्तान जा कर खेलने से रोकने का निर्णय कर लिया।*
*खेल बिना देखे ही विशेषज्ञता से जान लिया था कि टूर्नामेंट में पाकिस्तान की टीम बहुत अच्छा खेलने वाली है और भारत की टीम फिसड्डी इसलिए ऐसे मौके ही मत आने दो।*
*भारतीय टीम ने ठीक नहीं किया। चुनावों के मौके पर बधाई के फोटो भारत गर्व वगैरह के विज्ञापनों के अवसर चले गए।*
*पहले ही मोरबी ने गुजरात गर्व कम करवा दिया।*
*आज ही समाचार था कि नीरव मोदी (धनसुख भाई) भारत आ रहा है और मोरबी के पुल रिपेयर करने घड़ी बनाने वाली ओरेवा कंपनी के मालिक जयसुख भाई (मनसुख भाई )विदेश यात्रा पर निकल गए हैं। गुजरात के उद्धोगपतियों और व्यापारियों को यह विशेष सुविधा (सर्वसुख भाई) मोदी सरकार ने दे रखी है।*
हा हा हा हा…
विजय दलाल