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कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज: नाथ ,मोहन यादव दिल्ली रवाना

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नाथ के भाजपा में शामिल होने की अफवाहों का बाजार गर्म

राजधानी में चल रहा है भाजपा का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन
-सीएम मोहन यादव दिल्ली रवाना

भोपाल,। मध्य प्रदेश के पू्र्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ ने अपना 5 दिवसीय छिंदवाड़ा दौरा बीच में ही निरस्त् कर आज दोपहर भोपाल से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इसे लेकर राजनीतिक गलियारे में कमल नाथ के भाजपा में शामिल होने की अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है। कहा जा रहा है कि कमल नाथ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से मिल कर आगे की रणनीति बना सकते हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि राजधानी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में भाजपा का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आज शुरु हुआ है। इस कार्यक्रम में पार्टी के सभी स्तरों के नेता शामिल हो रहे हैं। मप्र के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी आज सुबह ही दिल्ली रवाना हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस से असंतुष्ट नेताओं के साथ ही कमल नाथ दिल्ली में कोई बड़ा खेला कर सकते हैं।

इन अफवाहों के बीच ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमल नाथ और उनके बेटे सांसद नकुल नाथ ने भाजपा में जाने के कयासों का खंडन भी नहीं किया है। इससे भी अफवाहों को बल मिला है। ऐसे में कहा जा रहा है कि दिल्ली में आज कमल नाथ भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिलकर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। कमल नाथ 14 फरवरी को 5 दिनी छिंदवाड़ा दौरे पर पहुंचे थे, अब बीच में ही दौरा निरस्त कर दिल्ली रवाना हुए हैं। कमल नाथ छिंदवाड़ा से दमोह होते हुए भोपाल पहुंचे और यहां से सीधे दिल्ली रवाना हो गए।

राजधानी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में भाजपा का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आज ही शुरु हुआ है। इस कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के सभी स्तर के नेता शामिल हो रहे हैं। ऐसे में दिल्ली पहुंच रहे कमल नाथ द्वारा आज बड़ा सियासी फैसला लेने के कयास लगाए जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से भाजपा में शामिल होने की अफवाहों के बीच कमल नाथ का अचानक दिल्ली दौरा होने से प्रदेश कांग्रेस में हलचल मची हुई है। यहां मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज सुबह ही दिल्ली रवाना हुए हैं। वे पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।


कमल नाथ के भाजपा में शामिल होने वाली अफवाहों के बीच भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट करते हुए संकेत दिया है कि वो कमल नाथ के साथ ही नकुलनाथ के पार्टी में शामिल होने का स्वागत करते हैं। दरअसल सलूजा ने सोशल मीडिया पर कमल नाथ और नकुल नाथ की फोटो लगाकर पोस्ट में लिखा है, जय श्री राम!।

एक तरह से यह लिखकर नरेंद्र सलूजा ने कमल नाथ का पार्टी में सांकेतिक स्वागत ही कर दिया है। इसके विपरीत राजनीतिज्ञ ऐसे किसी भी अफवाह को सिरे से खारिज कर रहे हैं और बता रहे हैं कि कमल नाथ या नकुल नाथ कांग्रेस छोड़ कर कहीं नहीं जा रहे हैं। जहां तक कमल नाथ के दिल्ली दौरे का सवाल है तो वह उनका अपना निजी दौरा भी हो सकता है, हर मामले को यूं राजनीति से जोड़कर देखना भी अतिश्योक्ति में आता है। अब देखना होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है, क्योंकि राजनीतिक गलियारे में अफवाह तो यही है कि कमल नाथ या तो खुद भाजपा में जाएंगे या नकुल नाथ को भेजेंगे।

भाजपा के हुए कमलनाथ तो आगे क्या?

मध्यप्रदेश की राजनीति में इन दिनों फिर भूचाल की स्थिति बन गई है। छह दशक से कांग्रेस की राजनीति से जुड़े कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलें जोर मार रही हैं। सबकी नजरें इस पर टिकी हैं। शनिवार को अचानक दिल्ली जाने के फैसले से पूरे देश की निगाहें इस घटनाक्रम पर अटक गई हैं। चर्चा तब और तेज हो गई जब नकुलनाथ और उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बायो से कांग्रेस हटा दिया। कमलनाथ भाजपा में जाएंगे या नहीं ये तो वक्त के साथ पता चल ही जाएगा, पर उनके भाजपा में जाने पर प्रदेश की राजनीति पर क्या फर्क पड़ेगा, हम उस पर बात करते हैं। 

भाजपा को नफा या कांग्रेस को नुकसान
कमलनाथ यदि भाजपा में शामिल होते हैं तो यकीनन प्रदेश कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका होगा। इसका फायदा भाजपा को मिलेगा। क्योंकि कमलनाथ के साथ कांग्रेस के कई विधायक और कई नेता भी भाजपा का दामन थामेंगे। इससे आगामी लोकसभा की तैयारी में लगी भाजपा को सीधा फायदा होता नजर आ रहा है, वहीं कांग्रेस को नए सिरे से जमावट करनी होगी। कहा जा रहा है कि कमलनाथ छिंदवाड़ा से अपने सांसद बेटे नकुल नाथ के साथ भाजपा में शामिल होने वाले हैं। हालांकि, उनकी या उनके किसी समर्थक की तरफ से इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है।राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो कमलनाथ को भाजपा आगामी लोकसभा में मैदान में उतार सकती है। वहीं केंद्र में मंत्री पद से भी नवाजा जा सकता है। आगामी लोकसभा में क्लीन स्वीप की मंशा लेकर मैदान में खड़ी भाजपा इसे बेहतर तरीके से भुनाएगी। कमलनाथ बीते छह सालों से प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहे हैं। उनके समर्थकों की संख्या में लगातार बढ़ी है। उनके भाजपा में जाने से कांग्रेस को निश्चित ही बड़ा झटका लगेगा। 

भाजपा में जाने की क्या है वजह?
सारी उठापटक के बीच हर कोई ये जानने को भी बेताब है कि आखिर कमलनाथ को क्या जरूरत आन पड़ी कि वे भाजपा में जाएं। इसकी कई वजह भी हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ा। प्रदेश की 230 में से भाजपा ने 163, कांग्रेस ने 66 और भारत आदिवासी पार्टी ने एक सीट जीती थी। कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में हार का ठीकरा कमलनाथ पर फोड़ दिया। उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया। अन्य नेताओं ने भी उन्हें अलग-थलग कर दिया। इसके बाद कांग्रेस ने एकाएक अपना प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया। राहुल गांधी के करीबी रहे जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस की बागड़ोर सौंप दी गई। इसके बाद कहा जा रहा था कि कमलनाथ राज्यसभा का चुनाव लड़कर केंद्रीय राजनीति का हिस्सा बन सकते हैं, पर पार्टी ने दिग्विजय सिंह के समर्थक अशोक सिंह को राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया। कुल मिलाकर कहा जाने लगा कि कमलनाथ को प्रदेश के नए नेतृत्व ने एक तरफ कर दिया, जिससे कमलनाथ खफा हैं।

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